• 2 days ago
इस जगत में कोई स्वतंत्र कर्ता नहीं है | सब संजोग मिलके कार्य होता है| वैसे ही आत्मा भी एक मात्र संजोग है| आत्मा कुछ करता या करवाता नहीं हैं | वह केवल प्रकाश जैसे उपस्थित होता हैं |