• 2 weeks ago
दादाजी कहते थे मैं दादा भगवान नहीं हूँ, मैं तो ज्ञानी पुरुष हूँ। एक true सेल्फ है और एक डेवेलपिंग सेल्फ है। पहले रिलेटिव में डेवेलप होते होते फिर अंत में true सेल्फ के साथ एक हो जाता है। अज्ञानता में उसको अहंकार बोलते हैं।

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