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  • 6 days ago
Mann Mast Malang Episode 23 - [Eng Sub] - Danish Taimoor - Sahar Hashmi
Mann Mast Malang is a captivating love story that follows the journey of two families once bonded by an engagement but torn apart by a single incident. What begins as a deep connection between Kabeer and Riya turns into rivalry, forcing them onto opposite sides. However, fate has other plans—despite the animosity, their hearts find their way back to each other. As love rekindles, they must navigate the complexities of family feuds, proving that true love can heal even the deepest wounds. Will their love be strong enough to reunite their families and overcome the past?

7th Sky Entertainment Presentation
Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi
Director: Ali Faizan Writer: Nooran Makhdoom

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Transcript
00:00आपका दर्या है और टूप कर जाना है
00:30कबीर क्या तुम्हारी कहारी में लड़के को लड़की मिल जाती है क्या वो एक हो जाते हैं
00:47मेरी नजर सदेकों तो वो दो चिसमें एक जान है
00:58कबीर यहां ना खुश्पू नहीं है
01:05मुझे ना यहां खुश्पू चाहिए
01:10पीनी पीनी जैसे पाखात में खिलेवे फूल बिल्कुल वैसी
01:22जो हुकम सरकार
01:26कम है ववादार हमसे जमाने में कम है
01:30बबा हमने की है वफा कर रहे है
01:33कोई उनसे कह दे बुरा कर रहे है
01:36वफाओं के बदले जबा कर रहे है
01:40मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे है
01:43वफाओं के बदले जबा कर रहे है
01:46मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे है
01:50सिदम ढाने वाले सलामत रहो तुम
02:09सिदम सेहने वाले दुआ कर रहे है
02:16मैं क्या कर रहा हूँ क्या कर रहे है
02:20रात के इस वक्त?
02:23हाँ रात के इस वक्त
02:24जुदी जाओ टाइम नहीं मेरे बास
02:26की महबबत के जगकर में हमारा नीन चैन सुकून सब बरबाद हो गए
02:30क्या बोला तुने?
02:32नीन ने बाद कर रहा था
02:34जा रहे ना?
02:36वफाओं के बदले जबा कर रहे है
02:50मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे है
02:54वफाओं के बदले जबा कर रहे है
02:57मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे है
03:24ये बेवाग दिल की नादानी तो देखो
03:31ये बेवाग दिल की नादानी तो देखो
03:34वफाओं के बदले जबा कर रहे है
03:38मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे है
03:44वफाओं के बदले जबा कर रहे है
03:50मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे है
03:53क्या बुआ, ऐसा कोई चेरा नहीं है, जो नजरों में भी समाज आए और दिल को भी भाजाए
04:11मावी ना, शादी शुदा लड़के बेहा रही हो, अब ऐसी तस्वीरे तु दिखाऊंगी ना
04:20ठीक है के मेरा बेटा शादी शुदा है, लेकिन जवान है, खूब रूए है, लाखों कमाता है
04:26अब कोई तस्वीर लेकर आओ तो ऐसी लाना के कमसकम नजरों को तुभाए
04:41क्यों नहीं जाती ये बंदी, मुबीन के शादी के बारे में क्या कर रही है ये, क्या हो गया इनको
04:47वे इसे वामीना एक बात बोलू, मुबीन के तीसरी शादी कर रही हो तुम, कबीर के पहली कर दो, अगर तुम कहो तो उसके लिए देखू लड़की, एक से बढ़के एक तस्वीर लाऊंगी
05:02पहले मुबीन से ने बटलू, फिर कबीर का सोचूँगी
05:06कबीर का है, कबीर भाई रात को आय थे, कपड़े बदले और चले गए
05:27और चले गए, कहां चला गया?
05:29पूछा था मैंने, कहने लगे कि काम चल रहा है साइट पर, मैं जा रहा हूँ, माबीना जी को सलाम दे देना
05:36सलाम तो नहीं दिया तुमने
05:39वो तो मैं भूल गई, माफ करते हैं
05:44मैंने बेटे काम करकर क्या हलकान, इकनी मेनद करते हैं और इस घर के मुफते, सब उड़ांकर
05:56मिना, कभी रहा था राक को?
