वीडियो जानकारी: 22.01.25 बोध प्रत्यूषा, 16.01.25 गीता समागम, गोवा
Title: मीडिया सच दिखा दे, तो बर्दाश्त कौन करेगा? || आचार्य प्रशांत (2025)
विवरण:
आचार्य प्रशांत प्रयागराज में होने वाली घटनाओं और कुंभ मेले में मीडिया की भूमिका पर चर्चा करते हैं। वे बताते हैं कि विरोध और हिंसा आश्चर्यजनक नहीं हैं क्योंकि समाज की गहरी मानसिकता को समझना आवश्यक है। समाज में पहले से ही चालाकी और षड्यंत्र व्याप्त हैं, जिन्हें स्वीकार करना होगा।
कुंभ मेले को लेकर मीडिया की कवरेज पर चर्चा करते हुए वे बताते हैं कि मीडिया वही दिखाता है जो लोग देखना चाहते हैं। धर्म और अध्यात्म के गहरे पहलुओं की उपेक्षा कोई नई बात नहीं है, क्योंकि समाज की प्राथमिकताएँ बदल चुकी हैं। आम जनता खुद ही सतही चीज़ों को महत्व देती है और फिर शिकायत करती है कि मीडिया गलत छवि प्रस्तुत कर रहा है। आचार्य जी स्पष्ट करते हैं कि धर्म की गिरावट पहले हो चुकी है, मीडिया केवल वही दिखा रहा है जो समाज में पहले से हो रहा है
🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06
संगीत: मिलिंद दाते
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Title: मीडिया सच दिखा दे, तो बर्दाश्त कौन करेगा? || आचार्य प्रशांत (2025)
विवरण:
आचार्य प्रशांत प्रयागराज में होने वाली घटनाओं और कुंभ मेले में मीडिया की भूमिका पर चर्चा करते हैं। वे बताते हैं कि विरोध और हिंसा आश्चर्यजनक नहीं हैं क्योंकि समाज की गहरी मानसिकता को समझना आवश्यक है। समाज में पहले से ही चालाकी और षड्यंत्र व्याप्त हैं, जिन्हें स्वीकार करना होगा।
कुंभ मेले को लेकर मीडिया की कवरेज पर चर्चा करते हुए वे बताते हैं कि मीडिया वही दिखाता है जो लोग देखना चाहते हैं। धर्म और अध्यात्म के गहरे पहलुओं की उपेक्षा कोई नई बात नहीं है, क्योंकि समाज की प्राथमिकताएँ बदल चुकी हैं। आम जनता खुद ही सतही चीज़ों को महत्व देती है और फिर शिकायत करती है कि मीडिया गलत छवि प्रस्तुत कर रहा है। आचार्य जी स्पष्ट करते हैं कि धर्म की गिरावट पहले हो चुकी है, मीडिया केवल वही दिखा रहा है जो समाज में पहले से हो रहा है
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