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CRIME PATROL 2024 #crime #Indian #report #history

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00:00पड़तल पड़तल
00:30पड़ताल के अच्छा कैसेच पर आप इतना यान पर पाराड़ा चाहते हैं
00:38बनड़ पकटि, बनड़ पकटि, पन पकटी, पन पकटी, परण पड़ा चाहते हैं
00:49तुम आहसे आओ, तुमरे साथ
00:51शुआय हुए जीविंसी़ है
00:56आपने किसी को यहाँ से भागते हुँ देखाए?
00:58नहीं तो. कौन था, साहब?
01:00कैदी था. आतमें हाथकड़ी थी.
01:02अमने किसी को जाते हुँ नहीं देखा.
01:26सर.
01:56ये देवी परसाथ की एने अपलिकेशन पर कोई मुमेंट ही नहीं हुई है।
01:59खपल जी, फाईल हमारे टेबल पर आये तो?
02:01तब तो कोई मुमेंट होगी?
02:02फाईल तो हमने एक अपते पहले ही अजे क्यां से भेज दी थी.
02:05कपिल जी, फाईल हमारे टेबल पर आती तो क्या ये हो सकता है कि काम नहीं होता?
02:09ये लड़का अजे जो है बड़ा ही लापरवा होता जा रहा है.
02:12इसने फाईल यहां-माँ कहीं रख दी होगी.
02:13राम करपाल जी, केस अर्जेंट सा है.
02:15राम करपाल जी, ये देवी परसाद की एने अपलिकेशन पर कोई मुमेंट ही नहीं हुई है?
02:19कपिल जी, फाईल हमारे टेबल पर आते थो? तब तो कोई मुमेंट होगी.
02:22फाईल तो हमने एक अपते पहले ये अजे क्यां से भेज दी थी.
02:24कपिल जी, फाईल हमारे टेबल पर आती तो क्या ये हो सकता है कि काम नहीं होता?
02:28ये लड़का अजे जो है बड़ा ही लापरवा होता जा रहा है.
02:31इसने फाईल यहां-माँ कहीं रख दी होगी.
02:33राम करपाल जी, केस अर्जेंट सा है.
02:35हम समझ गयें कपिल जी. अभी उस अजे की किलास लेते हैं.
02:45सर, ये कपिल सर फाईल भेजें आपके लिए.
02:51उनके कैबिन से हमारे कैबिन तो काने में खाफ़ता ला गया तुम्हें?
02:54राम करपाल सर, पिछले अप्टे जो रख कर गए थी यहांपे.
02:57हमारे टेबल पर तो नहीं थी.
02:59यहीं रखी थी.
03:00हाँ भाई, हमें जूब बोल रहे हैं.
03:02हम ऐसा तो नहीं कहा रहे हैं सर.
03:04तुम्हारा काम कोई दिमाग वाला तो है नहीं.
03:06कमस कम दिल लगा के तो किया करो.
03:08यह फाइले कोई तुम्हारे फिल्म के सस्ती डिविडी नहीं है कि कहनी भेंगे.
03:11यह फाइले हमारे सिस्टम के नसे हैं.
03:14एक भी खो गई, दब गई या कट फट गई,
03:17तो पूरा सिस्टम ठप हो जाएगा.
03:19जी, सर.
03:20हमारी बात को हलके मन लो.
03:22आखरी वॉर्णिंग दे रहा है.
03:24अगली बार सस्पेंशन ओर्डर थमा देंगे.
03:26जिंदगी स्टार्ट होने से पहले खराब मा करो, कह देते हम.
03:29जाओ.
03:52राम कृपाल जी, चलेंगे नहीं?
03:53कपिल जी, ये दिवी प्रिसाद जी की एने एप्लिकेशन आज कम्प्रीट कर गई घहर जाओगा.
03:58आप चलेंगे, मैं ओटो कर लोगा.
04:00कल दोपार तक भी मिल जाता, तो चल जाता वैसे.
04:02अरे नहीं कपिल जी,
04:04हम वैसे भी एक अफ़ता ले चल रहे हैं.
04:06और समय से कीमती क्या चीज है, पुछ नहीं?
04:08सही कह रहे हैं आप.
04:09चलेंगे, मैं निकलता हूँ, मिलते हैं जलती.
04:11जी.
04:21सर, हम भी निकलें.
04:22राम कृपाल जी, बैठा है ना आभी.
04:35हम जा सकते हैं, सर?
04:36हमें 15-20 निट और लगेंगे.
04:39हमारे निकलने की बाद,
04:40अफ़िस को ढंख से ताला लगाकर, इसके बाद ही तुम घर जाओगे.
04:43समझा, सर जी.
04:5013 अक्तूबर को सरकारी दफ्तर में होई हर घटना की तरफ,
04:55हम बार-बार लोटने वाले थे.
04:56इस मर्डर केस की इन्वेस्टिगेशने,
04:58एक आँख मिचोली का खेल सावित हुई.
05:00लंबा चला.
05:02जी, सर?
05:03इस फायल कपिल जी के टेबल पर रख दो.
05:05सबसे उपर.
05:06टेबल पर मतलब, किस योर के टेबल पर नहीं.
05:08जी, सर?
05:09इस फायल कपिल जी के टेबल पर रख दो.
05:11सबसे उपर.
05:12टेबल पर मतलब, किस योर के टेबल पर नहीं.
05:14कपिल जी के टेबल.
05:15जी, सर?
05:32जी, सर? पढ़ाम.
05:33पढ़ाम, पढ़ाम, हरी विशाद.
05:34काम निपता लिये?
05:35हाँ, बस अभी, अभी.
05:36अभी कहा हो.
05:37आसपास में हो थोड़ा रुख जाओ.
05:38साथी में चलते हैं.
05:39अरे, हम तो घर भी पहुँच गए.
05:42आप काम में व्यास थे, तो हमको लगा वक्त लगेगा.
05:44तो हम निकल आये.
05:45चली, कोई बात नहीं.
05:46कल मिलते हैं.
05:47राम-राम, सर जी.
05:48राम-राम.
06:19राम-क्रिपाल जी, राम-राम.
06:22जी, राम-राम.
06:34खुन?
06:45भीया, इनकी साथ चल रही है.
06:46जल्दे से हुआ.
06:47चले.
06:48औटा ही, औटा ही.
06:50चले.
06:51आरामसे, आरामसे.
06:52ता उपहुआ भाई?
06:53वो महिस भीया, आपके पास राम-कृपाल जी का फैबिली का नमबर है का?
06:55हार, हम उनके बेटे सुरेश को जानते है.
06:57तो फट-फट फुनिया दीजी, चली.
06:58पपा को ले गया है. हम अभी निकल रहे हैं.
07:00क्या? क्या कह रहे हैं तो?
07:02कुछ पता नहीं है अभी हमको.
07:03असपताल जा कर देखते हैं.
07:04आप लोग भी पहुंच देखते हैं.
07:05क्या हो, मममी?
07:06सुरेश के पापा को गोली मार दी किसी ने.
07:08क्या? ऐसे कैसे किसी ने गोली मार दी पिताजी को?
07:11पता नहीं, सिविल असपताल ले के गए हैं.
07:13चल जल्दी चल.
07:16दाशन, वहाँ फोन करें पाता.
07:19ये डक्टर.
07:20सोरी, हम पेशन्ट को बचा नहीं पाई.
07:22सरसर. हम सुरेश चॉप हैं.
07:25राम किरपाल चॉप के बेटे.
07:26कहाई हमारे पापा?
07:30हमारे पापा क्हाई है सर?
07:31सुरेश राम किरपाल जी अब नहीं रहे.