06:16बता नहीं, मैं तो सो गई थी
06:18तो तुम सोती रहो ना फिर?
06:21अगर सोती रहोगी तो यह कैसे करेंगे हम मिना?
06:24पैटना चाहिए था उसके साथ जाकर रात को उससे बाते करनी चाहिए थी ताकि उसका इंट्रेस्ट हो तो मारी तरफ
06:30पाजी मुझे पता ही नहीं चला वो कब आये कब गए
06:32तो पता रखो ना बेहन, कब पता रखोगी?
06:36मिना इन कामों के लिए नौकर है घर पे ये तुम्हें करने की जरूरत नहीं है जो कहा है उस पे फोकस कर लो यार
06:46मुझे कॉल करके बता करना पड़ेगा कि वो कहां है क्या कर रहा है
06:52रख दो ये काम यार
07:02हलो हाँ कबीर कहा है
07:06मा बीना जी मैंने आप से तंख्वागी बात की थी आप बढ़ाएंगी
07:10मा बीना जी
07:11माई जी वो कबीर
07:15अरे क्या हुआ
07:18अरे ऐसे क्यों खड़ी हो मुझे फूटो कुछ
07:22माई जी कबीर को असमने कोली मार दिये
07:27क्या
07:32क्या
07:33ये बूकेस कौन लाया
07:42ये बूकेस कौन लाया?
07:55गैस करो
07:57असल में ये हॉस्पिरल के महौल की वज़र से दिल इतना घपरा रहा था मेरा ओपर से ये मेडिसन की बू
08:07तो कबीर ने तुम्हारे आसपास खुश्बू पहला दी ना
08:12तुम्हारे लिए इतनी राते यहां पर जाग रहा था
08:19मैं तो सो जाती थी लेकिन वो सिर्फ बैठकर तुम्हें देखता रहता था
08:23तुम अपने बाएं वाजू पर सोने लगी तो वो चौंकर उठकिया
08:37क्या मतलब है तुम्हारा? कहना क्या चाहती हो कशिफ?
08:47बस इतना कहना चाहती हूँ कि एक दुश्मन दूसरे दुश्मन के लिए यह सब नहीं करता
08:52सिर्फ वो करता है जो खुद से ज्यादा तुमसे महबत करता हो
08:58जिसे किसी और की पर्वा नहों बस तुम्हारी फिकर हो
09:05जिसे अपनी जान से ज्यादा तुम प्यारी हो
09:09जो तुम्हें पाने के लिए सबसे दुश्मनी मोल ले सकता है
09:15हम तु बिना बुलायाते हैं और दिलों में बस जाते हैं
09:28जाते हैं
09:43तो पता करो कि मुबीन से पता करो कि कहा है मेरा बेटा क्या हुआ उसे
09:50अगर मेरे कभीर को कुछ हो गया ना समें मर जाओंगी मेरा दिल पढ़ जाएगा मैं जिन्दा नहीं बच्छूंगी
09:56मुबीन को फोन करो ना
10:00माई जी मेंने कॉल की थी कभीर के नंबर पे
10:04कभीर का नंबर ओफ है
10:06मुबीन को फोन करो यासर को फोन करो रमीस को फोन करो
10:12ड्राइबर से पूछो, किसी से तो पूछो ना, क्या हुआ है, हस्पताल लेकर गए हैं के नहीं, और कौन से हस्पताल लेकर गए हैं, अरे कोई कुछ तो बता तो, कुछ तो बताओ कोई, आप दौा कीजिये, देखिएगा, कबीर भाई सही सलामत अपने कदमों पर चल कर आ�
10:42अब दौा कीजिये बस, पानी पी लें अब, आजी उनको बता देना के कबीर को तो कुछ नहीं हुआ है, उसको तो गोली लगी नहीं है, चुपो जाओ, चुपो जाओ, तुम्हें पता है ना, मुझे इनको रोता देखकर कितनी खुशी हो रही हैं, पहली दफ़ा तो इस �
11:12तुम्हें कितना रुला है नेलो ने, ऐसे ने करें, पता देखकर तुम्हें तब पता है ना, कबीर को कुछ नहीं हो, हुँँँँँँँँँँदा है, और उसके आने के बाद ये सूचो कि तुम्हें क्या करना है, पजाए इसके अभी उनके लिए दुखी हो रही हैं, �
