देश में इस वक्त होली और जुमा को लेकर एक बहस छिड़ी हुई है.. हालांकि अब ये मुद्दा सियासी बन रहा है लेकिन धर्मगुरुओं की भी इस पर अलग-अलग राय है.. ये बहस शुरू हुई संभल से फिर बिहार में बाबा बागेश्वर की हिंदू यात्रा को लेकर विवाद शुरू हुआ.. इन सभी पहलुओं पर बात करने के लिए हमारे साथ जुड़ रहे हैं.. ऋषि जी महाराज.. ऋषि जी महाराज धर्मगुरु हैं...इन सभी पहलुओं पर बात करने के लिए हमारे साथ जुड़े हैं प्रसिद्ध धर्मगुरु और संत, ऋषि जी महाराज। ऋषि जी महाराज का मानना है कि धार्मिक त्यौहारों को लेकर इस तरह की बहस समाज में अव्यवस्था और भेदभाव को बढ़ावा देती है, जबकि हमें एकता और भाईचारे का संदेश देना चाहिए।ऋषि जी महाराज के अनुसार, यह मुद्दा धार्मिक सहिष्णुता और आपसी समझ के बजाय राजनीतिक दलों द्वारा समाज में तनाव पैदा करने का जरिया बन रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बहसों से देश की धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिक सौहार्द्र को नुकसान पहुँच सकता है। उनका यह भी कहना है कि हमें त्योहारों को राजनीतिक उथल-पुथल से अलग रखते हुए पूरी श्रद्धा और प्रेम से मनाना चाहिए, ताकि समाज में एकता बनी रहे।
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00:00अब अगली खबर, देश में इस वक्त होली और जुमे को लेकर एक बहस शुरी हुई है
00:04हलाकि अभी ये मुद्धा सियासी बन रहा है लेकिन धर्म गुरूं की भी इस पर अलग लग राय है
00:09ये बहस शुरू हुई संभल से, फिर बिहार में बाबा भागेश्वर की हिंदू यात्रा को लेकर विवाद हुआ
00:14इन सभी पहलों पर बात करने के लिए हमारे साथ जोड़ा हैं है रिशी जी महराज
00:18रिशी जी महराज धर्म गुरूं है और महराज जी जिस तरीके का इस विवाद देखने को मिल रहा है
00:23पर्व को लेकर, तिवहार को लेकर क्या ये दुरभागे पुर नहीं है
00:26देखिए सबसे पहले तो मैं कहना चाहूँगा जो ये विवाद चल ला है
00:32ये विवाद इस बात पर चल ला है कि हिन्दूगों का अपना खुद का तिवहार है
00:36और, तिवहार को हमें रंग भरी, होरी को हमेसा, सब के साथ मिल करके मानना चाही। और मनाना भी चाही
00:43तो ये जरूरी भी है.
00:44और साती सात में अगर कोई ब्रोत करता है इस त्रेके से,
00:48तो उसकी लिए गलत है.
00:51लेकिन जिस तरहिके की राजनीती देखने को मिल रही है
00:53चाहे RGT के नेताओं को आपने सुना हो,
00:55समाजबादी पार्टी के निताओं को सुना हो, वो क्या सही है?
00:58नहीं, देखें हम धरम को राजनीती से तो विशेस्थर हमें जोड़ना ही नहीं चाहिए
01:02क्योंकि धरम तो धरम है
01:04और हमारे मत्रा में इतनी सुन्दर भी होली चल ले, विंडावन में होली चल ले
01:07तो इस रंग भरे तिवहार को हमें धरम के साथ ही मनाना चाहिए
01:11ना कि राजनीती को उसमें जोड़ना चाहिए, ये कहीं न कहीं कला
01:13तो बीच का रास्ता कैसे निखलेगा, ये गतिरोज कैसे दूर्थ हो?
01:16दोनों पक्षों को तो सुनना पड़ेगा, उनके लिए वो भी कहा रहे हैं कि पवितर है उनके लिए दिन
01:20तो कैसे उसको सेलिबरेट करें?
01:22बिल्कुल अगर सब लोग मानते हैं कि पवितर हैं, सभी नेताओं को भी मानना चाहिए
01:26पर आप से पहले तो हम सब हिंदु हैं, और हिंदुतता में हमें भारत देश के अंदर अगर हम हिंदुतता में रहते हैं
01:30तो हमें अपने तिवहार को मानेने का संपूर्ण अधकार है, वो सभी को मानना चाहिए
01:35लेकिन उस पर अगर हम राधनीती, अबतिता या किसी पकाईद की टिपड़ी करते हैं, तो वो कहीं न कहीं गलत है
01:39तो जी इस तरह की भाषा का इसतिमाल संभल के CEO ने किया, चाहिए आनू चौदरी की बात में कर रहा हूँ
01:44या बाकि बीजेपी के निताओं ने भी कुस लाइन पर जो बाते कहीं
01:4752 जुमे होते हैं साल में, होली तो एक बार आती है, तो क्या आपको लगता है कि इस तरह की भाषा ठीक थी?
