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00:00कि अधा कर रहे हैं मैं क्या कर रहा हूं और क्या कर रहे हैं
00:14ये इश्क नहीं आसा आप अतना समझ लीजिए
00:19आपका दर्या है टूप कर जाना है
00:26और टूप कर जाना है
00:30कबीर
00:32क्या तुम्हारी कहारी में लड़के को लड़की मिल जाती है
00:41क्या वो एक हो जाते हैं
00:46मेरी नजर से लेको तो वो दो जिसमें एक शान है
00:49कबीर
00:58यहां ना खुश्पू नहीं है
01:04मुझे ना यहां खुश्पू चाहिए
01:10पीनी पीनी
01:13जैसे पाखात में खिलेवे फूल
01:20बिलकुल वैसी
01:22जो हो कुम सरकार
01:25मुझे में कम है वबादार हमसे जमाने में कम है
01:29बबा हमने की है वफा कर रहे है
01:33वफाओं के बदले जबा कर रहे है
01:39में क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे है
01:42वफाओं के बदले जबा कर रहे है
01:46में क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे है
01:49सितम ढ़ाने वाले सलामत रहो तुम
02:06ज़ताने वाले जलामत रहो कुमू
02:12सिद उहने वाले दुआ कर रहे है, मैं क्या कर रist रहा हूँ, क्या कर रहे है
02:22रात के इस वक्त?
02:23रात के इस वक्त. जिदीजा थाने ही मेरे बास
02:27माभबत के जग्करमें, हमारा नीं चेहन सु कुन वरभाद होगे
02:30क्या बोला तूने?
02:32नीनने बाद करता था
02:34जा रहे ना?
03:00वाओ के बदले जबा कर रहे हैं
03:03मैं क्या कर रहा हूं वो्जा कर रहे हैं
03:26ये बेबाक दिल की नादानी
03:29तो देखो ये बेबाग दिल की नादानी तो देखो
03:37तुम्ही से तुम्हारा गिला कर रहे है, मैं क्या कर रहा हूँ, क्या कर रहे है
03:43मैं क्या कर रहे है, मैं क्या कर रहा हूँ, क्या कर रहे है
04:05क्या बुआ, ऐसा कोई चेरा नहीं है, जो नजरों में भी समा जाए और दिल को भा जाए
04:13मावी ना, शादी शुदा लड़के बेहा रही हो, अब ऐसी तस्वीरे तु दिखाऊंगी ना
04:20ठीक है के मेरा बेटा शादी शुदा है, लेकिन जवान है, खूब रुए है, लाखों कमाता है
04:25आप कोई तस्वीर लेकर आओ तो ऐसी लाना के कमसकम नजरों को तुभाए
04:31चीक है, अब जब आओंगी दुवारा फिर लाओंगी पसंद कर लेना
04:37अलाहो अक्पर, भूल क्यों नहीं जाती ये बंदी, मुबीन के शादी के बारे में क्या कर रही है ये, क्या हो गया इनको
04:46वैसे मामीना एक बात बोलू, मुबीन के तीसरी शादी कर रही हो तुम, कबीर के पहली कर दो, अगर तुम कहो तो उसके लिए देखू लड़की, एक से बढ़के एक तस्विर लाओंगी
05:01पहले मुबीन से ने बटलू, फिर कबीर का सोच चूँगी
05:05हाँ, फिक यह, जैसे तुम्हारी मर्जी, ठीक है फिर मैं चलती हूँ, आला आफिस, हुदा आफिस
05:16कबीर का है? कबीर भाई रात को आय थे, कपड़े बदले और चले गए
05:27कहां चला गया? पूछा था मैंने, कहने लगे कि काम चल रहा है साइट पर, मैं जा रहा हूँ, मा बीना जी को सलाम दे देना
05:35सलाम तो नहीं दिया तुमने? वो तो मैं भूल गई, माफ करते हैं
05:44मैंने बेटे काम करता क्या हलकान हूँ, इकनी मिनद करते हैं और इस घर के मुफते, सब उड़ा करते हैं
05:55मिना, कभीर आया था रात को?
06:13अब ही राया था रात को?
