पूरा वीडियो: मूर्तियों और मिथकों को मानें कि नहीं? || आचार्य प्रशांत, वेदांत महोत्सव ऋषिकेश में (2022)
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00:00मुझे तोहनमान जी से बड़ा सने और बच्पन से ही है, बड़े विशेश लगते था, और उनकी बात मुझे कुछ अलग लगती था, सब कुछ अपने आरात्य के लिए, अपने लिए कुछ भी नहीं, और एक मजाकी आतेवर, गंभीरता इतनी कि छाती फार दें, लेकिन फि
00:30मुझे बड़ा पसंद आता था, आप उनको ऐसे सोचो कि भूत पिशाच निकट नहीं आवें, महावीर जो कि रास्ते में जा रहे हैं, भूतों से बाउडर लगता है, तो हम बीच-बीच में पाठ करते रहते हैं, तो ये दुरुपयो कर लिया हनुमान का, आप समझे ही न