01:53विलकुल, देखिए मैं यही कहना चाहूंगा, विलकुल सही बात है, यह जो धर्म हो रहा है, या हिंदुवों का मुखरूप से जो तिवहार है, वो है होली
02:01तो होली की तिवहार, यह तो साल बर में एक बार आ रहा है, जुमे तो 52 बार आ रहे हैं
02:06हमें कहीं न कहीं लगता है कि हमें सबसे पहले इसतिवहार को भी महतता देनी चाहिए
02:10क्योंकि ये साल वर में एक तवार आया और हमें इसतिवहार को मानना चाहिए
02:14ये हमारी आस्था का प्रतीख है भारत
02:16नहीं नहीं वो सही बात है बिल्कुल सही आप कह रहे हैं सर्वधर्म सद्भाव का दिख्ष है हमारा जो है समभाव
02:20लेकिन सवाल ये है कि फिर ऐसे में दूसरे पक्ष को अगर ये कहा जाएं
02:23कि हम तो सेलिबरेट करेंगे आप घर में रहिए वो सही है
02:26नहीं, हम लोग ये नहीं कह रहे हैं, ये आप सेलिबüyट मत कर ये
02:30उन्हें मुझे काहणा कि यार की रंग से परहेज पियाद हैते हैं
02:32आघर किसी को परहेज है तु अपने घर पर रहेंगे
03:35अगर एक अगर मुख रूप से तुबहार है, तो अगर कहा जा रहा है कि होली के तुबहार में थोड़ा सा सान्ती पूर्वग, विदी विदान पूर्वग इस कारको हो जाने देना चाहिए,
03:43तो हमारे सभी मुस्लिम भाईयों को इसमें बिलको समर्थन करना चाहिए, मैं तो यही बात कहुंगा.
03:48नहीं, इस तरह के बिवात पहले कहा होते थे, जादा होते तो नहीं थे, अब चर्चाएं जादा होने लगगें हैं,
03:52तो क्या इन सबके पीछे सियासत है, राजनीती है, पॉल्टिक्स है?
03:55देखें, मैं आपको बता दें, सनातन एक बहुत बड़ी जड़ है, पेड़ को तो काटा जा सकता है, लेकिन जड़ को कोई हटाये नहीं जा सकता है,
04:01और आज जब जागे तवी सबेरा, हमारे सभी हिंदुत और सनातन भाई भेहन अगर इस कारमे आंगे की ओर बढ़ रहे हैं,
04:07तो कहीं न कहीं भारत के लिए प्रगती का मारग है, वो होना भी चाहिए,
04:10और फिर दूसरी बात हम ये भी कह रहे है, सरवे भवन तु सुकना, हम सब का सम्मान करते,
04:14लेकिन ये बात नहीं हो गई कि आपने पांच रोटी खाली, हम दो में संतुष्टी करें,
04:18हमें भी कहीं न कहीं, अपने दरम को मानेने का संपूर तरीके से अधकार है,
04:21और हिंदू जग रहा है, उसमें बड़ी प्रिशनिता की बात हैं.
04:24अच्छा, लेकिन ये साधु संत फिर राजनेती में क्यों आ रहे हैं,
04:28राजनेतिक बयान क्यों इस तरीके के दिये जा रहे हैं,
04:30बाबा बागेश्वर पर आरोप लगा कि जो अपनी कथा करते हैं,
04:33उनपर ये कहा गया कि दरसल वो बीजेपी के प्रचारक हैं.
04:36ये कहीं ना कहीं गलत है, इस पकार की अवधिता भरी बातें नहीं करना चाहिए,
04:40पूझ महराज स्री बागेश्वर धाम हमारे बड़े वाही हैं,
04:42आप सबसे पहले तो ये बताईए उनने किस पार्टी का जा करके प्रचार किया,
04:46पूझ महराज स्री की चोटी-चोटी बातों को हम लोग टिपड़ी बना करके ख़ड़ा कर देते हैं,
05:13चोटी-चोटी सब्दों को निकाल देते हैं,
05:15आर्जेडी का भी वो सम्मान कर रहे हैं,
05:16लेकिन मैं पूछना चाहिए था,
05:18अगर महराज जी कहीं भी कथा करने जा रहे हैं,
05:20मान लो वेहार में कथा करने जा रहे हैं,
05:22उसनवाल में चुनाव करते हैं,
05:24पूछना चाहिए कि भारत हम बड़ करवें.
