• 2 days ago
#AcharyaPrashant #आचार्यप्रशांत #Philosophy #BhagavadGita

वीडियो जानकारी: 11.11.24, वेदान्त संहिता, ग्रेटर नोएडा

विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी ने देवी-देवताओं और असुरों के बीच के संबंधों और उनके प्रतीकों के माध्यम से आध्यात्मिकता की गहराई को समझाने का प्रयास किया है। उन्होंने एक महिला के ईमेल का उल्लेख किया, जिसमें उसने देवी के विभिन्न स्वरूपों और उनके द्वारा असुरों के संहार के बाद प्रकृति के शीतल स्वरूप में लौटने के बारे में सवाल उठाए थे। आचार्य जी ने बताया कि असुर और देवी दोनों प्रकृति के ही रूप हैं, लेकिन असुर वह हैं जो भोग की दृष्टि से प्रकृति को देखते हैं, जबकि देवी का उद्देश्य संतुलन और शांति स्थापित करना है।

आचार्य जी ने यह भी स्पष्ट किया कि भोग और सही संबंध में अंतर है। भोग का अर्थ है किसी चीज़ को अपने लाभ के लिए लेना, जबकि सही संबंध में एक दूसरे के साथ जुड़ने की भावना होती है। उन्होंने यह भी बताया कि जब अहंकार होता है, तो व्यक्ति प्रकृति को भोगने की दृष्टि से देखता है, जिससे वह असुर बन जाता है।


🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06


संगीत: मिलिंद दाते
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