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  • 2 days ago
हाल ही में हमारे recent interview में हमारी बात filmmaker और author Seema Kapoor से हूई. इस दौरान उन्होंने अपनी autobiography 'Yun Guzri Hai Ab Talak' पर बात करते हुए कहा की new generation को इस book से सीखने को मिलेगा की, कैसे patience से अपने life के challenges को face करें और खास तौर पर लड़कियां जो अपने terms and conditions पर life में आगे बढ़ कर कुछ हासिल करना चाहती है. उन्होंने बताया की अपने जिंदगी के बारे में लिखना और सच बोलना कितना मुश्किल है, क्योंकि इस के जरिए अब हर कोई आपकी जिंदगी से वाकिफ होगा. साथ ही उन्होंने कहा की जैसे - जैसे new medium, technology आती जाती है, वैसे -वैसे पुरानी चीजे छुट्टी जाति है, और वो आगे कहती है की यही तो life का struggle है, किसी को कहीं पहुंचने के लिए struggle करना पढ़ता है तो किसी को मुकाम मिलने के बाद उसे बरकरार रखने के लिए struggle करना पढ़ता है. Seema कहती हैं की ईश्वर ने हर समय सही व्यक्ति को उनकी life में भेजा है, और बहुत सी किताबों ने भी उन्हें emotionaly और mentaly strong बनाया है. साथ ही उन्होंने बताया की एक ही तरह की book आपके सभी emotion या problem को solve नहीं कर सकती, उसके लिए आपको अलग - अलग book के पास जाना होगा, इसके लिए कोई If and But नहीं है. 'Yun Guzri Hai Ab Talak' book के जरिए आपको Seema Kapoor के life की अनकही बाते और दास्तां पढ़ने को मिलेगी, जिससे अब तक हम सब अंजान थे.

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Transcript
00:00आज भी अगर एक लड़की रोड पर अकेली चल रही है तो कोई ना कोई ऐसा मिलेगा जो उसे कुछ ना कुछ कहेगा
00:06वो जो मेरे साथ हुआ वो इतना पेइनफुल था कि उसका बरसो बरस तक दिमाग पैसर रहता है
00:14कि कोई बच्चे के साथ इस तरह भी कर सकता है
00:17आज तो हर दूसरे दिन कोई ना कोई न्यूस आती है
00:21हमारे तो माता पिता के लिए मतलब कल्चरल शॉक होता
00:27ओम पुरी जी ने आपको तब चीट किया जब आप प्रेगनेंट थी
00:30उनसे गलती हुई डेफिनेटली लेकिन उन्होंने माफी भी तो बांगी ना
00:3414 साल के बाद वो वापस आए क्योंकि वो विमार थे बड़े मेजर ओपरेशन से गुजर रहे थे
00:43और तब उन्होंने मुझे फोन किया था माफी बांगी थे मुझसे
00:48कि मुझे पता नहीं कल मेरा ओपरेशन है मैं बचूँगा के नहीं बचूगा के नहीं बचूगा
00:52मैंने जो किया आज भी मुझे कोई पच्टावा नहीं है
00:55ओमपुरी वस फिजिकली इंवल्ड विद अमेड है
00:58मैंने अपनी किताब में इस तरह से कोई वो नहीं किया था और ना मैं इस पे कुछ बात करना चाहती हूँ
01:06बिजनसमेन हो क्या है उनकी जाती जिदगी में क्या हो रहा है
01:11उसको संसनी खेज बना के पेश करना यह ना जिम्मेदारी का काम नहीं है
01:18ऐसा तो कोई दिन नहीं जाता है
01:20जब मा बाबु जी और पुरी साहब को ना याद करते हूँ
01:25अट जीवन की कहानी जब ही कोई बताता है तो वह खास हो जाती है