06:15बता नहीं, मैं तो सो गई थी
06:18तो तुम सोती ही रहो ना पिर?
06:21अगर सोती रहोगी तो यह कैसे करेंगे हम मिना?
06:24पैटना चाहिए था उसके साथ जाकर रात को उससे बाते करनी चाहिए थी ताकि उसका इंट्रिस्ट हो तो मारी तरफ
06:30जी मुझे पता ही नहीं चला वो कब आये कब गए?
06:32तो पतार रखो ना बेहन, कब पता रखोगी?
06:35मिना इन कामों के लिए नोकर हैं घर पे यह तुम्हें करने की जरूरत नहीं है
06:43जो कहा है उस पे फोकस कर लो यार
06:45मुझे कॉल करके बता करना पड़ेगा कि वो कहा है, क्या कर रहा है
06:52रख दो ये काम यार
07:02हलो?
07:03हाँ, हाँ, कबीर कहा है?
07:05माबीना जी मैंने आप से तंख़ा की बात की थी
07:08आप बढ़ाएंगी ना मेरी जोता
07:10माबीना जी
07:12माई जी वो कबीर
07:14कबीर
07:16अरे, क्या हुआ?
07:19अरे, ऐसे क्यों खड़ी हो? मुझसे फूटो कुछ?
07:22माचे, कबीर को
07:25असमने कोली मार दी
07:31क्या?
07:45मुझसे बूकेस कौन लाया?
07:54गैस करो, असल में ये हॉस्पिरल की महौल की वज़र से दिल इतना घपरा रहा था मेरा, ओपर से ये मेडिसन की बू, तो कभी कभीर ने तुम्हारे आस-पास खुश्बू पहला दी ना,
08:12तुम्हारे लिए इतनी राते यहां पर जाग रहा था, मैं तो सो जाती थी लेकिन वो सिर्फ बैठ कर तुम्हें देखता रहता था, तुम अपने बाएं वाजू पर सोने लगी तो वो चौंकर उठकिया, उसी ने तुम्हारे जखम का इतना ह्याल किया था, कहां है तुम्हा
08:42क्या मतलब है तुम्हारा, कहना क्ये चाहती हो कहशिफ, बस इतना कहना चाहती हूँ कि एक दुश्मन दूसरे दुश्मन के लिए यह सब नहीं करता, सिर्फ वो करता है जो खुद से ज्यादा तुम से महबत करता हो, जिसे किसी और की परवा नहों बस तुम्हारी फिकर हो,
09:12के लिए सबसे दुश्मनी मोल ले सकता है।
09:42तो पता करो ना, पता करो के, मुबीन से बता करो के कहा है, मेरा बेटा क्या हुआ उसे का, अगर मेरे कभीर को कुछ हो गया ना, तुमेह मर जाओंगी, मेरा दिल पड़ जाएगा, मैं जिन्दा नहीं बच्छूँगी, मुदा ना करे, मरे आपके दुश्मन, मुबीन को फ
10:12पूछो, किसी से तो पूछो ना, क्या हुआ है, हस्पताल लेकर गए हैं के नहीं, और कौम से हस्पताल लेकर गए हैं, अरे कोई कुछ तो बता दो, कुछ तो बताओ कोई, आप दूा कीजिए, देखिएगा, कभीर भाई सही सलामत अपने कदमों पर चल कर आएंगे,
10:28कर गोली चलिए तो फिर गोली लगी भी होगी, मेरे बुब भाग, या ला, या ला, मेरे बीटे को गोली च्छू कर भी ना गुजरी हो, या, परशान ना हो आप, आप दूा किजिये बस, अब पानी पी लें अप, पानी पिलें आप, पाजिए उनको बता देए ना के कभी
10:58तुम्हें पता है ना
11:03मुझे न को रोता देखकर कितनी खुशी हो रही है
11:07पहली दफ़त विस तरह रोता हूँ देखरी हूँ मुझे कspeaking रुला है रही नहीनों नहीं
11:14ऐसा नहीं करें पता दे
11:16तो में तब पता है ना कःपीर को कुछ नहीं हो
11:22वह जिंदा है और उसके आने के बाद यह सूचो कि तुम्हें क्या करना है पजाए इसके अभी उनके लिए दुखी हो रही है
11:32ज़्यी छीनी नमक का पानी लेओं ना खिजी लेख रही है एंप दो और खाराब वर रही है खड़ी यही खड़ी क्रुण क्यों रही है आप रो ही तो नहीं ना इसे तु और तब्र खराब होगी सब ठीक हो जाएगा
11:45तो तुम यहीं चाहती हो ना?
