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वाराणसी, यूपी: हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा मठ मंदिरों से मदद मांगने पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि मैंने हिमाचल के मुख्यमंत्री को पहले भी देखा है उन्होंने कभी भी सनातन के पक्ष में बात नहीं कही है। हमेशा सनातन का विरोध किया है। मैं पूछना चाहता हूं उन्होंने सनातन के लिए क्या काम किया है। हमें बदले की भावना से काम नहीं करना है। सभी मठ मंदिर उनका सहयोग करें। वहीं ममता बनर्जी द्वारा 10 दिन की छुट्टी वाले बयान पर रवींद्र पुरी ने कहा कि ममता बनर्जी के मन में जब भी आता है वह सनातन के खिलाफ बयान बाजी करती हैं। ममता बनर्जी की राजनीति मुस्लिम वोटरों से है। ममता बनर्जी की राजनीति का अब अंत होने वाला है।

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00:00हमने मुख्यमंतरी जी को पहले भीदेखा। हुने कबई स्नातने के पक्ष में कोई बात नेंगी हैं, हम मेशे स्नातन का विरोत खिया ।
00:06और आज वंको मथ्वन्जीर याद आ रहे हैं, वाई हमारी मदद करो..
00:11मैं कहना चाहूँगा उन्हें स्नातन के लिए क्या किया, कौन सा काम किया, स्नातनें को कौन सिर्फोर्ट किया, लेकिन तब भी ठीक है, हमारे जिते भी मठमंज्रें उनका सहयोग करें,
00:20देखे हम संत जो होते कहते हैं, संत बड़े परमार्ति शीतल जिन के अंग, तपद हो जाये, और की देदे अपना रंग, सहयोग करना तो अलग विषय है, लेकिन सरकार ने कभी स्नातन का सहयोग नहीं किया,
00:32इसलिए मैं चाहूंगा कि हमें बदले की भावना से काम नहीं करना, जिते भी हमारे मठमंज्रें सभी सहयोग करें, क्योंकि हमने सरकार को नहीं करना, जिते भी वहाँ के लोग हैं, जो भी हमारे भक्तगन हैं, जिते भी वहाँ शद्धालू हैं, सब का सहयोग करें, बहु
01:02हमाघ में शायद यह बात बशी हुई है कि शाय्द मिश्लिम, जिसके मिश्लिम ओटर हैं, जो राजनीती हுनकी हैं मिश्लिम ओटर असे हैं
01:09आपने देखा होगा जितने हमारे हिंदु है, जृतने सनात्नी है, सब को वहन ज्ळुलुँह होता है, सब का मकास नके होता है, शब को माड़ा जाता है, जब भी जुर्गा पोजा होता है, पन्डालू में जेतने लोगengeuesto-पेही
01:39अंता जी भहुत जारश्नात उनका विरोध करने लगी है और अब यही लक्षिन उनके दिख रहे हैं यही आसाब दिख रहे हैं कि उनका भी अंत होने वाला है
01:47देखिये आपने देखा होगा कि समय जो है पुरा मैं कहता हूँ हिंदुस्तना नहीं पुरा विश्व पुरो पच्चे मुतर दक्षेन पुरा जो है प्रियागराज में पहुंचा
01:56पहली बार ऐसा माकों बाया है और सबने अपना अपना जो भी जिसके मन में जो कामना थी उसके लिए डूपिय लगाई है और देखिये जहां पे हमारे जो ये बड़ा परिवार है राहूल गांदिय जी यो इनके मला बागे सब कुछ है तो मैं कहना चाहाँगा इन्हों
02:26सोड़ा जाये ये इनकी राजनीती थी जितने हिंदों सभी को डिवाइट और रूल वाली नीती अपनाने का प्रियास किया था परतों उनकी सपल नहीं हुई मैं कहना चाहाँगा इस समय जो है प्रियाग राज में अगर आपने अंदाजा लगाया होगा मैं समय
02:56पूरे भारत से प्रियाग राज में आश्ता की डूपके लगाये
03:00तो उनको उसका फ़ल मिलेगा और जो नहीं आया उसको भी वैसा ही फ़ल मिलेगा
03:05और मैं यहीं चाहूँगा कि उनको भी आना चाहे था
03:08क्योंकि उनका भी बहुत बड़ा नाम था अगर वो अच्छी बात होती अखलेश जी आये डूपके लगाये
03:12एकनों चुपके से आये वो किसी को नहीं कहा चुपके से आकर कि डूपके लगाये
03:16और अगर हमारे रहोल गांदी जी भी सोनिया जी भी आती चुपके से डूपके लगाते बहुत अच्छी बात होती

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