07:36साभ जी, में अपना ठेला जमाल करता हुंसा हुंसा।
07:39साफ जी.
07:40सुरेष राम किरपाल जी अब नहीं रहे हैं।
07:45साब जी, मॉंँ अपना ठेला जमा रहे थे।
07:47अच्छणक हमरा छेरे पेंच खुण का शिटा आ गया।
07:49ये दो बाईक वाले जो थे, उनके छेरे देखे थे तुमने?
07:52आपने उन दोनों को देखा?
07:53एक जलक के लिए दोनों दिख गए।
07:54हम हमारा दुकान बंदी कर रहे थे, तो देखा...
07:57दोनों राम किरपाल जी के पास आये,
07:59कुछ बाते हुई, पर उँ पता नहीं चला कि क्या बाते हुई।
08:03गोली की आवाज जी सुनी आप ने?
08:05नहीं साब जी, कोनों आवाजे नहीं आया।
08:07साब वो रजिस्टर आउपिस के बाहर के चाय वाले
08:09महेश को रोक के रखा हैं।
08:10हम ने कुछ देखे थे, तो वो देखे थे,
08:11तो तुमने आवाज जी के पास आये।
08:13नहीं साब जी, कोनों आवाज ये नहीं आया।
08:14साब वो रजिस्टर आउपिस के बाहर के चाय वाले
08:16महेश को रोक के रखा हैं।
08:17हमने कुछ नहीं देखा, मालिक।
08:20बस इतना सुना ही दिया कि
08:21राम किरपाल जी पे गोली चल गई।
08:22राम किरपाल चाउवेज जी को भी उफिस ते निकलते वी नहीं देखा तुमने।
08:24बिलकुल देखा था, मालिक।
08:25राम किरपाल जी तनी के लेट निकले थे।
08:27तब तक दफ़तर के सारे लोग जा चुके थे।
08:29सुरेश बोल काहे नहीं राह है।
08:32ओपरेशन हो गया ना।
08:33अप्रेशन न हो जा लका पड़ेती था।
08:35आम पड़ते हैं।
08:37अपर वो मुझे आने लिए चोल कर।
08:38सुरेशबृत बोल जी पर दुखने लगा से
08:41अपाल जीतने के लेट निकले थे.
08:43तब तक दाफ़तर के सारे लोग जा चुके थे.
08:45अच्छा ऐसा कोई जो ओफिस के बाहर मंड़ा रहा हो,
08:47उनपर नज़र रख रहा हो,
08:49और उनके ओफिस से बाहर निकलते ही उनका पीछा किया हो,
08:51ऐसा कुई देखो तुमने?
08:53ऐसा किसी को नहीं देखे हमाले।
08:55सुरेश, बोल कहे नहीं रहा है?
08:58उपरेशन हो गया न?
09:00ठीक है न तुम्हारे पापा?
09:01सुरेश, कुछ बोलो न?
09:03पापा ठीक है न?
09:04बोल सुरेश.
09:07ममी,
09:09ब्लीटिंग बहुत हो गया था.
09:11ढक्टा ने बहुत कोशिस की, ममी.
09:14लेकिन...
09:18लेकिन पापा बच नहीं पाए.
09:19बखवास मत कर.
09:20मुझे देखना है.
09:21ममी.
09:22मैंने कहा न, मुझे देखना है.
09:24वो...
09:27बॉड़ी को पोस्मार्टम के लिए लेकर गया.
09:29बॉड़ी मत बोल.
09:30बापा है वो तुम्हारे.
09:31बापा नहीं रहे.
09:40क्या?
09:41क्या आप बात कर रहे हो आरिफ?
09:43अभी हमको महेश चायबाला का फोन आया.
09:45कह रहा आया कि ओफिस के बाहर गली में किसी ने
09:48चौबेजी को गोली मार दिया.
09:49ए भगवान.
09:51जयन कलेक्टर साब.
09:53जी.
09:55हाँ सुना मैंने.
09:58खेद है कि राम कृपाल चौबेजी बच नहीं पाय.
10:00राम कृपाल जी हमारे सबसे सीनियर भूमीने रिक्षकते है,
10:02रेजिस्टार आफिस में.
10:04और चार महीने में उनकी रेटायर्मेंट भी थी.
10:06पूइंट ब्लेंक रेंज.
10:08यस डौक्टर.
10:09फायरिंग इतनी नज़ीग से की गई कि मार्केट में किसी को कुछ पता ही नहीं चला.
10:12डेफिनेटली.
10:13सैलेंसर लगा होगा.
10:15दो गोलियां फायर रहे.
10:16वैसे एक गोली हमने अब्डॉमन से विरामत की है.
10:19वैसे एक गोली हमने अब्डॉमन से विरामत की है.
10:20और दूसरी हमें क्राइम सीन से मिले.
10:22मैंने सीविल आस्पितल के आरोमों से परस्टेनली बात कर लिए.
10:24अराइवल पर ही इतनी ब्लीडिंग हो चुकी थी.
10:26इससे पहले वो कुछ कर पाते.
10:28काफी इमानदार आदमी माना जाता था ये राम कृपाल चौबे.
10:31कलेक्टर साहब ने खुद लाइन माफिया के दरफ एशारा किया है.
10:34उन्होंने मुझे दो बार फोन भी किया.
10:35तो मुझे दो बार करता था कि यह नहीं करता था.
10:37इससे पहले वो कुछ कर पाते.
10:39विक्टिम की मौत हो चुके थी.
10:50काफी इमानदार आदमी माना जाता था ये राम कृपाल चौबे.
10:53कलेक्टर साहब ने खुद लाइन माफिया के दरफ एशारा किया है.
10:56उन्होंने मुझे दो बार फोन भी किया.
10:58दो लोग थे सर. पाइक लोग.
11:00एक ने हेलमेट पहना हो था और दूसरे ने गमचे से अपना मुझ धखा हुआ.
11:03पक्का सर.
11:0499% राम कृपाल जी के नाम की सुपारी निकले गई हो.
11:07सुपारी सुपारी है चौदरी.
11:09पर मुझे इस कान्ड का पनवारी चाहिए.
11:11जब तक मास्टर माइंड हात नहीं लगता, कोई सास नहीं लेगा.
11:14सर.
11:14हमारी ममी राद भर सो नहीं पाई है.
11:19डोरो कर हालत कस्ता है सर.
11:25हमें इसे किसी को समझी नहीं आ रहा है कि
11:28हमारे पापा के साथ कोई ऐसे...
11:31रेजिस्टेशन ओफिस में रोज करोणों की जमीनों को
11:34सरकारी हरी जंडी या तो मिलती है या नहीं मिलती है.
11:37राम क्रपल जी को हाली में किसने कोई धंकी दी था?
11:40या पहले कब?
11:41हमारे पापा दफ़तर की बाते घर पर डिसकस नहीं कर देते.
11:46पर हाँ सर, हमारे पापा बहुत एस्ट्रीक्ट आदमी थे.
11:51उसलों के एक तम पक्की.
11:53उसलों के पक्के लोग,
11:55समीर के कच्चे लोगों के रास्ते का काटा बनते हैं सुरेश.
11:58कबि नहीं.
12:01और तो हर,
12:04उनकी रेटायर्मेंट सिर्फ,
12:05चार महीने ही दूर थी.
12:15अममा!
12:18आर्ति!
12:21आर्ति!
12:24आर्ति!
12:25अरति, ये सब कैसे हो गया भी?
12:31बैते साल जिस दफ़तर में तेरे पापा ने काम किया,
12:38नाम कमाया, उसी के सामने किसी ने उन्हें गोली मार दी.
12:46अनिता बाबी, सुरेश कहा है?