11:42आप रोई तो नहीं ना, ऐसे तु और तबित खराब होगी, सब ठीक हो जाएगा, तो तो तुम यही चाहती हो ना, यही तो चाहती हो कि मैं रो रोके मर जाओं, ठाकि तुम अपनी मनमानी कर सको, ये तुम ही हो, तुम ही हो जसने मुझे बदवा दिया है, तुमने मेरे ग
12:12अच्ता है, मैं कभी ऐसे सोच भी नहीं सकती, आप ऐसे क्यों कह रही है, याला, याला, अगर तुझे कुछ जान चाहिए तो, कबीर को बख्श दे, मेरी जान दे, मेरी जान दे, अम्मी, कबीर, कबीर मेरी जान, क्या हुआ हो, कहा हुआ चोट लगी, तिखाओ मुझे, ब
12:42याला, अब उसे वादा करें, आप ऐसे कभी नहीं कहेंगे, खुदाने खास्ता आपको कुछ होके तुम्हे कैसे चीओगा, इंदर नहीं कहेंगे आप ये सब कुछ, बैठी है आपे, क्या ये साच है, आस्मा ने तुम पर गोली चिलाई, अब ये दुश्मन के ठिकाने ज
13:12इस घर से बरसों के हमारी दुश्मनी है, सिकंदर खान और अस्मा तुम्हारी चान के दुश्मन बने में उसी के खर चले बेया तुम
13:23ये मैं क्या सून रही है? आप ठीक सून रही है
13:27तुम उन के घर गए थै क्यों? बलाय था मज़े सिकंदर ने
13:33उसने बिलाया और तुम चले गए
13:36मुबीन
13:37जो गया था उसी की सिवानी सुने
13:40मेरी तो सुनता रही है
13:42अपने ही करेगा
13:43सिकंदर को मदद चाहिए ती इसलिए गया था
13:46और तुम मदद करने चले गए
13:49पहले उसे इतना बड़ा ठेका दे दिया
13:52और अब मदद करने पहुँचके यह वो क्या रहा है
13:54उसने मदद के नाम पर
13:58अपनी असलियत दिखा दी
14:00खुद तो गोली चड़ा नहीं सका
14:03मैं से चलवा दी
14:05लेकिन गोली मुझे नहीं लगी
14:08फिर किस को लगी
14:09प्रिया को
14:11प्रिया मेरे सामने आगई थी
14:15मेरे ऐसे की गोली उसने खा लिए
14:19पर असमा ने तो गोली तुम पर चलाई थी ना
14:23तो उसकी नियत तो तुम्हे मारने की थी
14:26अब कोई सामने आ गया तो
14:28मुबीन तुम आसमा पर केस करो
14:30वो इसकी जान की दुश्मन है तुम पुलीस के आवाले करो आसमा को
14:33मैं गया था पुलीस स्टेशन लेकिन कभी ने केस वापिस ले लिया
14:39उसने गोली चलाई है तुम पर
14:43जी जो के रिया को लगी
14:45पर अगर रिया सामने नहीं आती तो गोली तुम ही को लगती ने तुम्हें कुछ भी हो सकता था
14:52लेकिन गोली मुझे नहीं लगी मैं आपके सामने हूँ बिल्कुल ठीक हूँ
14:55अगर मर जाता तो आप केस कर सकते थी
14:58आसमा तुम्हें अपने बाप का कातिल समझती है उसने तुम्हें आज तक माफ नहीं किया
15:05उसका दिल जोटा है मेरा बड़ा है
15:08मैं माफ कर सकता हूँ
15:11कबीर तुम क्या हो
15:14जानते बूशते हुए भी तुम दुश्मन के घर कैसे जा सकते हो
15:20पतो नहीं जायद पागल हो गी हूँ मैं
15:23या फिर यूँ कहूँ के आशिक
15:26अच्छा छोड़ें रिलाक्स कर जाया ना कुछ नहीं हूँ है
15:35मैं ठीक हूँ आपके सामने हूँ
15:36तुम देख रहे हो कि सित्मियान से ये सारी बात करा
