अमेरिका-चीन के बीच 'टैरिफ वॉर' से क्या मैन्युफैक्चरिंग में भारत निकलेगा आगे?
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00:00अगली खबर
00:00अब हम आपको ये बताएंगे कि क्या मेड इन इंडिया से दुनिया मेड इन चाइना की बादशाहत खत्म हो सकती है
00:07ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि 1987 में भारत की अर्थवेवस्था ने चीन को पीछे छोड़ दिया था
00:13उस समय भारत की अर्थवेवस्था 23,20,000 करोड रुपे की हो गई थी और चीन की अर्थवेवस्था 22,70,000 करोड रुपे की थी
00:22लेकिन इसके बाद चीन की अर्थविवस्ता भारत से बहुत आगे निकल गई जबकि भारत की अर्थविवस्ता इसी दौर में लगातार संघर्ष करती रही
00:30ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उस दौर में भारत जातिगत राजनीती में फसा हुआ था
00:36और हमारे देश में मंडल आयो की सिफारिशों को लेकर टक्राओ हो रहा है
00:40जबकि चीन की सरकार मेड इन चाइना के एक बड़े मिशन पर काम कर रही है
00:45उस दमाने में भारत चीन से आगे होते हुए भी पिछड़ गया और चीन मन्युफाक्चरिंग का ग्लोबल हब बन रहा
00:52लेकिन अब ग्लोबल मन्युफाक्चरिंग में हमारा देश चीन की इस बाजशाहत को चुनोती दे रहा है
00:58और अब टारिफ वार के बीच दुनिया में मेड इन इंडिया की चर्चा होने लगी है
01:02एक नई रिपोर्ट के मुताब एक दुनिया भर में हर पांच में से एक आईफोन अब भारत में बन रहा है
01:09पिछले एक साल में आपल कंपनी ने भारत में एक लाख पानवे हजार करोण रुपे के आईफोन का भारत में उतपादन किया है
01:17यह फानाशल यार 2023-24 यानि साल 2023-24 के मुकाबले 60 फीज़दी का इजाफा है
01:26अब मौजूदा समय में आपल कंपनी के 20 फीज़दी आईफोन भारत में बन रहे है
01:31और अनुमान यह है कि अमेरिका और चीन के टारिफ वार से यह उतपादन भारत में और भी आने वाले वक्त में बढ़ सकता है
01:39यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब इस साल भारत ने 2 लाख करोड रुपे के मोबाइल फोन्स दुनिया भर में एक्सपोर्ट किये हैं
01:46और इन आकडों से पता चलता है कि अब दुनिया में मेरे इन इंडिया का डंका बजने लगा है
01:51जो भारत आज से कुछ साल पहले तक दुनिया में हतियारों का सबसे बड़ा खरीदार था
01:57उसी भारत ने 2024-25 में 23,625 करोड रुपे के हतियार एक्सपोर्ट किये हैं
02:05और इसमें 12% की वृद्धी हुए एक जाफा हुआ है जो देश भर में एक उमीद जगाता है
02:10आज दुनिया के कई देश भारत में बने हतियारों को खरीदने के लिए सरकार से बात कर रहे हैं
02:15और फ्रांस जैसा देश आप सोचिए भारत में बने पिनाका रॉकेट सिस्टम को खरीदना चाहता है
02:21और यहाँ बाद सिर्फ हतियारों और मोबाइल फोन के उत्पादन की नहीं है
02:25भारत ने जो वंदे भारत ट्रेन बनाई है उसे खरीदने के लिए कैनडा और मलेजिया समेथ कई देशों ने हमारी सरकार से बात की है
02:34सबसे बड़ी बात यह है कि भारत अब दुनिया के लिए सरकार के मेक इन इंडिया अभियान की एक बड़ी भूमिका है