12:48पुलिस्टेशन.
12:49कुछ पता चला कौन थे, क्या थे?
12:52अभी तक कुछ नहीं पता चला, राकिस.
12:54तो राम कृपाल जी ओफिस से बाहर निकले, और तुमने पीछे से ओफिस में ताला लगा दिया.
12:58जी, जी मैडम.
13:07दो लोग बाइक पे आए, उन्होंने तुमारे ओफिस से दो मिनट की दूरी पर चौबे जी को गोली मारी.
13:21तो पीछे पीछे मैं भी निकल गया.
13:23तो फाइरिंग के वग तुम चौबे जी के पीछे थे.
13:25नहीं मैडम, मैं तो अपोजिएट साइड में रहता हूँ ना.
13:27और राम कृपाल सर दूसरे साइड...
13:30मुझे क्या मालूम था मैडम कि ऐसा वे सब कुछ होने वाला है?
13:32बाइक पर दो लोग था, गोलियां चली.
13:34आपने कुछ भी नहीं सुन, कुछ भी नहीं देखा?
13:36सर जी, कल रात को भी हम दूसरे साइड को बता चुके हैं.
13:38कि एक जो था हेलमेट के बीचे चुपा था, और दूज़ा गमचे के बीचे.
13:41बाइक का नंबर देख पाया?
13:42सब कुछ इतनी जल्दबाजी में हुआ, कुछ देख नहीं पाया.
13:44देखे राम कृपाल जी बहुत भले आदमी थे.
13:47हमें पूरी उमीद है कि उनके हत्यारों को पकड़बाने में,
13:49आप हमारी मदद ज़रूर करेंगे.
13:50सर जी, हम बता चुके हैं कि हमारी नजर बस ऐसे ही गुमी थी.
13:53तो हमने देखा, बाइक जो है राम कृपाल जी के काफी पास आकर रुकी थी.
13:58अगर हमारे पापा उपरी कमाई ले रहे हो थे,
14:02तो हम सेल्समेन की नौकरी तो नहीं करेंगे.
14:04तो हमने देखा, बाइक जो है राम कृपाल जी के काफी पास आकर रुकी थी.
14:08सर, सारा मार्केट एक आपाज में बात कर रहा है.
14:10सुझेत, यह जो मार्केट जहाँ कतम होती है,
14:12वहाँ आगे चलकर राइट में, में बाजार,
14:14तो वहाँ किसी जुलेली शाफ में
14:16या किसी दूसरी दुकान में सिसी टीव कैमरा ज़रूर लगा हो.
14:18शान मारो, सिसी टीव फुटाजी निकलो.
14:20अगर हमारे पापा उपरी कमाई ले रहे हो थे,
14:25तो हम सेल्समेन की नौकरी तो नहीं कर रहे हो थे.
14:28घर हो या दफ़टर, हमारे पापा का एक आई मंतर था.
14:33छुपकर कुछ करना हो, तो करना ही नहीं चाहिए.
14:38पर किसी ने उन पर छुपकर वाड़ जरूर किया सुरेश.
14:42दिमाग में थोड़ा जोर दो, याद करने की कोशिश करो,
14:45अपनी ममी से बात करो, वो कोई टैंचन में रहे होगे.
14:49बिना वक्त के कोई फोन आया हो, कोई मिलने आया हो,
14:51कोई तू-तू मैमे, कुछ भी.
15:08उन पर गोली लगने के ठीक तीन मिनट पहले, उन्होंने आखरी कॉल आपको की थी.
15:11जी मैड़म, कल वो लेट तक बैठे थे किसी फायल को लेकर.
15:15फिर वो कपिल बाबु के साथ रोज की तरह उनकी गाड़ी में बैठ कर नहीं गए.
15:19फिर उन्होंने मुझे फोन किया कि अगर तुम आसपास हो तो रुख जाओ, साथ में चलते हैं.
15:22लेकिन मैड़म, तब तक तुम्हे अपने घर पहुँच गया था.
15:25फिर रात को जब पता चला तो बहुत सद्मा लगा, सुनकर, जो भी उनके साथ हुआ.
15:32देपार्टमेंट के बहुत ही भले और इमानदार बाबु थे वो.
15:34उनकी इमानदारी किसके रास्ते का काटा बन रही थी?
15:37जी?
15:38जी. उनकी मौद से सबसे ज़्यादा फायदा किसे होता हरी प्रसाद?
15:42मैं ये कैसे कह सकता हूँ मैड़म?
15:44मतलब इत्तफाक ही समझी है ऐसेंटर.
15:46इतफाक हो तो सकता कपिल जी पर इत्तफाक काफि खतरनाग था.
15:50कल शाम को आप वो फायल राम किरपाल जी के पास भेजतें.
15:53और कल शाम को, आप दफ़तर से जलदी घ़र चले जातें।
15:56और कल शाम को, राम किरपाल जी दफतर से घ़र जाने वाले आखरी करमचारी होतें।
16:00और आपके दफ़तर से दो मिनिट की दूरी पर
16:02उन्हें दो गुलियां मार कर उनकी हत्या कर दी जाती.
16:05सुनते ही होष उड़ गया है हमारे इंस्पेक्टर.
16:07राम कृपाल चोवे हमारे दिपार्टमेंट में
16:10सबसे सीनियर करमचारी थे.
16:12पपिल जी, वो सिर्फ सीनियर करमचारी नहीं था.
16:14बलके सबसे महत्यपुन विवाग संभालते थे.
16:16सारे जिले के लेंड सर्वे, जमीन के जगडे, जमीन के अपरूबल्स,
16:20इन सभी मसलों की फायल्स,
16:22राम किरपाल जी के अपरूबल के बिना आगे नहीं बढ़ती थी.
16:24जी हाँ.
16:29आरिफ, राम किरपाल जी जितने भी जमीन की तक्रारोवाली फायले
16:32हांडल कर रहे थे, वो सारी की सारी मुझे चाहिए.
16:34इनकलवा देते हैं, मैड़म.
16:35नहीं, पुरानी, चोटी, बड़ी, सारी.
16:37सारी की सारी इनकलवा देते हैं, मैड़म जी.
16:39और ऐसी कोई चीज जो आप जानते हों,
16:42जिससे राम किरपाल जी की जान को खत्रा हुआ हो?
16:44अलग से तो कुछ नहीं जानते हैं, मैड़म,
16:46लेकिन सारी की सारी फाईल आपके सामने रख देते हैं.
16:48बाईक, हेलमेट, गंचा और पॉइंट ब्लेंक से फायर.
16:51इन सारे लक्षनों से सुपारी वाला मामला ही लगता है, माले.
16:54इस राम किरपाल चोवे की इमानदारी से
16:56किसी ना किसी चुना लगाने वाले का मूझ ज़रूर चला होगा.
16:59इसलिए सुपारी निकली होगी.
17:01ये जला हुआ मूझ मुझे चाहिए, गोबिन.
17:03कपिल जी, पुलिस को जो भी कौपरेशन चाहिए, उससे दुगना दीजे.
17:06हर एक फायल, हर एक जानकारी.
17:08जी सर, अभी अभी पुलिस के टीम निकले हैं यहां से.
17:11इंस्पेक्टर से मेरी बात भी हुई है फोन पे.
17:14उनके लिए फायले निकल वा रहे हैं.
17:15फायलों से परे जाएगे कपिल जी.
17:17राम कृपाल जी हमारे सच्चायी की मिसाल थे.
17:20बिल्कुल राजा हरिश्चन्द ही समझ जीए सर.
17:22करेक्ट.
17:23लेकिन अब हर कोई नहीं होता ना राजा हरिश्चन्दर की ओलाद.
