बाड़मेर का मदाणी परिवार समाज के लिए मिसाल पेश कर रहा है. पढ़िए रिपोर्ट...
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00:00बार्मेर जिले में मदानी परिवार ने पक्षियों के प्रती प्रेम और समर्पन की मिसाल पेश की है
00:15जीवदया के शेत्र में उनकी ओर से किये जा रहे कार से पक्षियों को सुरक्षित आश्रय और भोजन मिल रहा है
00:23मदानी परिवार के कैलाश चंद बताते हैं कि उनकी मा के इक्षा पर परिवार के लोगों की ओर से भूमीदान करते हुए भूखंड पर चबूत्रे का निर्मान करवाया गया था
00:34अब यहां रोजाना 5000 के आसपास पक्षिया आते हैं
00:38चबूत्रा 2015 में मेरे माता जी के उपदेश से हमने बनाया था और पहले दो मंजिल का बनाया फिर इसको तीन मंजिल का बनाया जैसे जैसे कबूत्रों की संख्या बढ़ती गई
00:49इस्टाटिंगों 25 कबूत्र आते थे और उसके बाद 5000 कबूत्र आने लगे तो हमने 50 किले चुगे से ये काम शुरू किया था
00:56और जैसे अपने सोसिल मीडिया के माधियम से आपके फ्रेंड हमारे दोस्त परिवार जन दुड़ते गए और चुगे की व्यवस्ता होती गई संस्ताओं से तो हमने 100 से 200 किलो चुगा या देना प्रारम किया
01:07सुब हम 100 किलो चुगा डालते हैं और दोफर को भी 100 किलो डालते हैं और डालने के लिए यहां कारियरत एक कर्मीक है और सर्मीक के द्वारे यह डाला जाता है उसके बाद यहां पानी की अच्छी व्यवस्ता है सुबह साम सीतल जल है इतने तिन तो पढ़िंडे लेगे थे
01:37तो समय समय पर 24 गंटा इन पक्षियों को मुख पक्षियों को पानी मिल सके वो सेंसर का पानी जो वेश्टेज पानी गिरता है वो इसके पास पास असी पोदे लगे वो पोदों पे पानी चला जाता है
01:46कैलाश चन बताते हैं कि वर्तमान समय में 90 गुना 100 फेट के भूखंड पर चार दिवारी करते हुए तीन मंजिला इमारत में चबूत्रा बना हुआ है
01:56ग्राउंड फ्लोर पर टांके की विवस्था है पहली मंजिल पर अनाज का भंटा अरण कर दूसरी मंजिल पर रोजाना पहुचाया जाता है
02:04तीसरी मंजिल पर पक्षियों के रहने के लिए घुंसलो सहित लोहे की रौड लगाई गई है ताकि आंधी तूफान और बारिश में पक्षियों के रहने की विवस्था हो सके
02:14हर परकार के पक्षि यहां आते हैं और नीचे पक्षियों के लिए आसी मोर भी आते है और यहां चार दिवारी भी की गई है कुट्ते बिली से भी पक्षियों की सुर्क्सा हो सके
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