11:48यही ही तो चाहती हो कि मैं रो रो के मर जाओं था कि तुम अपमी मनमानी कर सको
11:52यह तुम ही हो,
11:55तुम हो जिसमें मुझे बद्वा दिया, तुमने मेरे गर को बरबाद करने की पद्वा किया
12:00मैं यहसा क्यू चाहूंगी माई जी
12:04मैं ऐसा क्यूं चाहूंगी एक कबीर ही तो है जो मेरे इस घर में खयाल रखता है
12:10मैं मुझे समझता है मैं कभी ऐसे सोच भी नहीं सकती आप ऐसा क्यूं कह रही है
12:15याला याला अगर तुझे कुछ जान चाहिए तो कबीर को बख्ष दे मेरी जान दे मेरी जान
12:23अम्मी
12:34क्या क्या हुआ, कहां चोट लगी, दिखाओ मुझे
12:36बिल्कुल ठीक हूँ, आपके सामने हो
12:37और आपी क्या कह रहें थे अभी
12:40कबीर की जगा मेरी जहान ने ले, आल्ला ताला
12:42आप मुझे वादा करें, आप ऐसा कभी नहीं कहेंगे
12:46खुदाना खासता आपको कुछ होके तो मैं कैसे जहूँगा
12:49एंदर नहीं कहेंगे आपी सब कुछ, बैठी है आपे
12:55क्या ये साच है, आस्मा ने तुम पर गोली चिलाई
12:58अब ये दुश्मन के ठिकाने जाएगा, तो दुश्मन भी तो इसको ठिकाने लगाने की कुशिश करेगा नगा
13:03जिसक लिए हम जा नहीं सकते, जिस घर से बरसों के हमारी दुश्मन ही है
13:16सिकंदर खान और अस्मा तुमारी चान के अप्टिश्मन बने में, उसी के खर चले भी तुम
13:22ये मैं क्या सुन रही है, आप ठीक सुन रही है
13:27तुम उनके घर गए थे क्यों?
13:32बलाय था मुझे सिकंदर ने
13:33उसने बलाया और तुम चले गए, मुबीन
13:37जो गया था, उसी की सिवानी सुने
13:40मेरी तो सुनता नहीं है, अपने ही करेगा
13:43सिकंदर को मदद चाहिए थी इसलिए गया था
13:46और तुम मदद करने चले गए?
13:50पहले उसे इतना बड़ा ठेका दे दिया
13:52और अब मदद करने पहुंच गए, ये वो क्या रहा है?
13:54उसने मदद के नाम पर अपनी असलियत दिखा दी
14:00खुद तो गोली चड़ा नहीं सका, मैं से चलवा दी
14:05लिकिन गोली मुझे नहीं लगी
14:08फिर किसको लगी?
14:11प्रिया को
14:11प्रिया मेरे सामने आ गए थी
14:15मेरे ऐसे की गोली उसने खा ले
14:19पर अस्मा ने तो गोली तुम पर चलाई थी ना?
14:24तो उसकी नियत तुम्हे मारने की थी
14:26अब कोई सामने आ गया तो
14:28मुबीन, तुम आस्मा पर केस करो
14:30वो उसकी जान की दुश्मन है तुम पोलीस के हवाले करो आस्मा को
14:33मैं गया था पोलीस स्टेशन
14:35लेकिन कभी उने केस वापस ले लिया
14:39उसने गोली चलाई है तुम पर?