17:26उनकी सच्चायी न किसी न किसी जूटे के जूट को गईल जरूर किया है.
17:30सही कह रहे हैं आप सर.
17:31खुछ से पता कीजे.
17:33वो गायल फायलों के पन्नों के बीच कहीं छुपा है या दफतर के दिवारों के बीच?
17:41कल विश्णू आया था क्या?
17:42आप तो जानते ही होंगे.
17:44सुभार राम किरपाल जी से मिल कर गया होगा.
17:46सही कह रहे हो.
17:48कल आया तो था.
17:50हमने कहा गुड़ मॉणिंग आरिव सहाद.
17:52गुड़ मॉणिंग गुड़ मॉणिंग विश्णू जी.
17:54है राम किरपाल जी?
17:55तो रोजे रहते हैं.
17:56जाएए दोबारा कुसिस करके देख लीजी.
17:59कौन है यह विश्णू खेरा?
18:01कौन है यह विश्णू खेरा?
18:02अपने बेगुस राय का ही है मैडम.
18:04राम किरपाल जी के चक्कर लगा रहा था.
18:06उसका कुछ काम था जो हो नहीं रहा था न.
18:08कैसा काम?
18:09सर राम किरपाल जी ओफिस लेट कभी आये नहीं.
18:10लेकिन ओफिस से लेट कभी गए भी नहीं.
18:12सिवाई उस दिन के.
18:14वैसे रोज ओफिस से निकलते वक्त घर जाते समय,
18:17सब रेजिस्टार बड़े बाबू कपिला गर्वाल उनको लिफ दिया गरते थे.
18:20उस दिन कपिला गर्वाल ने राम किरपाल जी को एक फाइल दी.
18:22वो भी काफ़ी लेट.
18:24जिससे पुरा करते करते राम किरपाल जी ओफिस में लेट हो गए.
18:27और अकेले ही घर के लिए निकले.
18:28और शूटर्स को मौका मिल गए.
18:30क्या ये फाइल उन्हें जानबुझ के लेट दी गई थी?
18:32ता कि शूटर्स को मौका मिले?
18:34या ये महस इत्तफाक हो सकते?
18:36सर, अगर राम किरपाल जी ओफिस से लेट नहीं निकलते,
18:38तो शायद ये शूट आउट होता ही नहीं.
18:41शूटर्स इतना बड़े चांस क्यों लेंगे, सर?
18:43इत्तफाक का वेट करने का.
18:44सर, सर एक नाम सामने आये.
18:47कोई विश्नु खेरा है,
18:48जिसका काम ये राम किरपाल जी नहीं कर रहे थे.
18:51विश्नु खेरा?
18:53उठाओ इसे.
18:54ये हमारा पहला सस्पेक्ट है.
18:56हमारा खाता तो खुले.
18:58रिजिस्टार आफिस के हर करमचरी का फोन रिकॉर्ट से निकलोगा.
19:01स्कैन करो, राम किरपाल जी का भी.
19:03सर.
19:04ये कोई अचानक से किया गया मर्डर नहीं है.
19:06बिना किसी अंदर वाले की मदद के
19:08इस मर्डर का होना नमंकिन था.
19:11ये विश्णु खेरा वाला एंगल
19:12हमारा फ़र्स्ट लाइन अफ़ इंवेस्टिकेशन बना.
19:15अफकोस, आगे चल कर और कई एंगल उबरे.
19:18पर एक बात तो तैह है,
19:19कि ये केस करप्शन से जुड़ा हुआ है.
19:21विक्टिम एक इमानदार आदमी था,
19:23जो एक ऐसे डिपार्टमेंट में इंपॉर्टिन पोस्ट पर था,
19:25जहाँ करप्शन के चांसिस काफी हाई होते हैं.
19:28पर रामकृपाल चौबे चार महिने में रेटार होने वाला था.
19:30एक एमानदार आदमी जो चार महिने में हट रहा था,
19:33उससे रास्ता से क्यों हटाय गया? कुछ चूब रहा है.
19:36ये बात हमें भी चूब ही और आगे चलकर और गहराई तक चूब ही.
19:40कतल के दिन उस दफ़तर में जो भी हुआ,
19:43वो किसी भी सूरत में डेली रूटीन तो थी नहीं.
19:45और राम किरपाल चौबे का दफ़तर से अकेले निकलना और तेर से निकलना,
19:49कोई तफाक तो था नहीं.
19:52किसी बाहरे का, किसी भी लिए हला.
20:15पूरे बईगु सराई के साथ, हम पोये बहुत की राइय हैं, सरभाषत है
20:17कि राम किरपाल से पृसा संचल करती नहीं है.
20:20हमरे दिल में राम किरपाल जी के लिए बहुत आदर था.
20:22बहुत इज़त था.
20:23पर ये स्तारा आदर, ये इज़त तुम्हारे कुछ काम नहीं आ रहा था.
20:26कुछ तैनी जमीन में से तुम अपनी भाईयों का
20:28नाम कटवाना चाहते थे, ना?
20:30अब राम किरपाल जी तो ऐसा कर नहीं सरई,
20:32तो तुमने कर दिया?
20:34सच या जूत?
20:35गलत काम करवाना चाहने थे तुम राम किरपाल जी से,
20:38नहीं माने तो उनका ही काम तमाम कर दिये.
20:41नहीं ना, सर जी.
20:42हरे हम्हरा काम कोँछ इतना बड़ा थो था नहीं कि
20:44जाते हैं? वो छोटी सी बात थी.
20:47छोटी सी बात? तुमको ये बात छोटी नजराती है विश्णु के?
20:53तुम हमें बेमानी करने को कहरे हो, फ्राओड करने को कहरे हो.
20:57हिम्मत कैसे की तुम?
20:58हिम्मत नहीं, मिननत कर रहे हैं राम प्योपाल जी.
21:01अरे, हम आपको गलत काम करने के लिए काई कहेंगे?
21:04हम खुदे ही गलत आदमी नहीं हैं.
21:06हमरे मा बाबु जी का आखरी टैम तक हम पूरा खयाल रखे हैं.
21:09और सिर्फ हम रखे हैं.
21:11उनके इलाज खातेर हमरी बीवी का कंगन तक बिग गया.
21:15लेकिन हम मुफ़ नहीं कियें.
21:17बाबु जी खुदे ही चाहते थे कि उस सारी जमेन सिर्फ हमरे नाम करें.
21:20भकी नहीं हूँ वो.
21:21कैसे करते हैं?
21:22वकील बाबु के आने के पहले तो उनका बुलावा आ गया.
21:25यही खातेर तो आपके देवतर की परिकरमा कर रहें न?
21:27परीकरमा करने में और चक्र लगाने में फर्क होता है, विश्वरूजी.
21:31तुम चक्र चलाने की कोशिष में होती हैं.
21:33चो कम सकंग हम तो यहां होने लिए देगें.
21:35तो बेकार में खुद का और हमारा समय नश्ट न करें।
21:38जाएगे आँसे।
21:39इस केबिन में आज तक कोई गलत काम नहीं हुआ है।
21:42और अगले चार महने तक होनी से रहा।
21:44हम आपसे गलत काम करने के लिए कहाँ कहरा रामकिपाल जी.
21:47हम आपके सामने वखील साहब का बनायवा एकडम उरिजिनल सा वसियत नामः पेश करदेंगे।
21:51बस आप उसके पर मोहर लगाकर हमको आसिरवाद देदीजिये।
21:55तो कब पेश करेंगे वसियत नामः?