05:44लेकिन वो हिंदु राष्ट की भी बात कर रहे हैं,
05:46बिल्कुल हमारत सब का है,
05:48तमाम धर्म के लोग यहां पर हैते हैं सद्भाव के साथ,
05:52सब से यही कहना चाहता हूँ, सब लोग रहते हैं, उनका सम्मान है.
05:56लेकिन भारत को हिंदुराष्ट अगर बनने की पहला,
05:58अगर पुछ महरास्त्री कर रहे हैं, तो दिक्कत क्या है?
06:00भाई, आपने इतने दिन भारत पर अतकारता जमाई,
06:04भारत एक ऐसा प्रधान देश है,
06:06जब हिंदुवों ने किसी भी व्यक्ती को,
06:08या किसी भी धरम के गुरूँओं को कभी नहीं सताया.
06:11लेकिन हिंदु, आप बाहर देख लीजे,
06:13सबसे बड़ी दोरतसा हिंदुवों की है,
06:15बांगला देश में देख लीजे,
06:17तो भारत में रहने वाला हिंदु,
06:19अगर भारत में रहने वाले,
06:20अगर कोई मुक्क लोग,
06:21मुक्क लोग अपनी पहल करते हैं,
06:23कि हमें भारत को हिंदु राष्ट बनाना चाहिए,
06:25तो ये अपनी सद्भावना है,
06:26और होना भी चाहिए.
06:27क्या बदल जाएगा? अभी भी तो सनातन की जैज़े हो रही है,
06:30आयोध्या से लेकर प्रयागरस तक देख लीजे.
06:32ये तो प्रारम है, उससे ये बदलेगा,
06:34कि हमारे हिंदु भाई-भैन आंगे बढ़ेंगे,
06:36और भारत में किसी भी...
06:37आज भी नहीं आगे बढ़ रहे हैं.
06:38नहीं, आज भी बढ़ रहे हैं.
06:39आज ये 2-3 साल में जो एक ग्रोथ हुआ है,
06:41सनातन धर्म का ग्रोथ हुआ,
06:42ये सबसे जादा आंगे बढ़ने का पहल हुई है.
06:44अभी आप 3-4 साल पहले देख लीजे,
06:47क्योंकि हम लोगों को वो सब चीजें नहीं knowledge में दिगें.
06:50अगर बावरपंती का भी knowledge दिया गया,
06:52तो हम ये भी चाहते हैं,
06:53कि हम लोगों को ये भी knowledge दिया जाए,
06:55कि सनातन क्या है.
06:56इसके लिए पुझ महराश्री आंगे पहल कर रहा है,
06:59वो कहीं न कहीं होना चाहिए.
07:00बारत देश में अगर पहल नहीं करेंगे,
07:01तो हम न कहां जाएंगे.
07:02तो एक बात और कहीं गई,
07:03प्रशांत किशोर ने कहा कि भाई,
07:04इस तरहिके से थोड़ी न कोई राष्ट बन जाएगा,
07:06हिंदु राष्ट,
07:07अनैन� के तहड बनारा है,
07:08तो बीजेपी की सरकार हो पहल करें,
07:09से बोलना क्यों।
07:10नै, नै पुझ महराश्री का,
07:12अपना देखो भारत में किसि को भी吺ट देने का
07:14अतकार है,
07:15वो अपनी बात रहने का अतकार है.
07:16पुझ मारहस्री कअ बात रखने का अधकार है
07:19वो अपनी बात को रख रहे हैं
07:20अब सरकार उस बात को सुनवे
07:22और हम हिन्डूों को भी अधकार देवे
07:24भाईं भारत में रहरा, हिंडूँ ही एक
07:26,ाईसा है जो सब का सम्मान करता है
07:28सरवे भवन्टो शुकणा सरवे सन्तु निरामया सरवे भद्रानि पस्यन्तु म्हा काश्चेतर भाग बवे
07:33किसी हिंदू को आप देख लीज़े कभी किसी हिंदू ने किसी को परेशानने किया
07:36बलकी हिन्दूवों को परेशान की आ गया
07:38कसमीरी पंडितों को नकाल करके बाहर फेका गया
07:40ये क्या ठीक था?
07:42बारत के अंदर ये ठीक था?
07:44बांगला देश में इस पकार का अत्याचार हिंदूवों के साथ हुआ
07:46क्या ये ठीक था?
07:48बारत के अंदर ये ठीक था?
08:18बारत के अंदर ये ठीक था?