14:44जी जो के रिया को लगी
14:45पर अगर रिया सामने नहीं आती तो गोली तुम ही को लगती ने
14:51तुम्हें कुछ भी हो सकता था
14:52लेकिन गोली मुझे नहीं लगी
14:54मैं आपके सामने हूँ बिलकुल ठीक हूँ
14:55अगर मर जाता तो आप केस कर सकते थी
14:58आसमा तुम्हें अपने बाप का कातिल समझती है
15:02उसने तुम्हें आज तक माफ नहीं किया
15:05उसका दिल जोटा है
15:07मेरा बड़ा है
15:08मैं माफ कर सकता हूँ
15:11कभीर तुम क्या हो?
15:24या फिर यूँ कहूँ के आशिक है
15:26अच्छा छोड़े रिलाक्स कर जाए ना कुछ नहीं हूँ है
15:35मैं ठीक हूँ आपके सामने हूँ
15:36तुम देख रहे हो किसे इत्मिनान से ये सारी बात करा
15:38जैसे इस पर गोली ना चली हो
15:40बलके ये बहुत बड़ा कार नामा सर अन्जाम देकर आया हो
15:42इसे तो ना कोई डर है ना कोई खौफ
15:44अरे डर है मेरे दुश्मान
15:46मैं थोड़ा रेस्ट करूँगा
15:51इख लिगा
16:08क्या रात है मैंने आपसे
16:10किसी की नहीं सुनता है
16:14भाजी कबीर के अंदास साफ जाहर हो रहा था
16:25उसने जिस तरह से रिया का नाम लिया
16:28वो उसी से मुहबबत करता है
16:31मुझ से नहीं
16:34तो क्या फर्क परता है मिना
16:38वो उससे मुहबबत करता है और
16:42तुम उससे मुहबबत करो
16:45जो वो किसी वहर की मुहबबत में खरिफदार है तुम भी इने पास किवाएगा
16:49इसलिए कि तुम्हारी मुहबबत उन दोनों की मुहबबत से स्यादा मस्बूत और ताकतवर
16:56मिना तुम्हारी मुहबबत उन दोनों की मुहबबत को तोड़कर रख देगी
17:03और अगर मैं कमजोर पढ़ गए तो
17:07चम कर खेलोगी तो कमजोर नहीं पढ़ोगी
17:14मिना चाहे मजबूरी से या दिल से
17:26ये खेल तो तुम्हें खेलना ही होगा
17:29खबीर को हासिल करने के सिवा तुम्हारे पास कोई और रास्ता नहीं है
17:37उसको अपना आदी बना लो मिना उसके उसके इतने करीब हो जाओ कि
17:48कि वो तुमसे महबबत करने पर मजबूर हो जाए
17:51कि मिना अगर अगर कबीर नहीं तो तुम्हारे सर पर छत नहीं
18:05चत्नी
18:15कर दो जाए
18:22कर दो
18:30कर दो
18:34कर दो
18:40कर दो
18:42इसके चंदी से कमरे में रखते हैं?
18:54रिया, तुम यहां क्या कर रही? ताके कमरे में आराम करो?
18:58हाँ, वो.
18:59यह पूर कॉन लाया है?
19:01मैं.
19:02मैं लाइए.
19:04इतने सारे?
19:05प्यार ही इतना है.
19:07मैंने सोचा के ब्रिया का इतना गहरा जखम है,
19:11पूलों का धेर तो बनता ही है ना?
19:18इतने खुलूस से कह रही हो तो मान लेती हूं.
19:21अन्ना मुझे तो शक ही हो रहा थो.
19:23शक?
19:25शक किस पर हो रहा है आपको आपा?
19:27कबीर पे और किस पे?
19:30पर मैंने सोचा के अब वो तुम से दुबारा मिलने की हिम्मत तो नहीं परेगा.
19:37इसका मतलब है कि आपने सबसे कुछ सबक नहीं सीखा?
19:49सबक तो मैं सिखाओंगी.
19:51माबीना को और उसके बेटों को.
19:53आप इन माजी की तलकियों को भुला क्यों नहीं रेती है आपा?
20:01इन तलकियों की वज़ा सही जिनना हूँ.
20:04न मैं कभी भूलूंगी और ना किसी और को भूल रहे दोंगी.
20:34इन तलकियों की वज़ा से ही जिनना हूँ.
20:39ना मैं कभी पूलूंगी और ना किसी और को पूल रहेंगी.
