वीडियो जानकारी: 29.12.24, नई दिल्ली
Title: युवा शक्ति को आचार्य प्रशांत की ललकार || आचार्य प्रशांत (2024)
विवरण:
आचार्य प्रशांत बताते हैं कि बुकस्टॉल लगाना सिर्फ एक छोटा कदम नहीं, बल्कि एक बड़े अभियान का हिस्सा है। वे कहते हैं कि इस काम में विचार से ज्यादा जरूरी समर्पण और प्रेम है। वे अपने पुराने अनुभव साझा करते हैं, जब वे खुद साइकिल या बाइक से बुकस्टॉल तक जाते थे और इसे एक उत्सव की तरह मानते थे।
जब प्रश्नकर्ता बुकस्टॉल की सफलता के बारे में पूछते हैं, तो आचार्य जी समझाते हैं कि इसका मूल्यांकन बाहरी प्रतिक्रिया से नहीं, बल्कि खुद के समर्पण से होना चाहिए। वे बताते हैं कि बुकस्टॉल जैसी गतिविधियां समाज के लिए बहुत जरूरी हैं, लेकिन असली लक्ष्य गीता और सत्य के संदेश को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाना है। उनका साफ संदेश है – सिर्फ हिस्सा लेना काफी नहीं, असली बदलाव लाना जरूरी है।
🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06
प्रसंग:
संगीत: मिलिंद दाते
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Title: युवा शक्ति को आचार्य प्रशांत की ललकार || आचार्य प्रशांत (2024)
विवरण:
आचार्य प्रशांत बताते हैं कि बुकस्टॉल लगाना सिर्फ एक छोटा कदम नहीं, बल्कि एक बड़े अभियान का हिस्सा है। वे कहते हैं कि इस काम में विचार से ज्यादा जरूरी समर्पण और प्रेम है। वे अपने पुराने अनुभव साझा करते हैं, जब वे खुद साइकिल या बाइक से बुकस्टॉल तक जाते थे और इसे एक उत्सव की तरह मानते थे।
जब प्रश्नकर्ता बुकस्टॉल की सफलता के बारे में पूछते हैं, तो आचार्य जी समझाते हैं कि इसका मूल्यांकन बाहरी प्रतिक्रिया से नहीं, बल्कि खुद के समर्पण से होना चाहिए। वे बताते हैं कि बुकस्टॉल जैसी गतिविधियां समाज के लिए बहुत जरूरी हैं, लेकिन असली लक्ष्य गीता और सत्य के संदेश को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाना है। उनका साफ संदेश है – सिर्फ हिस्सा लेना काफी नहीं, असली बदलाव लाना जरूरी है।
🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06
प्रसंग:
संगीत: मिलिंद दाते
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