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रायपुर, छत्तीसगढ़: परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के बच्चों के साथ परीक्षा पर चर्चा की और यह उनकी चर्चा आठवीं बार है। आज करीब 5 करोड़ बच्चों के साथ उन्होंने परीक्षा पर चर्चा की है, हम सब भी पहले छात्र रहे हैं, साल भर पढ़ते हैं लेकिन जब परीक्षा का समय आता है तो कहीं ना कहीं मन में भय रहता है कि कैसा सवाल आएगा हम सफल हो पाएंगे कि नहीं। इसके अलावा पीएम मोदी से चर्चा करने वाली छात्रा ने भी अपने अनुभव को लेकर प्रतिक्रिया जाहिर की।

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00:00हमारे देस के S.O. C. प्रधान मंत्र स्वी नरेन मोढी जीने देस के बच्चों के सासि परिशा पह चर्चा कि
00:13और ये ० הואने जीतर से चर्चा आथि मार है पिछले अट से वर्षों के सासि परिशा पे कृरते आ रहे हैं
00:27और आज करीब 5 करोर बच्चों के साथ वहने परिछा पर चर्चा किया है
00:34आप सब लोग भी हम लोग भी सब इस्पेरे में रहे हैं
00:38साल भर पढ़ते हैं लेकिन जब परिछा का समय आता है तो कहीं न कहीं मन में भेरात रहता है
00:46कैसा प्रशन आएगा हम सपल हो पाएंगे की नहीं पास हो पाएंगे की नहीं
00:53परिछा मलब दूसरे की इच्छा पढ़ते तो हैं कोर्स में जो है
00:58लेकिन प्रशन तो मलब परिछा दूसरे की इच्छा है कुछ सा प्रशन आजाएगा
01:05कई बार ऐसा होता है कि अच्छे से पढ़ते हैं फिर भी ऐसा प्रशन आजाता है कि इसका जवाव देना मुश्किल होता है
01:13फिर अभिरवावक का भी माता पिता का भी ये दबाव रहता है बच्चों के उपर कि मारा देटा देटी अच्छे से पढ़े डाक्टर इंडिनियर बने ये सब दबाव भी रहता है और परिछा का दबाव और बच्चे परिछा के समय परिछा से भेट खाते हैं प्रेस में
01:43लिकिन माने हमारे परदानमंती जी ये ऐसे हैं जो बहुत छोटी छोटी बातों पर द्धान लेते हैं
01:50वैसे ये छोटी नहीं है बहुत बड़ी बात है आज करोरों बच्चों को परिछा के भैच से मुक्ष करते हैं
01:57अधिभावकों को सलाह देते हैं कि नहीं आप अपने बच्चों पर उपा मत करो और हर बच्चे में कोई न कोई एक गुण होता है तो उस गुण को पहचानों इचर से भी सलाह करते हैं कि उसको आगे बढ़ाओ
02:12तो मेरे पर लगता है कि प्रधान मंती जी का बहुत अच्छा परियास है इससे हमारे बेश के करोरों करोरों बच्चे के मन में जो परिछा से है होता है तो जरूर कम होगा हमारे अधिभावक जरूर इसको सुनते हैं तो भी बच्चों पर अनावचत दबाव नहीं डालें
02:42मेरा सवाल उनसे था कि चोटी चोटी जीत से खुश रहना कैसे पिखें हम नेगेटिव बहुत जल्दी हो जाते हैं तो पॉजिटिव रहना कैसे पिखें
02:56ये मेरा सवाल था जिस पर उन्होंने मसे अनुभव पूछे तो मैंने उन्हें बताया कि दस्वे मैंने 95% expect करे थे लेकिन मैंने 93 ही आता है तो 2% की निराशा मुझे हो गई थी इस पर उन्होंने सबसे पहले कहा कि मैं इसे असफलता नहीं मानता या मेरे लिए सफलता ही है
03:26कि इंडिया की प्राइम मिनिस्टर से बात हो रही है वो बहुत फ्रेंडली थे हमारे साथ अपने experiences के साथ हमें कहाणियों के साथ अंसर कर रहे थे बहुत अच्छा लगा
03:34यह सेमिनार अटेंड करने के बाद मेरी जतकी प्रॉबलम्स थी प्रोकास्टिनेशन से रिलेटेट, टाइम टेबल कैसे बनाना है, सब्जेक्ट को कैसे मैनेज करना है, PM मोधी के बाद सुनकर मेरी सारी प्रॉबलम्स को सौल्व हो चुकी है और मुझे एक मोटिव
04:05मैं पूल से ले बस तो एं टाइम तक किसी का नहीं आता, तो स्ट्रेस तो बहुत था और मैं एंजाईटी बहुत थी कि हो पाएगा नहीं हो पाएगा
04:16हमारे प्राइम मेरी स्टर की बाते सुनके, उनसे जैसे सवाल पूछे गए, उनका जैसे तरीका था सवालों का जवाब देने का, उनके चोटी-चोटी टिप्स के हेल्ब से बहुत रिलीफ मिला है कि अच्छीली अभी भी होप है और अभी भी हम लोग हमारी अच्छे से त

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