20:44इन तलकियों की वज़ा से ही जिनना हूँ.
20:51ना मैं कभी पूलूंगी और किसी और को पूल रहेंगी.
20:56इन तो अठालो इतनी देर से वो तुम्हे कॉल्स कर रहे हैं.
21:03फोन बंक क्यूं करे यों?
21:26आ गई ना अपनी बहन की बातों में
21:38शाबाश
21:56कबीर
22:12क्या हुआ अब ठीक है ना
22:17आ में ठीक हूँ
22:18तेरा शुकर तुमें को चाहिए क्या
22:22क्या मतलब इस बात का
22:31बेरा मतलब कुछ खुलत तो नहीं है
22:33देखें आप मुझे यहाँ पर लेकर आया
22:39आप है तो मैं यहाँ पर हूँ वरना माही आणटी मुझे कपका निकाल चुकी होती
22:45तुम इस तरह फिगर करने की जरूरत नहीं मैं विल्कुल ठीक हूँ तुम्हारे सामने हूँ
22:49और में ना तुम्हें यहाँ से कोई नहीं निकालेगा जब तक मैं हूँ
22:52आपको अपनी जान की फिकर क्यों नहीं है
22:56जैसे कौन अपनी जिन्दगी हतेली में लेकर दुश्मनों के घर चला जाता है जैसे आप गए
23:03कबीर वो गोली आपके सीने से आरपार भी हो सकती थी
23:12आपको कुछ हो जाता तो मेरा क्या होता जो तो सोच की डर लगने लगता है
23:19तो मैं इस तरह परिशान होने की जरूरत नहीं है मैं सही सलामत तुमारे सामने खड़ाओं
23:23मुझे मेरे दुश्मनों से निम्मत ना आता है
23:27जी आप तो दुश्मनों के दिल में घर भी कर लेते हैं
23:35तीके तीके आप मेरे लिए बहुत एहम है
23:43मुझे आपकी जरूरत है कबीर
23:47और आपकी सिवा मेरा है कौन
23:51अरे क्या होगे तुम रो क्यों रही हूँ अरे बैटो यहां
23:55मुझे पस जड़ लग रहा है
23:57किस बास से जड़ लग रहा है मैं ठीक तो हूँ तुमारे सामने
24:01और पानी देकर आरो ही बैटो
24:03पानी पियो
24:13अब फिर से तो नहीं जाएंगे न वहां
24:23पिर से तो नहीं जाएंगे न वहां
24:27मिना प्लीस टार उनरस्टान
24:29मैं कहीं भी जाओं मुझे इंचालला कुछ नहीं होगा
24:31मुझे अपनी केर करना आती है
24:33मैंने तुम्हारी जिम्मेदारी भी उठाई है
24:35जो कि मैं पूरी करूँ
24:37तुम प्लीस परिशान मत हो
24:39यहां से कोई तुम्हें भाहर नहीं निकालेगा
24:41और अगर निकाले तो मेरा नाम ले देना
24:43फिर तुम बिल्कुल नहीं निकालेगा
25:09जिस दिन मैं तुम्हारे बाप को गोडी मारी थी ना
25:13उस दिन से लेके आज तक
25:15अपने सर्फिक कफन बान के खुंग रहा हूं मैं
25:19तो मैं किसी के पाप से नहीं ड़ता
25:23अपनी मौत को सुमने देख कर तो दर हो गया
25:27चलो अगर तुम्हें ऐसा लगता है तो
25:31एक बठ्रायकर के देख ले
25:36तुम्हारे साम में खड़ा हूं
25:38स्माद, नहीं, नहीं, यहाज एक एछैट, शॉट जीए
25:40तुम्हारे साम में खड़ा हूं
25:41नहीं, अभिधां ऐसा नहीं यूँग
25:57कभी ने
26:00तुम्हारी मोहबद से मैं वाकिफ हूं कभी लेकिन
26:05इस मोहबद के खातर में तुम्हारी जान खत्रे में नहीं डाव सकती
26:08आस्मा वाजी को जब ही मौका में देखा
26:12वो तुम से बदला लेने के लिए भर कोशिश करेंगी
26:15और अब उने में ये मुका तूम गीने
26:18तुमारी महपद को रुपना हो
26:21क्या acting कर रही थी खबीर के सामने
26:34अग्टिंग?
