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📝 चुनिंदा बोध लेख पढ़ें, खास आपके लिए: https://acharyaprashant.org/en/articles?l=1&cmId=m00021
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#AcharyaPrashant #आचार्यप्रशांत #Philosophy #BhagavadGita
वीडियो जानकारी: 29.11.24, गीता समागम, गोवा
AQI 500: किसने घोला है ज़हर हवाओं में || आचार्य प्रशांत (2024)
📋 Video Chapters:
0:00 - Intro
1:23 - अमेरिका से भारत की यात्रा का अनुभव
3:32 - प्रदूषण के आंकड़ों की गंभीरता
5:41 - भारतीय खाद्य संस्कृति और स्वास्थ्य
10:00 - पूंजीवाद और भौतिकता
16:30 - कंजंप्शन और प्रदूषण
21:52 - आध्यात्मिकता की कमी
26:17 - आनंद और साधारण सुख
विवरण:
आचार्य जी इस वीडियो में भारत में एयर प्रदूशन और इसके हेल्थ इम्पैक्ट्स पर गहरी चर्चा करते हैं। वे अपने एक्सपीरियंस को शेयर करते हैं, जब वे अमेरिका से दिल्ली आए और हाई लेवल प्रदूषित हवा के कारण सांस लेने में मुश्किल का सामना किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली का AQI (Air Quality Index) 2000 से ऊपर था, जबकि अमेरिका में यह केवल 30-40 के बीच रहता है। यह भयंकर प्रदूषण न केवल environment को नुकसान पहुँचाता है, बल्कि लोगों की life expectancy को भी 12 साल तक कम कर सकता है।
आचार्य जी ने चिंता व्यक्त की कि भारतीय सोसाइटी में प्रदूषण के प्रति awareness की कमी है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि प्रदूषण का असर तुरंत दिखाई नहीं देता, जिससे लोग इसे सीरियसली नहीं लेते। उन्होंने बताया कि भारतीय कल्चर में materialism और consumption को priority दी जाती है, जिससे लोग अपने health और environment की अनदेखी करते हैं।
इसके solution के लिए आचार्य जी education और values में सुधार की ज़रूरत पर जोर देते हैं। वे simple life के pleasures, जैसे yoga, reading, और nature activities की ओर लौटने का संदेश देते हैं। उनका मानना है कि consumerism और capitalism के कारण सोसाइटी materialistic हो गई है, जबकि असली happiness consumption में नहीं, बल्कि एक simple और conscious lifestyle में है।
🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06
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3:32 - प्रदूषण के आंकड़ों की गंभीरता
5:41 - भारतीय खाद्य संस्कृति और स्वास्थ्य
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16:30 - कंजंप्शन और प्रदूषण
21:52 - आध्यात्मिकता की कमी
26:17 - आनंद और साधारण सुख
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आचार्य जी इस वीडियो में भारत में एयर प्रदूशन और इसके हेल्थ इम्पैक्ट्स पर गहरी चर्चा करते हैं। वे अपने एक्सपीरियंस को शेयर करते हैं, जब वे अमेरिका से दिल्ली आए और हाई लेवल प्रदूषित हवा के कारण सांस लेने में मुश्किल का सामना किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली का AQI (Air Quality Index) 2000 से ऊपर था, जबकि अमेरिका में यह केवल 30-40 के बीच रहता है। यह भयंकर प्रदूषण न केवल environment को नुकसान पहुँचाता है, बल्कि लोगों की life expectancy को भी 12 साल तक कम कर सकता है।
आचार्य जी ने चिंता व्यक्त की कि भारतीय सोसाइटी में प्रदूषण के प्रति awareness की कमी है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि प्रदूषण का असर तुरंत दिखाई नहीं देता, जिससे लोग इसे सीरियसली नहीं लेते। उन्होंने बताया कि भारतीय कल्चर में materialism और consumption को priority दी जाती है, जिससे लोग अपने health और environment की अनदेखी करते हैं।
इसके solution के लिए आचार्य जी education और values में सुधार की ज़रूरत पर जोर देते हैं। वे simple life के pleasures, जैसे yoga, reading, और nature activities की ओर लौटने का संदेश देते हैं। उनका मानना है कि consumerism और capitalism के कारण सोसाइटी materialistic हो गई है, जबकि असली happiness consumption में नहीं, बल्कि एक simple और conscious lifestyle में है।
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