03:04जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सतंबर 2014 में लांच किया था
03:08इस अभियान का मकसद था भारत में मनिफाक्चरिंग को बढ़ावा देना
03:13उसे आत्म निर्भर बनाना अब शायद भारत को इसमें सफलता मिलने लगी है
03:18और टैरिक बॉर में अमेरिका और चीन के टकराव से भारत को फायदा हो सकता है
03:22भारत के लिए मनिफाक्चरिंग का ग्लोबल हब बनना मुश्किल नहीं है
03:26हम पहले भी ऐसा कर चुके हैं
03:29एक जबाने में जब भारत को सोने की चड़िया कहा जाता था
03:32उस समय भारत की उत्पादन ख्रमता पूरी दुनिया में सबसे जादा थी
03:36लेकिन बाद में ब्रिटिश हुकूमत ने भारत को इतना लूटा
03:39कि पहले हमने इंडस्ट्रिल रिवल्यूशन को मिस किया
03:42बाद में कम्प्यूटर क्रांती में भी भारत एक प्लेयर बनने के बजाए
03:45एक ग्राहक बन कर रहा
03:47हाला कि अब यस सिती धीरे धीरे बदल रही है
03:50और Made in India की सफलता पूरी दुनिया देख रही है
03:55हाला कि चारिफ बॉर के कारण दुनिया में इतनी अस्थिरता है
03:59कि इससे कई देशों की अर्थवेवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है
04:02अब देखे अमेरिका के रैसी प्रोकल चारिफ का मोहतोर जवाब देने के लिए चीन ने दुरलब खनीजों के एक्सपोर्ट पर पावंदी लगा दी है
04:09इन्हें rare earth elements कहा जाता है जिनका इस्तमाल हतियार fighter jet missile defense system बनाने के लिए होता है
04:19अब सोची कितनी जरूरी चीज़े हैं अगर चीन अमेरिका की रक्षा कंपनियों को ये दुरलब खनीज निर्यात नहीं करेगा
04:25तो अमेरिका नई पीडी के fighter jets नहीं बना पाएगा दूसरे हतियार नहीं बना पाएगा और उसे बहुत बड़ा नुकसान होगा
04:33दुनिया के 43% हतियार लडाकू विमान युद्धपो दूसरा रक्षा निर्यात अकेले अमेरिका करता है जो 28 लाख करोड रुपे का है
04:44यह पाकिस्तान जैसे एक देश की कुल अर्थ व्यवस्था के बराबर है
04:49सोचिए अगर अमेरिका को चीन से यह दुरलब खनिज नहीं मिले तो उसके डिफेंस सेक्टर को कितना बड़ा नुकसान होगा
04:58सेटबैक होगा जटका लगेगा
05:00यह दुरलब खनिज स्मार्टपोन्स, लाप्टॉप्स, सेमी कंड़क्टर्स के जो चिप्स है यह सब बनाने में इस्तमाल होते हैं
05:09और इनकी सप्लाई रुखने से एलेक्ट्रोनिक आइटम्स भी दुनिया में महेंगे हो सकते हैं
05:13असर्द पूरे विश्व में होगा, कई देशों में अभी से इस बात को लेकर खलबली मची हुई है
05:18दुनिया में लगबग 160 दुरलब खनिज है ऐसे, जिने रेर अर्थ एलेमन्स कहा जाता है
05:23इस वक्त 70% दुरलब खनिज की सप्लाई अकेला यह चीन करता है
05:2914% की सप्लाई अमेरिका करता है, 4% दुरलब खनिजों की सप्लाई अस्ट्रेलिया करता है
05:35और यही कारण है कि अब चीन अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ का जवाब दुरलब खनिजों की सप्लाई पर रोक लगा कर दे रहा है
05:43अब देखिए ये टैरिफ की लडाई कैसे एक बहुत खतरनाक मोड पर पहुँच चुकी है
05:48अब आप ये देखिए कि इस टैरिफ बॉर्ड ने दुनिया के महेंगे और लग्शरी ब्रांट्स को भी मुश्किल में डाल दिया है
05:53कैसे?