15:38जैसे इस पर गोली ना चली हो बलके ये बहुत-बड़ा कार नामा सर अन्जाम देकर आया हो
15:42इसे तो ना कोई डर है ना कोई खौफ अरे डर है मेरे दुश्मान
15:46मैं थोड़ा रास्ट करूंगा
15:51पिख लिए पिख लिए क्या गात है मेले आप से
16:10किसी को नहीं सुनता है
16:14पाजी कबीर के अंदाज से साफ जाहर हो रहा था
16:25उसने जिस तरह से रिया का नाम लिया वो उसी से महबबत करता है
16:31उससे नहीं
16:34तो क्या फर्ट पड़ता है मिना
16:38वो उससे महबबत करता है और तुम उससे महबबत करो
16:44जब वो किसी और की महबबत बेगरिफदार है तुम मेरे पास किवाएगा
16:49इसलिए कि तुम्हारी महबबत उन दोनों की महबबत से स्यादा मजबूत और ताकतवर
16:56मिना तुम्हारी महबबत उन दोनों की महबबत को तोड़कर रख देगी
17:02अगर मैं कमजूर पड़ गे तो
17:07चम कर खेलोगी तो कमजूर नहीं पड़ोगी
17:14मिना चाहे मजबूरी से या दिल से ये खेल तो तुम्हें खेलना ही होगा
17:29खबीर को हासिल करने के सिवा तुम्हारे पास कोई और रास्ता नहीं है
17:40उसको अपना आदी बना लो मिना उसके उसके इतने करीब हो जाओ कि
17:47कि वो तुमसे महबबत करने पर मजबूर हो जाए
17:51क्योंकि मिना अगर अगर कबेर नहीं तो तुम्हारे सर पर च्छत नहीं
18:05में
18:06में
18:35इसके चंदी से कंब्रे में रख्या दिया तुम यहां क्या कर रही ताके कंब्रे में आराम करो अहां वो यह पूर कॉन लाया है
19:01मैं मैं लाइए इतने सारे
19:05प्यार ही अतना है
19:07मैंने सोचा के रिया का इतना गहरा जखम है फूलों का धेर तो बनता ही है ना
19:15इतने खुलूस से कह रही हो तो मान लेती हूँ
19:21हना मुझे तो शक ही हो रहा थो
19:23शक ?
19:25शक किस पर हो रहा है आपको आपा
19:27कबीर पे और किस पे
19:29फिर मैंने सोचा के अब वो तुम से दुबारा मिलने की हिम्मत तो नहीं करेगा
19:37इसका मतलब है कि आपने सबसे कुछ सबक नहीं सीखा
19:49सबक तो मैं सिखाऊंगी मा बीना को और उसके बेटों को
19:53आप इन माजी की तलकियों को भुला क्यों नहीं रेती है आपा ?
20:01इन तलकियों की वज़ा से ही जिमना हो ना मैं कभी भूलूंगी और ना किसी और को भूल रहे दोंगी
20:09हुआ झाल
20:39इन तल्कियों की वज़ा से ही जिन्दा हूँ, ना मैं कभी पूलूँगी, ना किसी और को पूलूँगी.
21:00समुन तो ठालो इतनी देर से वो तुम्हे कॉल्स कर रहे हैं.
21:09फोन बंद क्यों कर रहे हो?
21:36आ गई ना अपनी बहन की बातों में.
21:39शाब आश.
22:09कबीर?
22:14क्या हुआ? अब ठीक है ना?
22:17हाँ मैं ठीक हूँ.
22:19तेरा शुक्र.
22:21तो मैं कुछ चाहिए क्या?
22:25आँ.
22:26क्या मतलब है इस बात का?
22:32बेरा मतलब कुछ खुलत तो नहीं है.
22:37देखें, आप मुझे यहाँ पर लेकर आया.
22:39आप हैं तो मैं यहाँ पर हूँ.
22:43वरना माही आँटी मुझे कपका निकाल चुकी होती.
22:46तो मैं इस तरह फिकर करने की ज़रूरत नहीं.
22:47मैं बिल्कुल ठीक हूँ तुमारे सामने हूँ.
