तू था मेरा, पर अब पराया,
क्यों किस्मत ने हमें यूँ रुलाया?
ख़्वाब जो देखे, सब टूट गए,
साथ निभाने के वादे छूट गए।
(Chorus)
दिल रो रहा है, तन्हा पड़ा है,
यादों के साए में खोया खड़ा है।
तेरी जुदाई का ज़ख्म गहरा,
कैसे जियूँ मैं, बता दो ज़रा?
(Verse 2)
चाँद भी अधूरा, ये रातें भी सूनी,
तेरे बिना अब तो मेरी साँसें भी रूठी।
महोब्बत में दर्द ही क्यों मिलता है?
जिसे चाहो वही दूर क्यूं जाता है?
(Bridge)
तेरी आवाज़ अब भी गूंजती है,
आँखें मेरी बस तुझको ही ढूंढती हैं।
लौट आ कभी मेरे पास भी,
वरना ये दिल फिर न धड़क पाएगा।
(Outro)
दिल रो रहा है, तन्हा पड़ा है,
यादों के साए में खोया खड़ा है।
तेरी जुदाई का ज़ख्म गहरा,
कैसे जियूँ मैं, बता दो ज़रा?
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