05:54चीन के मैनुफाक्चरर्स टिक टॉक पर ये बता रहे हैं
05:58कि लग्शरी ब्रांट्स के जो बैग, जूते, कोट्स एक से डेल लाक रुपे के बिखते हैं
06:04उनकी असली कीमत पांच सो से एक हजार रुपे के बीच होती है
06:08बड़े बड़े लग्शरी ब्रांट्स इन प्रोड़क्स को चीन में बनवाते हैं
06:12और बाद में इन पर अपना लोगो लगाकर इनने महंगे दामों पर बेचते हैं
06:15और लोगों को असल में ब्रांट्स के नाम पर लूटा जाता है
06:18अब देखिए ऐसा माना चाह रहा है कि टिक टॉक पर तरह तरह का प्रोपगांडा भी चलाया जा रहा है
06:25मीम्स बनाई जा रहे हैं चीन की तरफ से क्योंकि वो बदला लेना चाहते हैं
06:29अमेरिका ने जो पाबंदियां लगाई है जो रेसीप्रोकल टैरिस में इजाफा किया है
06:33उसके दबाव में आकर इस तरह की मीम्स खूब वाइरल की जा रही है
06:37और पूरे चीन में और जाहिर तोर पर चीन में जो इस वक्त मौझूदा सरकार है वो इस बात से खुश हो रही होगी
06:42और ये प्रोपगांडा चीन को सूट भी करता है
06:45लेकिन इसकी सच्चाई इसकी प्रमानिक्ता देखनी होगी
06:49इधर अमेरिका ने जब से 147% का रेसिप्रोकल टारिफ चीन पर लगाया है
06:54तब से चीन के मेनिफाक्चरर्स टिक टॉक पर विडियो बना कर ये कह रहे हैं
06:57कि लक्शरी ब्राइन्स अपने ग्रावकों को लुटते हैं
07:00उनसे सस्ते में बनवाया गया सामान खरीदते हैं
07:03और फिर मेहंगे दामों पर वहाँ पर बेचा जाता है
07:06लेकिन आप लोग चाहें तो वो चीन के मेनिफाक्चरर्स से
07:09सीधे सामान को खरीद सकते हैं
07:11अपने पैसे बचा सकते हैं
07:13अब देखें ये चीन की पूरी तैयारी है
07:15तैयारी इस बात को लेकर
07:17कि रेसी प्रोकल टैरिफ्स लगने के बाद
07:19जो सेट बैक उसे लग रहा है
07:21उसमें वो क्या करें
07:22तैयारी जारी इसरी छूरी बढ़ी henory
07:46कि वेखें कि में हमास देशी इसने बःता Knight
07:50ब bak suivर विष्टेब काते हैं कि लिगए से फिष्टे बूंस नहीं जूंसे हुश्या है
08:01के बच्टी प्लाद कोची, विवीतान, यृ नहींच।
08:03झा जर अधिक तर लेख़ज़ हैं तल्रेकिय को प्रेख़ों के लाद।
08:08अब याद रखें यह चीन का प्रोपगांडा भी हो सकता है क्योंकि इस तरह के प्रोपगांडा वोर में चीन बहुत महारत हासिल रखता है
08:30अगर आप भी ऐसा सोच रहे हैं कि यह चारिव और कुछ देशों के बीच लड़ा जा रहा है और आप पर इसका कोई असर नहीं होगा तो आप गलत सोच रहे हैं
08:37आज आपको 1932 के Great Depression को याद रखना चाहिए उस वक्त अमेरिका आर्थिक संकट से गुजर रहा था
08:43सब के बीच उसने दूसरे देशों से इंपोर्ट होने वाले 20,000 प्रोड़क्स पर टैक्स बढ़ा दिया था इसी तरह से
08:49जैसा कि आज दॉर्नल्ड ट्रम्प की सरकार ने किया है
08:53इस फैसले का जवाब बहुत सारे देशों ने अमेरिका के सामान पर टैक्स बढ़ा कर दिया था
08:58जिसे अमेरिका का एक्सपोर्ट जो है वो 28 से 32 पीज़धी तक कम हो गया
09:03और Great Depression के कारण सिर्फ अमेरिका में 1 करोड 28 लाक लोगों की नौकरिया चली गए थी
09:10और अब भी अमेरिका और दूसे देशों में ऐसे ही हाला बन सकते हैं
09:14आज अमेरिका के राश्रपती डॉनल्ट ट्रम्प को ये तै करना होगा कि वो टारिफ बोर को कहा तक लेकर जाएंगे
09:20और क्या वो अमेरिका को मंदी की तरफ ले जा रहे हैं जिसे दुनिया के देशों के अर्थ व्यवस्ता भी प्रभावित हो सकती है