26:37नहीं
26:38तो अस्लमें बात करते करते आशूने कर गए
26:41acting नहीं कर रही थी
26:43तो मेरी बहन हो ना
26:44नहीं रियल एक्टिंग कर रही थी ना कि असली हो गई ने गुनाय ना सारे तुम्हें काबू कर लिया होगा कबीर को
26:50पतनी कौन किसको काबू कर रहा है
26:53मैं तो इनको देख की महबबत हो गई तो अच्छी बात है इसमें पुरी बात क्या है
27:00हमारे नियत में कि प्रॉब्मन तोड़ी है
27:02हम यह चाते हैं कि महबब तो टटके करो
27:06पीच में रिया भी तो है
27:08तुश्मन यह भुलाकर अकर कबीर को चाने लगी फिर
27:11वह हम वह हमारा मसला नहीं
27:13माही जी रिया को इस घर की बहू नहीं बनने देंगी चाहे जो चाहे
27:18तुम मुझे कौन से इस घर की बहू बनने देगी माही जी
27:21कर पस चले तो मुठा के बाहर पहिंग ले मुझे
27:24तुम क्यों सोचती रेती हूं महबीना जी आसमा जी रिया जी के बारे में
27:28कभीर जी जिन तो वारा हाथ थामके गड़ा होगा नहीं कोई कुछ नहीं बोल पाएगा उसके सामने
27:33जी मेरा फोन
27:40मैंने तो पन कर दिया था
27:58पहले चर्वा के मार डला फॉर सामने आके मार डला
28:07नकिना प्लाै तु ने आखिर और फ्या कर दसा के मार डला
28:14मैं जहना मिला तो खत्लता से दर्बार दर्बार के मार डला
28:21ववादार हमसे जमाने में कम है ववादार हमसे जमाने में कम है
28:28बबा हमने की है वफा कर रहे है
28:31कोई उनसे कह दे बुरा कर रहे है
28:34वफाओं के बदले जबा कर रहे है
28:38मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे है
28:41वफाओं के बदले जबा कर रहे है
28:44ते जा कर रहा हूँ वा चाल कर रहे है
28:48सिदम ढाने वाले सलामत रहो तुम
29:04सिदम ढाने वाले सलामत रहो तुम
29:11सिदम सेहने वाले दुआ कर रहे है
29:14मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे है
29:18वो काहों के बदले जबा कर रहे है
29:24मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे है
29:28मैंने सुचे सुस्राल के चक्कल लगा हूँ
29:32कपीर
29:41तुम यहां क्या कह रहे हो?
29:48यादे बागर करते थी है
29:49दिन तो गदर जाता है
29:54राते बागर करते थी
29:58क्यों नजर अंदास कर रही है मुझे?
30:08क्योंकि नजर अंदास करने में ही एह द्यान दे है
30:10उच्छा
30:11और ये अदियात किसे बरत रही है?
30:15मुझे spirit रही है
30:16ये आपके जानती है कि मैं द्षविनी बला बैटाओ
30:20करता था था था ने झूंकि वे ग्र्यू कर ये साथ
30:28क्यों मुझे तस्मारी महाफत का जबा महाफत से निक दे रहा हम
30:34तेरा, यह मुहबद इस सिर्फ सिर्फ जान के कुर्बानी मांगेंगे, और कुछ नहीं हुआ है, मैं तुम्हारी मुहबद के खादिर तुम्हारी जान खद्री में नहीं डाव सकती है।
30:49कुछ नहीं होगा मुझे, तुम्हेरा साथ हो दो, मैं सब कुछ ठीक कर तुमका, प्रॉमिस।
31:03नहीं, तुम जाओ यहां से कर दो, मैंनी चादी के असमा अबा को एक और मौका मेले, क्यों भी आँकों के सामें तुम्हारी चान ले ले, जाओ यहां।
31:15कुछ नहीं कर सकती हो, मैं आगिया नो तुमसे मेले, मैंना किसी तरके, मेरी महबत को कोई सिक अंदर, कोई असमा, कोई दुश्मने, रोक नहीं सकते हैं।
31:30लेकिन मैं रोक सकती हो, मुझे नहीं चाहिए तुम्हारी यह महबत, मैं इस दुश्मनी में खुश हूँ।
31:40नहीं में खुश हो।
31:42तुम्हारी खातर में एक जह तो क्या हो।
31:46हजार मुझारे को परण कर सकता हो।
31:50तुम एक बार मेरा हाथदोता हो, मेरा साथदोता हो।
31:56थो तो हूँ.