22:01हमारा उरिजिनल सा वसियत नामः जाली था।
22:04एक फ्राओरड कागस जिसे तम अपने भाईयों को हक मानना चाह रहे था।
22:08उनकी गया कानूनी बये दखली में तुम राम किरपाल जी को शामिल करना चाह रहे था।
22:12हम यही चाह रहे था। लिकिन उनको मारने से हमारा का फायदा होता।
22:16लेकिन उनको मारने से हमारा क्या फायदा होता है?
22:20उनके बिना तो हमारा काम नहीं हो सकता था, न?
22:22आप ही बताईए.
22:27इंस्टेक्टर साहब,
22:28कल हम राम किरपाल जी के अन्तिम संसकार के लिए गए था.
22:31इसलिए फोन आउफ रखा था.
22:32और कोई कारण नहीं है.
22:33एक बात बताईए, कापिल जी.
22:36अब राम किरपाल जी नहीं रहे,
22:38तो उनकी जगापे कौन आने वाला?
22:40वो तो अभी तैन नहीं है.
22:41कलेक्टर साहब और पटना आफिस ही नियूप्त करेंगे किसी को.
22:44चार मेहने बाद राम किरपाल जी रेटायर होने वाले थे.
22:47तो इतनी जिम्मेदारे वाली कुर्सी पर
22:49किसी के तो निक्ती हो गई होगी ना?
22:50नहीं हुई थी, इंस्टेक्टर.
22:51और अगर हुई भी होगी, तो हमें खबर नहीं.
22:54क्योंकि ऐसे फैसले हेड ओफिस से सीधे लिए जाते हैं.
22:57वैसे, आप लोगों को कुछ मिला है क्या?
23:01मिलने जासा क्या है, कापिल जी?
23:03उम्हें कुछ मिलना चाहिए था?
23:06नहीं, हम ऐसे ही पूछ रहे थे.
23:09हाँ, हम दो दिन के बाद डूटी जॉइन कर रहे हैं.
23:11हमरे ससुर जी के बारे में पढ़े होंगे, आप?
23:14हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, रामकिरपाल चौबे.
23:17हमरे फादर एली.
23:20चाई.
23:25ममी, ममी, थोड़ा चाई के लिए.
23:39पढ़शा.
23:40सर.
23:41फोन रिकोर्स तो सभी के खंगाले,
23:43पर कुछ भी अटपटा सामने नहीं आया,
23:45सिवाई इस हरी प्रसाद के.
23:46रामकिरपाल की आखरी बात इस हरी प्रसाद से ही हुई थी.
23:49पर यह साले जूद बोल रहा है.
23:50कैसे सर?
23:52इस साले का फोन रिकोर्स बता रहा है,
23:55कि उस कौल के दोरान यह घर पर नहीं था.
23:56नहीं पहुँच था?
23:57सरायपूर में था.
23:59हम तो घर भी पहुँच गए.
24:01आप काम में व्यास थे, तो हमको लगा वक्त लगेगा.
24:03मतलब सर हमारे साथ कोई गेम खेल रहा है.
24:06शायद.
24:07अब ये गेम क्या है?
24:09और हर टीम में कितने खेलाडी हैं?
24:11बस ये नहीं पता.
24:14जिंदिगी में अईसा भी काहे का सिधान?
24:17अब राम किरपाल जी को इतना भी अरियल नहीं होना चाहिए था.
24:20क्या मिला उनको इनका सिधानतों से?
24:24अब है चोहान.
24:25क्यों? वही होगा ना?
24:29अरे भाई, हमको ज़यसे ही पता चला कि राम किरपाल जी पर फायर हुआ है
24:33तो हमरा सबसे पहला डाउट उसा बेचवान पर ही गया.
24:36कलेक्टर साहब, एक दो सस्पेक्स आ गए हमारे लिस्ट में.
24:38इन्वेस्टिकेटिव टीम फुल टाइम इसी केस पर लगी हुई है.
24:41स्पी साहब, एक अफ़ता होने आया है.
24:43लेकिन किलर्स के बारे में आपकी टीम अभी तक एक सिंगल क्लू भी प्रिजेंड नहीं कर पाई.
24:48सर हम हर आंगल को टटोल रहे हैं.
24:50बहुत जल्द हम किलर्स और उनके मास्टर माइन तक पहुँँ जाएंगे.
24:53मेरा एशौरेंस है सर, आप भरोसा रखें.
24:55भरोसा तो है स्पी साहब, लेकिन प्रोसीजर सिर्फ आप और हम समस्थे हैं.
25:00नेता और जनतार सिर्फ भावनाय समस्थे हैं.
25:03बता दो, अगर अभे चमहान पर शक हो रहा है तो बस हो रहा है.
25:09उसी का किया धरा हो सकता है.
25:16हाँ, रामति पाल जी का जब फोन आया तब हम घर पहुँचे नहीं थे.
25:20पर अउन दवे थे सर.
25:22हम केवल सुनी सुनाई बातों के आधार पर तुमसे सवाल नहीं कर रहे हैं.
25:25हमने कहा ना सर, हम घर पहुचने वाले थे.
25:27एक-एक सेकंड की बाल की खाल करने के बाद
25:29हमने तुम्हें यहाँ पर हाँजर किया हैं.
25:30आठ बर्जकर चोन्तीस मिनेट को तुम अपने घर पे पहुँचे.
25:34तब तक राम क्रपाल जी पे हमला हो चुका था.
25:37उन अस्पता ले जाये गया था.
25:38पर तब तक वो दम तोड़ चुके था.
25:40तुम्हारे फोन रिकोर्ट ने तुम्हारे साथ धोका किया, हरी प्रसाद?
25:43अब तुम हमें यह बताओ.
25:45राम क्रपाल जी के साथ धोका किसने किया?
25:47और क्यों?
25:49कौन है अभी चहन?
25:51दबंगी है मैड़म.
25:52कहा का दबंगी है?
25:53अरे यहीं अपने बेगुसराय कहीं है.
26:08उसी के एक जमीन का मैटर राम क्रपाल जी के पास आया था.
26:12बाकी का डिटेल आपको विने गौर बताएगा, मैड़म.
26:15इस विने गौर का नमबर दीजिए.
26:17पर हम application कैसे डाल सकते हैं?
26:20जब हम बोल दियें, डाल दो मतलब डाल दो.
26:22इतना सोच हुचार करने का ज़रूरत नहीं है, ठीक है.
26:25बागी सब हम देख लेंगे.
26:29आप साब, यह सच है.
26:31उस वक्त हम घर से काफी दूर थे, जब राम क्रिपाल जी का फोन आया.
26:35हरी प्रसाद, वो दोनों बाइक सबार कौन थे?
26:37और उन दोनों को सोपारी किस नहीं देती, वो बताओं.
26:39यह सब आप क्या पुछ रहे हैं, साब?
26:41हमको इस सब के बारे में कुछ भी नहीं मालूम है.
26:43कुछ तो मालूम है तुम्हें.
26:45और जिस दिन हत्या हुई थी,
26:47उस दिन भी तुम्हें कुछ ना कुछ तो जरूर मालूम था.
26:49बिल्कुल भी नहीं, सर जी.
26:51हमें इतना मालूम था कि राम क्रिपाल जी
26:52लेट तक बैठने वाले हैं उस फायल के साथ.
26:55और हमें ये भी मालूम था कि अगर वो लेट तक बैठेंगे,
26:57तो हमको साथ में चलने के लिए कहेंगे सेयर आटो में.
26:59इसलिए जैसे ही अज़े कैबीन के अंदर गया,
27:01हम तुरन्त महाँ से निकल लिये.
27:03तुम साथ कैसे जाते हैं?
27:04क्योंकि साथ में जाने का प्लैन तो थाई नहीं.
