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  • 2 days ago
Crime Katha: एनकाउंटर में 3 बार मर चुके डकैत Rambabu Gadariya की कहानी
#3 बार मरा… लेकिन फिर भी ज़िंदा? जानिए डकैत Rambabu Gadariya की हैरान कर देने वाली कहानी!
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News
Transcript
00:00foreign
00:15आपको एक ऐसे खंखा डांपू जिसका नाम सुनते ही लोग घरों में घुश जाते थे
00:25
00:55in a foreign country, but in a very good way.
01:01This is a story from the Guaylor and the Chambal.
01:06Chambal is where one has been one place.
01:12The name of the Chambal is now completely different.
01:17We are here with the name of the Chambal.
01:19But in the Chambal, there are many different types of crime.
01:22but today in the crime scene, the name of the Khram Bahubur Kaririyar was the most famous Khram Bahubur Kaririyar.
01:36He was the one who worked for a long time, which was the most famous Khram Bahubur Kaririyar,
01:44राम बाबु गरेडिया मध्ध पर्देश के गुवालियर्चंबल संभाग के शिवपुरी के हर्सी गाउं का रहने वाला थाम।
01:52वैसे तो इस इलाके में एक से बढ़करे खुंखार डकैत हुए।
01:57लेकिन इतिहास में इस इलाके का सबसे खुंखार डकैत का खिताव अगर किसी को मिला है तो वो राम बाबु गरेडिया और उसका भाई दया राम गरेडिया को जाता है।
02:11गरेडिया गिरो के सिलसले वार आरोपों से गवालेड के पुलिस बहुत परेसान हो चुकी थी।
02:18इतनी ज़्यादा परेसान हो चुकी थी कि सरकार ने उसे T1 की स्रेनिम रख दिया था प्रसासन में।
02:25मतलब टार्गेड नमबर वन किसी भी तरह राम बाबु गरेडिया को पकर लेना चाहती थी।
02:31पुलिस चाहती थी कि उसके गैंग पकर में आ जाए।
02:34कहते हैं कि मद्ध पर्देश की पुलिस ने गरेरिया बंध हो या कहें उनके गैंग को पकरने के लिए एरी चोटी का जोड़ लगा दी थी।
02:44बावजूद इसके वो पकर में नहीं आ रहा था।
02:48इसलिए पुलिस ने पूरे गिरह को कहते हैं कि पूरे के पूरे गैंग को तीवन यानि कि टार्गेट नंबर एक का तमगा देद लिया था।
02:57टार्गेट नंबर एक का तमगा का मतलब यह होता है कि इंकाउंटर हो या कुछ भी उससे पहले पर्थम में पकरा जाए।
03:05साथी गरिया गिरह के सरगना राम बाबु के उपर पांच लाक रुपे तक का इनाम घोशित कर दिया गया था।
03:13काफी कोशिसों के बाद जब राम बाबु गरिया पकर में नहीं आया तो पुलिस ने उससे मिलते जुनते किसी एक सक्सका एंकाउंटर कर दिया।
03:24ुशिति इनकाउंटर ही नहीं किया बलकि उसका अंतिम संसकार भी आनंव्वानन में कर दिया
03:31में अम इसके बाद वे सरकार से इनाम पा लिए kap़्स वाले इनाम पा लेते हैं तब सक्तामे कॉंग्रिस की सप्कार से सरकारने सब
03:46इस इस कर्मे आंब के तौर परर मोशन दिया है के सरकार को लगा कि अब राम
03:53हुआerem वागुंध्यों को पर्मोसब्चा को पुलिस्तों ने हैं पुलिस्त सब्दिश्तों को अिब्सकाय।
04:05की मतार्टिय इंकउंट्र के दूसरे ही दिनuroara को अपनी मौत की आकवारों में
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05:11८ुदे है ८ vicinity ८०ेख यह कहानी पुरे दुनिया में खुलाशा हुआ जानकारी में जोनी इस पुलिस परशासन में से चिक
05:22गोल हो पूरे गाहूं में ध्यसत्थ रामबा वी गेर जिन्द जिन्द होने और किसी बार्प हो दोस्व को मारे जाने पर सरकार में इनाम
05:34to surrender all the police who surrendered. These are the police who were some people who were
05:42hero-marked. But when the incident of the incident of the incident, these police were
05:52villainous. And this was the fact that they had to get rid of it.