31:59हम दोनों मिलकर इस तुछमनी को मुहबब से खत्व कर देंगे.
32:03ड्रस्ट में.
32:09देखो मैं तुम्हारे गर आ गया.
32:12तुमने कह था सिकंदर और असमा के सामने आना में उनके सामने में आ गया.
32:16अब क्या?
32:17और अंजाम क्या हो?
32:18अंजाम की परवण नहीं है मुझे.
32:20मैं नहीं नर्दमेसे किसी से.
32:26तुम मेरे तरफ एक कतम बढ़ा हो.
32:30मैं साओ कतम बढ़ा हूं.
32:33मुझे तुमारी तरफ कोई मुआपत का कतम नहीं बढ़ाना.
32:39और ना ही मैं तुमारी कोई होसला अवजाही कर रही हू.
32:42मुहापत नहीं करती मुझसे
32:46तुम्हे कोई लगाओ नहीं है
32:52नहीं
32:54काविशिर, एल्दीस
33:00मेरे में नहीं रह सकते हूं
33:05इदर देखो मेरी तरफ
33:12मेरे बिना रह सकती हो
33:15खुशी से
33:21मुहबत खता है समझते हैं हम भी
33:32बता बख्षिदे हम खता कर रहे हैं
33:35मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे हैं
33:39बता बख्षिदे हम खता कर रहे हैं
33:49मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे हैं
33:55ये बेबाग दिल की नादानी तो देखो
34:19मैं क्या कर रहे हैं मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे हैं
34:29जबाओं के मदले जबा कर रहे हैं मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे हैं
34:45ऐसे दिल नहीं तोड़ना चाहिए था
34:48जरूरी है, तुमने देखा नहीं कि क्या कुछ हो सकता है अगर, नकर पे और कबीर एक दुस्य के करीब आए, तो कुछ अच्छा भी तो हो सकता है ना, कुछ अच्छा नहीं हो सकता सिभाए इसके कि आसमा आपा उसकी जान ले लें या खुद उसके हाथों कतल हो जाएं, सिक
35:18नहीं, इस्तिवार का बने रहना बहुत जरूरी है, मैं नहीं चाहती कि कबीर की जान को कोई खत्रा हूँ, तुम उसकी महबत को अन्देखा करोगी ना, कोई महबत बहुत नहीं है, बस एक बार मेरे एक्जाम्स हो जाएं, मैं पास हो जाओं, तो मैं कबीर से,
35:48बहुत दूर चली जाओंगी, कितनी खुदगर्ज हो तुम, अपना काम निकाला और फिर चूँ मंतर चूँ, इतने दिनों से तुम्हारी उससे बात नहीं हुई, तुम्हारी तभियत बहतर हुई है, एक्जाम सेर पर अन्या तुम आगी यहां ट्यूशन पढ़ने, चु�
36:18बताया था, उसने कहा भी था कि आ जाओंगा, तो अभी तक क्यों नहीं आया यार, अब हम कब से वेट कर रहे हैं, हाँ, देर तो काफी हो गई है, तुम उससे कॉल क्यों नहीं करती, क्या मुझे मेसेंजर बनाया वाए,
36:38क्या तुम डर्ती हो के कबीर के सामने तुम कमजोर ना पढ़ जा, नहीं, मैं कोई से डर्ती बर्ती नहीं हूँ, तो फिर निकालो फोन में लाओ, कॉल और बात करो दोड़ले से,
37:08क्यालो फोन बन्ते!
37:38कर रहे हैं ने क्या कर रहा हूँ और क्या कर रहे हैं

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