22:50और मेना तो मैं यहाँ से कोई नहीं निकालेगा जब तक मैं हूँ.
22:52आपको अपनी जान की फिकर क्यों नहीं है?
22:59जैसे कौन अपनी जिन्दगी हतेली में लेकर दुश्मनों के घर चला जाता है जैसे आप गए?
23:07कबीर, वो गोली आपके सीने से आर पार भी हो सकती थी.
23:13आपको कुछ हो जाता तो मेरा क्या होता?
23:16मुझे तो सोच के डर लगने लगता है?
23:19तो मैं इस तरह परिशान होने की जरूरत नहीं है, मैं सही सलामत तुमारे सामने खड़ा हूँ.
23:24मुझे मेरे दुश्मनों से निम्मत ना आता है.
23:29जी.
23:32आप तो दुश्मनों के दिल में घर भी कड़ लेते हैं.
23:34मुझे आप मेरे लिए बहुत आहिम है, मुझे आपकी जुरूरत है कभी है.
23:48और आपकी सिभा मेरा है ये कौन है?
23:52अरे क्या होगे तुम रो क्यों रही हूँ? अरे, बैटो यहां, बैटो.
23:55मुझे बस जड़ लग रहा है.
23:57किस बास से डर लग रहा है, मैं ठीक तू हूँ तुम्हारे सामने.
24:01पानी दे कर आपकी बैटो.
24:11पानी प्यो.
24:12पानी प्यो.
24:22अब फिर से तो नहीं जाएंगे न वहां?
24:27मुझे प्लीस टायर उन्रस्टांड़.
24:29मैं कहीं भी जाओ, मुझे इंचालला कुछ नहीं होगा.
24:32मुझे अपनी केर करना आती है.
24:34मैंने तुम्हारी जिम्मेदारी भी उठाई है.
24:36जो कि मैं पूरी करूँगा.
24:39तुम प्लीस परिशान मत हो.
24:41यहां से कोई तुम्हें भाहर नहीं निकालेगा और अगर निकाले तो मेरा नाम ले देना.
24:44फिर तो बिल्कुल नहीं निकालेगा.
24:45जिस दिन मैं तुम्हारे बापको गोडी मारी थी ना.
24:47उस दिन से लेके आज तक.
24:49अपने सरफे कफन बान के गुम्राओं नहीं.
25:09जिस दिन मैं तुम्हारे बापको गोडी मारी थी ना.
25:13उस दिन से लेके आज तक.
25:15अपने सरफे कफन बान के गुम्राओं मैं.
25:18तो मैं किसी के पाप से नहीं डगता हूँ.
25:23अपने मोथ को सवने देखकर तो दर हो गहाँ.
25:26छलो, अगर तुम्हें ऐसा लगता है तो…
25:29एक बाद ट्राए करके देख लो.
25:32तुम्हारे सामने इंख़़ा हूँ.
25:37तुम्हारे सामने इंख़ा हूँ.
25:39सिकंदर छोजो!
25:40नहीं अस्वाद!
25:41सिकंदर मुझे आजाओ!
25:53नहीं
25:55अब ऐसा नहीं होगा
26:00कभी नहीं
26:02तुम्हारी महुपट से मैं वाकिफ हूं कपीर
26:05लेकिन इस महुपट के खातर में
26:07तुम्हारी जान खत्रे में नहीं डाल सकती
26:10आस्मा भाजी को जब भी मौका मिलेगा
26:12वो तुमसे बतला लेने के लिए भर कोशिश करेंगी
26:16और अब उने में ये मौका तुमगी नहीं
26:19तुम्हारी महुपट को रुपना होगा
26:21क्या एक्टिंग कर रही थी कभीर के सामने
26:35एक्टिंग?