27:07अगर तुम साथ में जाते, तो तुम भी ठूप जाते.
27:10माफ़ किजेगा सर जी.
27:13पर आपका कल्कुलिशन इकदम गलत जा रहा है.
27:16हम महाँ से इसलिए खिसक लिये,
27:18क्योंकि हमको लगी थी तलब, नसा करने की.
27:34तो वो कहते कि, आटो घुमा कर वापर आजाओ, साथ चलते हैं.
27:37अब तुम बात को घुमा रहा हैं.
27:39सीधे सीधे बताओ ना यार.
27:40साथ सीधा साही साभ ये है कि हमको करना था नसा.
27:44इसलिए हमने छूट बोल दिया कि हम घर पहुँच गया हैं.
27:47कोई और दिन होता था हम साथ चले भी जाते.
27:49लेकिन उस दिन हमारा दिमाग फ्राइ हो चुका था.
27:51काम और घर के टेंशन से.
27:53और साभ ऐसे वक्त में शिरीब आदमी को नसा चाहिए होता हैं.
27:56ये इमानदारी और नेकी का लेक्शर नहीं.
27:58नेकी और इमानदारी, बहुत खटकती हैं ना तुम्हें?
28:01साभ, आप भी हमारी तरह सरकारी नौकर हैं.
28:04थियोरी और पैक्टिकल का भेध समझते होंगे.
28:07इस वक्त मैं सिर्फ तुम्हारी बात कर रहा हूँ.
28:09हम राम कृपाल जी जैसे बिल्कुल नहीं.
28:12और होना भी नहीं चाहते हैं.
28:13अरे, इसा भी क्या नेकी कि आप अपने बच्चा लोग का सिफारिश नहीं कर सकते हैं?
28:17इमानदारी के चक्कर में आप लोगों को चक्कर कटवाना
28:19ना तो समझदारी है और नहीं इंसानियत.
28:22भाई, अगर आपके थोड़ा सा एजस्ट्मेंट से
28:24किसी का काम हो रहा है, तो इसमें हर्च क्या है?
28:27राम कृपाल जी की वज़े से उफिस में कई लोगों का बढ़ा होता था, ना?
28:30मैंने सुना है कि वो ना तो खुद खाते थे
28:32और ना ही किसी को खाने देते.
28:34आप एकड़म ठीक सुने हैं, साहाब.
28:37खाना, पीना एक अलग बात है.
28:39दुस्मनिया किसे मोल लेंगे?
28:41आबय चोहन के सामने आप जंड़ा कारकर खरे हो जाते हैं.
28:45मतलब? क्या सोचा है?
28:48कि दिपार्ट्मेंट का साब लोग जो है, फाँजी की तरह आपकी रखसा करेगा?
28:51साहाब, एक बात मैं आपसे कह देता हूँ.
28:53वो इमानदार थे, भले थे, वो सब अपनी जगह है.
28:56हमारे इसाब से बहुत बड़े मूरख भी थे.
28:59दुनिया बदलने चले थे? दुनिया छोड़ चले?
29:03बस साब, इससे आगे हमको कुछ भी नहीं पता है.
29:06और हम ठेले मामूली कलर का आदमी.
29:08हमको पता था मैड़म, एक दिन की है अबे चुहान, अपना असली रङ दिखाया.
29:12पता था तो किस दिन का इंतिजार कर रहे थे हमें बताने के लिए.
29:16कोई special invitation चाहिए था क्या?
29:18अरे मैड़म, हमें लगा आप खुद ही पहुँच जाएंगे अबे चुहान तक.
29:20एक नमबर का गुन्डा है वो.
29:22सर हमरी जमीन भी हडपने की कोसिस कर रहा था वो.
29:34लियर है सर, आप खुद ही देख लीज़ें.
29:36सर वो वहाँ, वहाँ मेरी जमीन ख़तम होती है सर.
29:40और ये अबे चुहान की लगाई बाड को भी देख लीजें.
29:43सर ये अबे चुहान लगबक पचास मीटर अंदर गुश कर रहा है
29:46कभजा कर लिया हमरी जमीन पर.
29:48और लोटाने से भी साफ इंकार कर रहा है.
29:51तुम बात किया अबे चुहान से?
29:52सर एक नहीं, दस बार बात किया है.
29:55सर ये अबे चुहान जब से बाड ख़ड़ा किया है ना
29:57हमरा नींद उड़ गया समझो.
29:59हरी, अपने मुबाइल से इस फैंसिंग की फोटो ले लो.
30:02और वीडियो भी ले लो.
30:04कल सुबह 11 बज़ अबे चुहान को दफतर बुलवा लेते हैं.
30:07देख तो उसका क्या कहना है.
30:08सर, वो कहने और सुनने वालों में सर नहीं है.
30:10वो तो हमका जान का भी धंकी दे दिया है.
30:27ये हमरी जमीन के फोटो आप हमाई को कहा रहे हैं?
30:30वो इसलिए क्योंकि विनै जी की जमीन में
30:33आपने 50 मीटर फैंसिंग लगवाई है.
30:35उसके पीछे ले लीज़े, तुरंथ.
30:37वो मेरी जमीन है, और एक कागस है मेरे पास उसके.
30:40भूने रिक्सक जी, हम हमारी जमीन का सोधा कर चुके हैं.
30:44अब वो जमीन एक बिल्डर की है.
30:46तो हमारी लगाई हुई माण पीछे थो हटेगी नहीं.
30:51और इस दफ़तर में कोई गयरकामूनी रजिस्ट्री तो होगी नहीं.
30:55अब बिल्डर के साथ आपकी जो डील है,
30:59वो गयरकामूनी करार दिजाएगी.
31:00बिल्कुल राम किरपाल जी, हमारी जमीन इनकी कैसे हो सकती है?
31:04इजद से मांगी थी.
31:07अच्छी कीमत आफर की थी.
31:09तुमने हमरे आफर को ठुकराया, विने.
31:11हमको बेचनी नहीं है, तो ठुकराने की बात कहांसे आई?
31:15हमरी मरजी है, भाई.
31:16तुरी मरजी गई तेल लेने.
31:19हमरी मरजी है, हम तो का उसी जमीन में जिन्दा गाड़ दे विने गौर.
31:23राम किरपाल जी, नोट कीजी.
31:25आपके दफ़तर में बैठके, इस गुंडा हमका जान का धंकी दे रहा है.
31:29विने जी, अभे जी.
31:31आप लोग एक मिन हमारी बात शांती से सोचे.
31:33देखिया अभे जी, मैंने विने जी की सारे काकजात देखे हैं.
31:38वो पचास मीटर जमीन इनकी है, जिस पर आपने घयर कानूनी कभजा किया हुआ है.
31:42वहाँ से फैंसी का आप तुरण पीछे ले ले जी.
31:44इसके बाद आप जो सोधा करना चाहते हैं, कर सकते हैं.
31:47यह हमारा फुल और फैनल फैसल है, इसमें बह्यस की कोई गुञ्जाईश नहीं हूँ.
32:02राम किरपाल जी, मामला बढ़ी आसानी से सेटल हो सकता है.
32:07धंका रहे हो मैं?
32:08हमरी ऐसी जूरत का, हम तो बस एक तौफा देना चाहा रहे हैं आपका.
32:13लिया, कुबूल करें, सेटल कर लें.
32:27अभई चौहान जी, हमें घूस ओफर करने से पहले कमसिकम एक बार इस महस चाय वाले से पूछ तो लेते,
32:35कि हम किस टाइप के आदमी हैं?
32:37हर टाइप के आदमी की एक कीमोद होती है सर.