05:59। आपको वैसे बताता चलू कि पुलिस की फाइडों में राम बागो और उसके भाईयों को दो बार
06:08इंकाउंटर मारने का दावा किया गया था, दोनों बार दावा गलब था, लेकिन कहते हैं कि आप कितना भी दावा करें जूट-जूट होता है,
06:20वो लाल फिता साही के कारजों में बस बंद था, कभी वो सच नहीं निकला, चलिए, अब आपको आगे बताते हैं कैसे एक गाउं का आम शक्स,
06:32और कैसे आज जिसकी चर्चा हम कर रहा हैं, यह अपना इतना बड़ा गिरोह चलाता था, कि पूरे पुलिस मद्य परदेश पुलिस को से टीवन की सरणिय में रखा गे, इस राम बाबु गरेडिया की वारे में, और पूरी कहानी समझते हैं, उसके गाउं से शुरुवात स
07:02कोपाल और परताप सभी लिस्टे में भाई बन गोते हैं, इस घटना के शुरुवात होती है रखुवर गरेडिया से, एक न्यूज वेब साइट है, पत्री का उसकी रिपोर्ट की माने है, तो गरेडिया गिरोह की अस्थापना वैसे तो कई साल पल रखुवर गरेडिया �
07:32कि रखुवर की ही पत्मी को लेकर उनके ही रिष्टेदार दया राम महराद सिंख के साथ परिजनों से बिवाध हो गया था, इससे नाराज होकर रखुवर गरेडिया ने अपने भती जो राम बावु गरेडिया और दया राम गरेडिया के साथ मिलकर एक व्यक्तिकी हत्या
08:02ुम्हाराज सिंह के परिवार को पुली सुरक्षा मोहिया करें बावजूद रगवर गरेडिया ने राम बाबु और अपने दुसरे भतीजों के साथ मिलकर फिर से एक और रिष्टेदार के हट्या कर दी और पुलीस को खुली चुनोती देते हुए जिले का मोस्ट वांटे�
08:32इस गिरोन में रगवर ने अपने भती जो राम बाबु दयारा विजय प्रताप गोपाल के साथ लॉंज किया था कह सकते हैं कि इस सब मिलके गुट बनाया था लेकिन चर्चाओं में हमें साथ राम बाबु गरेडिया ही रहा है क्योंकि वो सब एक्शली पढ़े लिखे न
09:02कहते हैं कि वह अपने दिमाग से पूरे गैंग का मुख्या बन गया था और पुलिस को चक्मा देने में माहिर था कैसे कोई प्लान करना है और वहां से भाग जाना है इसी घटना के बाद गरेडिया गैंकाखव इलाके में बढ़ने लगा था वह लोग बैंकरम चार्वों स
09:32के बदोलग वे अपना गैंग चलाते थे इसके कारणा में इतने जाड़ा बढ़ गया थे कि मर्ध्य पर्देश की पुलिस ने इसे इस गैंग को टी वन या कार्गेट वन की सेनी में डाल दिया था जैसे कि मैंने स्टोरी कुश्रवात में भी आपको बताया है इसी करम में
10:02वाव गयरिया भी उसके साथ मारा गया है, पुलिस ने राम वाव की डेड़ बॉडी का पोस्माटम कराकर अंतिम संसकार करा दिया अनवाना इससे खुश हो कर दिग्वीजय सिंग की सरकार ने तब कि ततकालिन दिग्वीजय सिंगी सरकार ने पुलिस करम्चारियों को प�
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12:21तब अधिकारिक पुलिस ब्रीफिंग में यह कहा जाता है कि जो गरेडिया गैंग है उसमें जादा से जादा आठ सजस हैं
12:31यहाँ पे पुलिस आठ लोगों के जिक्र होने की बात करती है
12:36लेकिन इसके दो महिने बाद ही भावरपुरा में कान्ड होता है
12:41इसकान्ड के बाद चस्मदी जो है पुलिस को बताते हैं कि गिरों में 12 मजबुत लोगों का है
12:48मतलब दरजनों लोग सामिए एक दरजनों सामिए हाला कि अभी तक यह आज की तारीक में भी
12:54यह कोई नहीं जानता है कि इस गिरों के लिए कितने लोग काम करते थे
13:00वैसे यह गैंग दुनिया भर की नजर में तब चर्चाओं में आया
13:04जब साल 2004 में गुवालियर के भावरपुरा में 13 गुजजरों को एक लाइन में खरा करके गोली मार दिते
13:13दरसल राम बावुगरिया बेहाधी खतरनात और दुरदांत डकैत था जैसे मैंने पहले भी कहाए
13:21उसके पास प्रेम और भावना नाम की कोई चीज थी ही नहीं
13:26उसे अपने गाउं हर्सी के नजदीक के गाउं भावरपुरा में रहने वाले गुजजर पर मुखवीरी का सक्था
13:33उसे सक्था कि कुछ लोग उसकी मुखवीरी करते हैं और पुलिस वालों को जाके उसके बारे में बताता है कि वो गाउं में कब आता है कब जाता है
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14:12ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
14:42ॐ ॐ ॐ
15:12ॐ ॐ ॐ
15:42ॐ ॐ ॐ ॐ
16:12ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
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17:12ॐ ॐ

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