26:38नहीं
26:39तुम्हारी में बात करते करते आशुने कर गया
26:42एक्टिंग नहीं कर रही थी
26:43तुम मेरी बहन हो नहीं रियल अक्टिंग कर रही थी न के असली हो गई यह
26:47मेरे गुनाये ना सारे तुम्हें काबू कर लिया होगा कभीर को
26:51पतनी कौन किसको काबू कर रहा
26:55जै तुम उनको देखकी महबबत हो गई
26:57तुम्हारी बात है
26:59इसमें बुरी बात क्या है
27:01हमारे नियतमों के प्रॉब्न तोड़ी है
27:03हम यह चाते हैं के मौबब तो टटके करो
27:06तुम पीच में रिया भी तो है
27:08तुम्हारी भुलाकर अकर कभीर को चाने लगी फिर
27:11वो हमारा मसला नहीं
27:13मही जी रिया को इस घर की बहु नहीं बनने देगي
27:15जाये जोग जै तुम्हों से इस घर की बहु बननने देगी अए-जी
27:18मुझे कौनसे दए उनिस फ्लिन को हम मूझे बहु नियोटा के भार पहेंग जे
27:23मुझे तुम क्यो सोचती रेतीयों
27:25तो सोचती रहती हूं माबीना जी, आसमा जी, रिया जी के बारे में
27:28कभी जी जी तो वारा हाथ ठाम के गड़ा होगा ने इस गर में कोई कुछ नहीं बोल पाएगा उसके सामने
27:33जी मेरा फॉन?
27:40मैंने तो बन कर दिया था
27:45पहले शर्वां के मार डाला
28:04फिर सामने आख के मार डाला
28:07ताकि ना फिलाए तूने आखिर
28:11तर्सा तर्सा के मार डाला
28:14अचे ना मिला तो फकत लदा से
28:17तर्पा तर्पा के मार डाला
28:20ववादार हमसे जमाने में कम है
28:24ववादार हमसे जमाने में कम है
28:28बबा हमने गी है वफा कर रहे है
28:31कोई उन से कहने बुरा कर रहे है
28:34वफाओं के मतले जबा कर रहे है
28:38मैं क्या कर रहा हूँ हो क्या कर रहे हैं
29:00सितम ढ़ाने वाले सलामत रहो तुम
29:04सिदम डाने वाले जलामत रहो तुम
29:08सिदम सेहने वाले दुआ कर रहे है
29:14मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे है
29:18मैंने सुचे सुस्राल के चक्कर लगा हूँ
29:34कंपीर
29:43तुम यह क्या कह रहे हूँ?
29:47यादे बागल करते थी है
29:52दिन तो गजर जाता है
29:55राते बागल करते थी
30:01क्यों नजर अंदास कर रहे हूँ मुझे?
30:07क्योंकि नजर अंदास करने में ही एहत्यात रहे हूँ
30:10और यह एहत्यात किसे बरत रहे हूँ?
30:14उससे बरत रहे हूँ
30:16तो याद को जानती हो कि में दिश्मनी बला बैटा हूँ
30:22मुझे आज़न ने तो
30:26इनको करिया ऐसा मेरे साथ है।
30:31कि मुझे तमारी मुहपत का जबा मुहपत से नहीं दे रहा है।
30:36यह मुहपत इस सिर्फ सिर्फ जान के कुर्बानी मागेगी।
30:40और कुछ नहीं।
30:44मैं तमारी मुहपत के खादिर तमारी जान खद्रिमिन नहीं डाल सकती।
30:48कुछ नहीं होगा मुझे, तुम्हेरा साथ हो दो, मैं सब कुछ ठीकर तुमका है, प्रोमिस
30:58नहीं, तुम जाओ यहां से करें, मैंनी चाहती के असमा अबा को एक और मौका मेले, क्यों भी आंकों के सामने तुम एक गोली मारक तुमारी चांड ले ले, जाओ यहां।
31:15मौकई हो झुक्छ नहीं कर सकती हो।
31:18मैं आगिया नो तुमसे मेले।
31:21में ना कसी तर गए।
31:24मेरी महबत को कोई सिकंदर, कोई असम अपने कोई दुश्मने कोई दुश्मने
31:29रोक नहीं सकते हैं,
31:32लेकिन मैं रोक सकती हूँ,
31:35मुझे नई चाहिए तुम्हारी महापत
31:40जो शुष हूं
31:45मारी ख़तल में एक जाह तो क्या हूँ
31:49हजार हुजरे को बाटर सकता हूँ
31:53तुम एक बढ़ मेरा हाथ दोता हूँ
31:56मेरा साथ दोता हूँ
31:59हम दूनू मिलकर इस तुष्मनिकों महापत से खत्रों करेंगे
32:03Trust me.