32:40यह रखम इतनी बड़ी है, कि आपको तो क्या, कलेक्टर साहाब को भी कभी आफर नहीं होगी,
32:45ले लिजिये, ले लिजिये, रेटाइड्मेंट के बाद पूरी दुनिया की सहर करा ये, विजनेस किलास,
32:51पूरी रेटाइड्मेंट बैट के आएश कीजिए, विजनेस किलास.
32:55गलती तुम्हारे नहीं है चावा, कई ओफिसेज में ऐसी लोग हैं,
33:00जिनके माथे पर लिखावा होता है, कि हम पिकाओ हैं, बस कीमस सही होनी चाहिए.
33:06ये कम लगे, तो आउर ले लिजी, और बस हमरी डील नहीं रुको सार.
33:12मुझे रिश्वत ओफर करने के चार्ज में, मैं तुम्हें जील बिज़वा सकता हूँ,
33:17पर इस वक्त मुझे में वो पहले जैसा चोष नहीं है,
33:21हाँ, होश जो करती हूँ है, इसलिए ये पैसे वापस लो, और वो फैंसिंग भी वापस लो,
33:28तब जाके मामला निपटेगा, और कोई तरीका है ही नहीं.
33:44परनाम साब इस्मेक्टर साहिए,
33:46इन दो लोग को तुम बेजे थे राम किरबाल जी के हत्या करने,
33:49उनका नाम, नंबर और पता चाहिए हमको.
33:52वाह, इसे कहते हैं डैरेक मुद्दे पे आना,
33:56अलब सामने वाले को बात घुमाने हो मने का टाइम ही ना दो.
33:58ये जो तरी दबंगई और गुन्डई ही है न, इसे तो हम दुई मिनिट में उतार देंगे.
34:02ऐसा होता, तु पूरे जीला का हर दूसरा बच्चा हम जैसा बनने का सपना ना देखता.
34:07छोड़े उस बात को. मुद्दा है, राम किरबाल जी का कसल.
34:10अब एक बात बता दू, अतना सीनिर सरकारी मुलाजीम के साथ, 36 का आकड़ा बनाने के बाद, उसका मरडर करवाएंगे हम.
34:18का मतलब, पागल कुट्टा काटा है हमका, अतना ही मनदार भाला आदमी था, पुलिस के साथ पबलिक भी तो नोचेगी.
34:27हमरे पालिटिक्स का पूरा सपना पर पानी ना फिर जाता.
34:30सीधे सीधे बता दे, वो दोनों शूटर्स कौन थे, और कहाँ हैं?
34:33हम बहुत पहले हमारी बाण पीछे ले चुके थे, राम किरबाल जी के आदेश से, वो वाला मामला सब सेटल था.
34:40राम किरबाल चोबे को खरीदने की कोशिश की थी तुमने?
34:42हम तो हर सरकारी अफिसर को तोफे आफर करते हैं जी.
34:45मना करने वाले को गोली नहीं मारते.
34:47जैसे ही हमें पता चला, कि ये आदमी अलग मिट्टी का बना हुआ है,
34:51हम जाके बेल्टर को समझा दिये, कि बाई जमीन कम मिलेगी.
34:54हम मान गया, मामला फिर कभी उठाई नहीं.
34:57इस्पेल्टर सहाँ, हम आपको एक बात बताते हैं.
34:59आप ना जरा इस बिने गौर के बच्चे को डडोलिये.
35:03तू हमरा नाम लेकर, फुद अपना कोई काला कर्तूत छुपा रहा है.
35:06तेरी तो हर कर्तूत काली है अभे जोहन.
35:09तोने आज तक सीधा काम किया है काम सर?
35:11हाँ, नहीं किया सीधा काम.
35:12लेकिन सीधा आदमी की परक है हमका.
35:14देखें, हम आपको फिर से कह रहे हैं.
35:32हमको हमरी गलती का एसास हुगा.
35:34हमने बान पीछे ले लिया.
35:35अरे जड़ा सोचिये सर जी.
35:36चार महिने में रिटायर होने वाले थे.
35:38इसा आदमी को मार के काम मिलता हमका.
35:41आप बिना सर जी.
35:43हमपर अपना कीमती वक्त जायना कर।
35:45ये मामला अंदर का है.
35:47और हमरा नाम इसमें जानबूच के धसीडा जा रहा है.
35:49तु बेगुस राय छोड़कर बाहर कहीं नहीं जाएगा.
35:51मुबाईल आफ़ नहीं रखूँगा.
35:53जहां बुलाव हाजरी देने आजाओंगा.
35:55जिस ठाने बुलाव आजाओंगा.
35:57यही ना, डन है जी, डन है.
36:02मुझे इस गुन्डे के पिछले छे मेने के डेली का रिपोर्ट चाहिए.
36:05सर.
36:07सर इस विशुखेडा और उस हरी प्रसाद
36:09दोनों के आंगल से कुछ भी सामने नहीं आ रहा है.
36:11दोनों के फून रिकॉर्ट स्कैन्ड है.
36:14सर, मुझे ऐसा लग रहा है कि
36:16हम इस सबे चवान वाले मूर्चे से खाली हाती लोटेंगे.
36:18हमारे हाथ तो पिछले कई दिनों से खाली है.
36:20वैसे हमारे सामने बहुत कुछ है.
36:22लेकिन ठोस कुछ भी नहीं है.
36:24ना कोई सुराग, ना कोई सुबूत.
36:27जिससे हमें इस कतल की साजिश का पता चले.
36:29उसके मॉर्टिम का पता चले.
36:30जब तक हमारे सामने कोई ठोस सुराग या सुबूत नहीं आता,
36:33तब तक हमारे हाथ खाली ही रहें.
36:38SP सहाब, 13 अक्टूबर को
36:40राम कुरपाल चौबे का मड़र हुआ दिन दाहरे भरे बजार.
36:43और आज 15 नवंबर है.
36:45और आप अभी भी ये कह रहे हैं कि
36:46आपकी इन्वेस्टिकेटिम टीम के हाथ में
36:48एक भी ब्रिक्थ्रू नहीं लगा.
36:50नितलेष जी, बेगुसराय का एक भी हिस्ट्री शीटर नहीं है
36:52जिसे हमने स्कैन नहीं किया हो.
36:55आउट व डिस्ट्रिक चेकिंग भी चल रही है.
36:56यही सब बात है आप मुझे दो हफते पहले भी बोल चुके है.
37:00लेकिन फैक्ट यह है कि आपके हाथ में एक बिग जीरो.
37:03सीरियसली बताईए स्पिसाब कि आप चाहते हैं
37:05इस केस के लिए मैं CBCID के लिए पेटीशन फायल करूँ
37:09या डारेक्कली CBI इंक्वारी रखूँ?
37:11आप फ्लीज हमें थोड़सा और समय दीजिये.
37:14रामखृपाल चोबे के हत्यारे जेल में होंगे, I promise.
37:16सिर्फ एक अपता और, उसके उपर एक भी दिन नहीं.
37:20कलेक्टर साहब केस ट्रансवर करने की अरजी देने की बात कर रहे है.
37:24क्या कहूँ?
37:25No, sir.
37:26Sir, केस पेचीदा है, ताम तो लगेगा ही.
37:29हमारे पास अगर एक भी ठोस headway होता ना,
37:31तो मैं डंके की चोट पर और टाइम माँगता, चाउधरी.
37:33Headway होगा, sir. जरूर होगा.
37:35हमारे पास एक अफ़ता है, सिर्फ साथ दिन.
37:38मास्टर मैं, मौर्टी, इस सब को फिलहाल साइड में रखते हैं.
