वीडियो जानकारी: 17.11.24, गीता समागम, ग्रेटर नॉएडा
हम प्यार की बाहों में हैं, हमें फुरसत नहीं कल की सोचें || आचार्य प्रशांत (2024)
📋 Video Chapters:
0:00 - Intro
2:56 - वर्तमान की महत्ता
3:48 - भविष्य की चिंता का कारण
8:48 - रस्सी पर चलने वाली लड़की
10:52- नदी पर चलने का अनुभव
13:11 - अध्यात्म का लाभ
20:20 - बोइंग का उदाहरण
23:11 - वर्तमान का महत्व
28:48 - जीवन का सार
विवरण:
इस संवाद में जो आचार्य जी ने समझाया है, वह life में भविष्य की चिंता और वर्तमान में जीने के बारे में है। उनका संदेश यह है कि जब हम भविष्य के बारे में बहुत ज्यादा सोचते हैं, तो हम present को खो देते हैं। चिंता और भय, खासकर जब हम बुढ़ापे या वित्तीय समस्याओं के बारे में सोचते हैं, हमें उस समय को जीने से रोकते हैं जो हमारे पास है।
आचार्य जी का उदाहरण उस लड़की का था, जो tightrope walking में माहिर थी, और भविष्य की चिंता ने उसे गिरा दिया। उनका कहना है कि जब हम सोचते हैं "क्या होगा अगर मैं गिर गया?", तो यह विचार हमें हमारी focus से भटका सकता है। इसके बजाय, हमें अपने वर्तमान को पूरी तरह live करने की जरूरत है, बिना किसी भय या चिंता के।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम किसी काम में पूरी तरह से डूबे होते हैं, तो हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि भविष्य में क्या होगा। यह चिंता सिर्फ तब आती है जब हम वर्तमान में पूरी तरह से invested नहीं होते। अगर हम अपना काम, अपने जीवन को पूरे ध्यान से जीते हैं, तो भविष्य की चिंता अपने आप दूर हो जाती है।
आचार्य जी ने यह भी उदाहरण दिया कि कैसे एक व्यक्ति बिना किसी Plan B के काम करता है। उनके अनुसार, जो लोग backup plans के बारे में सोचते हैं, वे कभी अपने पहले प्लान में सफल नहीं हो पाते। इसलिए, हमें अपने कार्य को पूरे faith और निश्चय के साथ करना चाहिए, बिना भविष्य के डर के।
अंत में, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जीवन में कोई स्थिर security नहीं होती, और हमें इस असुरक्षा को स्वीकार करना चाहिए। सोचने की बजाय, हमें अपने वर्तमान में पूरी तरह से dedicated होना चाहिए, क्योंकि यही वास्तविक life है।
🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFwe...
हम प्यार की बाहों में हैं, हमें फुरसत नहीं कल की सोचें || आचार्य प्रशांत (2024)
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0:00 - Intro
2:56 - वर्तमान की महत्ता
3:48 - भविष्य की चिंता का कारण
8:48 - रस्सी पर चलने वाली लड़की
10:52- नदी पर चलने का अनुभव
13:11 - अध्यात्म का लाभ
20:20 - बोइंग का उदाहरण
23:11 - वर्तमान का महत्व
28:48 - जीवन का सार
विवरण:
इस संवाद में जो आचार्य जी ने समझाया है, वह life में भविष्य की चिंता और वर्तमान में जीने के बारे में है। उनका संदेश यह है कि जब हम भविष्य के बारे में बहुत ज्यादा सोचते हैं, तो हम present को खो देते हैं। चिंता और भय, खासकर जब हम बुढ़ापे या वित्तीय समस्याओं के बारे में सोचते हैं, हमें उस समय को जीने से रोकते हैं जो हमारे पास है।
आचार्य जी का उदाहरण उस लड़की का था, जो tightrope walking में माहिर थी, और भविष्य की चिंता ने उसे गिरा दिया। उनका कहना है कि जब हम सोचते हैं "क्या होगा अगर मैं गिर गया?", तो यह विचार हमें हमारी focus से भटका सकता है। इसके बजाय, हमें अपने वर्तमान को पूरी तरह live करने की जरूरत है, बिना किसी भय या चिंता के।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम किसी काम में पूरी तरह से डूबे होते हैं, तो हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि भविष्य में क्या होगा। यह चिंता सिर्फ तब आती है जब हम वर्तमान में पूरी तरह से invested नहीं होते। अगर हम अपना काम, अपने जीवन को पूरे ध्यान से जीते हैं, तो भविष्य की चिंता अपने आप दूर हो जाती है।
आचार्य जी ने यह भी उदाहरण दिया कि कैसे एक व्यक्ति बिना किसी Plan B के काम करता है। उनके अनुसार, जो लोग backup plans के बारे में सोचते हैं, वे कभी अपने पहले प्लान में सफल नहीं हो पाते। इसलिए, हमें अपने कार्य को पूरे faith और निश्चय के साथ करना चाहिए, बिना भविष्य के डर के।
अंत में, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जीवन में कोई स्थिर security नहीं होती, और हमें इस असुरक्षा को स्वीकार करना चाहिए। सोचने की बजाय, हमें अपने वर्तमान में पूरी तरह से dedicated होना चाहिए, क्योंकि यही वास्तविक life है।
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