32:10देखो मैं तुम्हारे कर आ गया.
32:12तुमने कह था सिकंदर और अरस्मा के सामने आना में उनके सामने में आ गया.
32:16अब क्या?
32:17अर अन्जाम क्या हो?
32:18अन्जाम की परवा नहीं है मुझे.
32:20मैं नहीं नरतन में से किसी से.
32:26तुम मेरी तरफ एक कदम अड़ाओ.
32:28पर एक का न बढ़ाओ, मैं.
32:32मुझे तुम्हारी तरफ कोई मुपट का कदम नहीं बढ़ाना.
32:38और नहीं मेरी तुम्हारी कोई हॉसला बजाई कर रही हूँ.
32:44मुपट नहीं किरती मझसे.
32:49तुम्हें कोई लगाओ नहीं है.
32:53नहीं.
32:58काभिशिर, एल्दीस
33:00मेरे बिना रह सकती हूँ
33:05इधर देखो मेरी तरफ
33:09मेरे बिना रह सकती हूँ
33:15खुशी से
33:28वहाबत खता है समझते हैं हम भी
33:32खता बख्षिदे हम खता कर रहे है
33:35मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे है
33:42वफाओ के बदले जबा कर रहे है
33:45मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे है
33:48वफाओ के बदले जबा कर रहे है
33:52मैं क्या कर रहा हूँ क्या कर रहे हैं
34:08ये बेबाग दिल की नादानी तो देखो
34:20जारा गिला कर रहे है, मैं क्या कर रहा हूँ और क्या कर रहे है
34:25जबाहों के मतले जबा कर रहे है, मैं क्या कर रहा हूँ और क्या कर रहे है
34:35ऐसे दिल नहीं तोड़ना चाहिए था
34:46जरूरी है, तुमने देखा नहीं कि क्या कुछ हो सकता है अगर
34:52लक्त पय और कबीर एक दूसरे के करीब है
34:55तो कुछ अच्छा भी तो हो सकता है ना
34:58कुछ अच्छा नहीं हो सकता सिबाए इसके कि आसमा अपा उसकी जान ले ले या खुद उसके हाथों कतल हो जाएं
35:05सिकंद्र कबीर से तो मिलता है ना
35:07उनकी बात भी हो गई है, एक दिवार तो गिर गई है ना
35:14नहीं
35:19इस दिवार का बने रहना बहुत जरूरी है
35:25मैंनी चाहती कि कबीर की जान को कोई खत्रा हो
35:33तुम उसकी महबत को अन्देखा करोगी ना
35:37कोई महबत बहुबत नहीं है पस एक बार मेरे एक्जाम्स हो जाएं मैं पास हो जाओं
35:44तो मैं कबीर से बहुत दूर चली जाओंगी
35:49कितनी खुदगर्ज हो तुम
35:53अपना काम निकाला और पिर चूम अंतर चूम
35:56इतने दिनों से तुम्हारी उससे बात नहीं हुई
36:00तुम्हारी तबियत बेहतर हुई है
36:03एक्जाम सेट पर आया तुम आगी यहां ट्यूशन पढ़ने
36:05चुप करो तुम बैठ जाओ यहां पर
36:12और तुमने उसको बताया नहीं था कि हम कॉलिज के बाद सीदा यहां आएंगे पढ़ने के लिए
36:17बताया था उसने कहा भी था कि आजाओंगा
36:22तो अभी तो क्यों नहीं आया यार अब हम कबसे वेट कर रहे हैं
36:29हाँ देर तो काफी हो गई है
36:32तुम उससे कॉल क्यों नहीं करती क्या मुझे मेसेंजर बनाया वाए
36:38क्या तुम डर्ती हो के कबीर के सामने तुम कमजोर ना पढ़ जा
36:44नहीं मैं कोई से डर्ती वर्ती नहीं हूँ
36:56तो फिर निकालो फोन में लाओ कॉलर बात करो दो डल्ले से
37:14फोन बंद है
37:44को जा करते है

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