37:41फोकस करते हैं उन दो बाईक्स वा शूटरस पर.
37:43उस शाम को बिट से स्टेड़ी कर दें, sir.
37:45तब यह साब देखेगा, कि ये सारा बिल्ट अप सिर्फ एक कतल के लिए किया गया है.
37:48लेकिन राहूर, थिर भी हम यह साबित नहीं कर सकते है
37:51कि राम किरपाल जी को कापिल अगरवाल के साथ खर जाने से रोका गया था.
37:54लास्ट मन पर फायल भेज गया.
37:56सर, मैंने राम किरपाल की करण फायल में से हर फायल को दो दो बार खंगाला.
38:01क्या कहा तमने?
38:03जो फायलें हमें दी गई, तो क्या हमें सारी फायलें दी गई
38:07या कुछ चुनिदा फायलें दी गई?
38:09क्योंकि ये विश्णू खेरा और अभे चोहान, ये हमें किसी फायल से नहीं मिले.
38:13और इन दोनों की अनबन हमारे सामने लाई गया था.
38:16क्या कहा तमने?
38:18जो फायलें हमें दी गई, तो क्या हमें सारी फायलें दी गई
38:21या कुछ चुनिदा फायलें दी गई?
38:23क्योंकि ये विश्णू खेरा और अभे चोहान, ये हमें किसी फायल से नहीं मिले.
38:28और इन दोनों की अनबन हमारे सामने लाई गया था.
38:30तो तो दोनों लीड्स थे या मिसलीड्स?
38:33ताकि हम गोलगोल गुमते रहें और गुमरा होते रहें.
38:36और असली कातिल को बचने का मौका मिल गई.
39:01क्या ये हमें असली कतल की साजिश तक पहुँचने से रोकने के लिए
39:04एक और साजिश रची गई?
39:06मतलब सर, ये सारी एंगल्स हमारे तरफ धके ले गए?
39:09ताकि हम गोलगोल चकर कारते रहें और हमारे हाथ कुछ भी नहीं लगे?
39:13किसी भी आफिस में एक रिश्वत ना लेने वाला इमांदर आदमी
39:16कई अंदर के और उपर के लोगों के रास्ते का काटा होता है?
39:19पर मर्डर के पीछे कुछ और डीपर शामिल था फॉर शौर।
39:22चार मैने में रिटायर होने वाले आदमी को
39:25किसी भी आफिस में एक रिश्वत ना लेने वाला इमांदर आदमी
39:28कई अंदर के और उपर के लोगों के रास्ते का काटा होता है?
39:31पर मर्डर के पीछे कुछ और डीपर शामिल था फॉर शौर।
39:34चार मैने में रिटायर होने वाले आदमी को
39:36कोई ऐसे ही क्यों गोली मार डालेगा?
39:38इन सारे सवालों के जवाब गतल के दिन
39:40उस आफिस की रूटीन तूटने में छुपे हुए था.
39:42और साथ ही रामकिरपाल चौबे का
39:44चार महिने में रिटायर होने की हर्किकत
39:46इस केस का सबसे एहम मुद्धा बना बैटा था.
39:50और हम कुछ असली मुद्धे मिस्क कर रहे थे.
39:52शायद इरादा भी यही था.
39:54कि हम इन असली मुद्धों से भटक कर
39:56इन भटकाए गए मुद्धों पर अपना वक्स जाया करते रहे हैं
39:58और असली मुद्धा दबा रहे हैं
40:00हम पर दबाव था
40:02सॉलिट दबाव
40:04सॉलिट मतलब सॉलिट दबाव
40:06और फिर एक ब्रेक्थ्रू मिला
40:08एक ऐसी घटना घटी जिसने इस केस को सर के बल उलटा था.
40:14हलो
40:17हलो
40:19अरे कौन बोल रहा है भाई
40:21तेरे बापू ने पैसा देने से इंकार कर दिये था
40:24देखे
40:25कहां भेज दिये उसे
40:26कौन हो तुम
40:27अकल मंद को ये सारा कापी होता है सुरेश चौबे
40:31देख
40:32दस लाक रुपे का तुरण देंजाम कर दे
40:35वरना तेरे बापू को तो उपर भेज दिये
40:38तुझे भी उपर भेजने में हमको ज़्यादा टाइम नहीं लगेगा
40:40अभे ओ
40:42हिम्मत है तो अपना नाम बता
40:43जब तेरा नाम निशान ही नहीं रहेगा
40:45तो हमरा नाम जान के का उखाड लेगा भे
40:48टाइम पास बहुत हो गया
40:50जल्दी से दस लाख रुपईये एकठा कर ले
40:53औरना तेरे नाम के आगे स्वर्गिये लगने में ज़्यादा देर नहीं लगेगा
40:56हलो
40:57हलो
40:58हलो
40:59कभ की बात है गोबे?
41:00सर एकदम एकज़्यक डेक तो पता नहीं है
41:02लेकिन हाँ पिछले एक अपते से
41:04राम क्रिपाल जी की बतनी यहाँ वहाँ से नगत के अन्धिजाम कर रही है
41:07अब नोडवंदी भी चल रही है
41:08बहुत मुश्किल हो रही है उन्हें
41:09अजीब है सर
41:10सुरेश चौबे सरस्वती चौबे ने हमें क्यों नहीं बता इस दंखी के बारे में
41:14सर कही एकस्ट्रोशन का मामला तो नहीं
41:15पड़स करें अगर किसी एक्स्ट्रोशन गेंग के हाथ फ़स भी गया
41:18तो भी देने के लिए पैसे तो होने चाहिए ना
41:20अब उसकी फैमिले को टार्गेट किया जा रहे है
41:22पर वो भी पैसे कहां से लेंगे
41:23सरस्वती चोबे रांग रिपाल जी की विध्वा
41:25रेजिस्टार आफिस गयी थी कपिल जी से मिलना है
41:27सुरेश चोबे को हाधिर करो और उसकी मा सरस्वती चोबे से भी बात करो
41:30यहाँ इतने आफतों से कोई औरी ट्रेक चला था
41:33यह हमें दिखी नहीं रहा था
41:34या फिर हमसे चुपाया गया था
41:36मैं ये नहीं कहूँगा कि हम चुके थे
41:38पर हमसे कुछ नजर अंदा जरूर हुआ था
41:40वो इसलिए क्योंकि शायद हम दबाब में थे
41:43करप्शन के एंगल को आप एक्स्टोर्शन के एंगल ने रिपलेस कर दिया था
41:46क्या ये भी एक मिसलीट था
41:48ताकि इंवेस्टिकीशन टीम सही दर्वाजे तक ना पहुँचे
41:50सही दर्वाजे तक पहुँचने के लिए
41:52अब हमारे लिए ये जानना पहँँ जुरूरी हो गया था
41:55के वो गलत दर्वाजा कौन सा है
41:57जिसकी तरफ गुम्रा करके हमें पार-बार बैजा जा रहा था
42:00तस्तक देने के लिए
42:01अब हम अतीत के एक हिसे तक तो पहुँच गया थे
42:03जो हमसे चुका नहीं था
42:05पर हाथ में नहीं आ रहा
42:07लेकिन महाल में मंड़ा रहा
42:35क्या जो नजर आ रहा था वही हकीकत थी
42:37या फिर इस कतल के पीछे
42:39कोई और ही कहानी छीपी थी
42:41भूविभाग के एक बेहद इमानदार भूमी निरिक्षक
42:43राम कृपाल चौबे की रेटायर्मेंड के
42:45चार महीने पहले उनका मरदर कर दिया गया
42:48हम आपको दिखाएंगे इस केस का दूसरा और आखरी भाग
43:18आखरी भाग