01:52क्योंकि उसमें उसके emotions जुड़े होते हैं और पूरी जो life होती है एक एक अक्षर से लिखी हुई होती है तो हमारे साथ है सीमा कपूर जी माम कैसे हैं आप ठीक हो पिल्कुल पहले तो हम किताब से ही शुरू करते हैं क्या कुछ खास है क्योंकि जब भी अभी मैंने बोला बह
02:22है सबसे पहले किताब का नाम बता दू मैं यूं गुजरी है अब तलक ये यूं गुजरी है अब तलक में ही सारी चीजें आगए कि अब तक ऐसे गुजर गई है जिन्दगी तो बहुत लंबी है जिन्दगी और बहुत उतार चड़ाओं से गुजरी है इसमें यंग्स्ट
02:52अपने जिन्दगी के जो चैलेंजेस हैं, उनको फेस करते हैं, और खास्तोर से एक लड़की, एक स्त्री, किस तरह से अपने टर्म्स और कंडिशन पर रहके भी उन चैलेंजेस को फेस करते हुए, और जिन्दगी में आगे बढ़ती हैं, तो क्या है हमारे यंग्स्टर्स हैं
03:22जिस देखने बाकी हैं, अभी भी होते होंगे, क्योंकि जिन्दगी अपने आप में ही एक संगर्ष है, कभी आप करियर के लिए लड़ते हैं, कभी करियर बनाने के लिए लड़ते हैं, मतलब संगर्ष को फेस करते हैं, कभी आपके दिल तूटते हैं, प्रेम संबंध होते
03:52इमोशनल सेटबैक होते हैं, पेरेंट्स की तरफ से होते हैं, दोस्तों की तरफ से होते हैं, प्रेमिका की तरफ से होते हैं, करीयर में होते हैं, आप बनना कुछ चाहते हैं, फाइनाशल करडिशन आपको कुछ और बना देती है, तो यह सारी चीजों को जब कोई बड़ा लं
04:22लिना मिली कि उन्हों ने कैसे अपना जीवन अपने सिद्धानत पर बिताया और कैसे कैसे
04:29चैलेंजस को न Gü MOSC commitments किया, और हमत से फेस किया.
04:32माम जब में किताब लिखते हैं, उस यह दO आप को सारी अपनी चीजे याद
04:38कि मेरे साथ ये हुआ फिर ये हुआ तो बहुत ही साथ है एमोशनल एक रोलर कोस्टर टाइप रहता है कि अच्छे पल एकदम से याद आजाते है फिर याद आता है ये थोड़ा बुरा हुआ था तो जिस ताइम पर आप ये सारी चीजे नोट डाउन कर रही थी तो वो जब �
05:08आप से उनको लिखते हैं लेकिन जो बहुत ऐसी यादें है जो बहुत दुखी करती है उनको दुबारा से रीलिव करना मुश्किल होता है लेकिन अब एक चैलेंज लिया था मैने कि किताब लिखनी है अपनी जिंदगी को लिखना थोड़ा, जिंदगी को लिखना और सच �
05:38यह निर्ने किया होता है कि जो बाते आपने अभी तक अपने घर के लोगों तक से छुपाई हुई होती हैं, वो अब पब्लिक करने वाले हैं, अब आपकी जिंदगी से हर कोई वाकिफ होने वाला है, तो जिंदगी तो बहुत मुश्किल भी होती है, उसमें कुछ ऐसी चीज
06:08लाइफ के बारे में, तो जब लोगों ने इसके बारे में पढ़ा, लोगों ने पढ़ा तो आपको काफी सारे रियाक्शन्स मिले होंगे, काफी सारे मेसेज़स मिले होंगे, कि यूर अस्ट्रॉंग लेडी, we are with you, you are inspiring us, तो कोई यह कैसा मेसेज जो इस ताइम पर याद �
06:38इसे ही होना चाहती हूं, तो मुझे यह लगा कि मतलब मेरा बुढ़ा होना सार्थक हो रहा है कि कोई मेरी तरह बनना चाह रहा है, तो उन्हों लिखा कि ग्रेसफुल और इमानदारी से कही वह बात है, तो मैं ऐसी बुढ़ा होना चाहूंगी, अच्छी बात है, अगर हम �
07:08अगर हम इंडस्ट्री की बात करें, भले ही वो टीवी इंडस्ट्री हो, थीएटर हो, फिल्म हो, सब में आपका बहुत ही जादा की रोल रहा है, बहुत ही इंस्पायर किया है अपने हमें, अपने हर एक प्रोजेक्ट से, तो उस ताइम पर और अभी का जो सिनिमा हम देख
07:38यह मेंundertुकर प्रोजे मीमी इंजते हैं, देखें, दियो जो सिनिमा को आपको दिखाई देगा कर दो सूषिरा देख भाला
07:44समाज का दरपण कहलाता है , जो समाज में हो रहा है वही इसिनयमा में देखे घर कर दक्राइप, Chief
07:58तो इसी बात को लेकर गजया होते हैं वही आपको आठ दिखाई देते
08:05तो वो दिखाई दे रहे हैं मुझे, हम देखे 170 की फिल्म, 60 की फिल्म, 50 की फिल्म, और आज की फिल्म, content ही change है, जी, बहुत सारी चीज़े हैं, जो technically हम बहुत sound हो गए, बहुत आगे बढ़ गए, लेकिन आज content wise बहुत पीछे है, technically तो बहुत आगे बढ़ गए, आज जो जो
08:35track होता था, तो music भी, musician भी एक साथ बजा रहे होते थे, singer भी एक साथ गा रहे होते थे, अगर एक musician का इतना सा गलती हो जाती, दुबारा से सारा पूरा गाना पड़ता था, आज उसकी वो नहीं है, आज digital हो गया है, अभी मुझसे कुछ गलती हो जाए, कट जाएगा, वहीं
09:05चीज़ें टेक्निकली तो हम लोग बहुत साउंड हो गया है, बहुत आगे बढ़ गया है, आज वह भी एफेक्स से हम क्या-क्या चीज़ें कर लेते हैं, अब तो वह AI हो गया है, सब हो गया है, लेकिन content कहा है, जी, हम human है, हम इनसान है, इनसान में जो पुराने जमाने में
09:35हसना है, हसना है, इनसान में जह चाहिएने जमा उन से कोई ऐक चीज टो दिखा देमी। तभी हैंगे हजा भी � haasई, ढ़रा हैं एते जम एब शुम्पला कर देमीं हैंगे इस चाहांदिब आरे ंना हैंगे य् arts इनसान तो यह गातानिया में और हल्या हैंगे है क्यां प्य
10:05इसी स्टोरी टेलिंग का, हमारी तो नानी दादी जो कहानिया सुनाती थी उस पर ही रोना जाता था हमें
10:10बिल्कल, वह बैट टाइम स्टोरी जो ही माम इस ताइम पर आप फॉलो कर रही हैं जो भी बॉलिवुड में चल रहा है
10:17कोई रीसेंट मुवी जो आपने देखी हो, जो आपको बहुत अच्छी लगी हो रीसेंट मुवी तो बड़ा बशा सवाल है
10:29OTT बगेरा
10:32OTT पे मैंने अभी वह अच्छी लगी मुझे और चामा देखने की कोशिश की मैंने अच्छी है ठीक है
10:47और तो अभी मुझे याद नहीं आ रहा है कि मैंने लेटिस्ट कोई फिल्म लेकियो
10:52इस ताइम पर मैं आपके साथ बैठी हूँ, मैंने चीजे सुनी है आपकी लाइफ के बारे में जो मुझे इस ताइम पर सरफ ऐसा प्राओड मोमेंट फील करवारी है
10:59कि मैं एक ऐसी लेडी के साथ बैठी हूँ जिनकी लाइफ में इतने सारे स्ट्रगल्स आए इतने सारे अपसंट डाउंस आए इस्टिल शी स्टूड्स्ट्रॉंग
11:08तो उन अपसंट डाउंस में कैसे अपने अपने आपको ऐसे स्ट्राइव किया कि नहीं मुझे आगे बढ़ना है बढ़ते रहना है
11:17मुझे इश्वर का बहुत सहारा मिला जब मैं नास्तिक थी बच्पन में तो उस वक्त क्या था कि बहुत स्ट्रगल था पूरे परिवार का थेटर में मेरे फादर की थेटर कंपनी थी ट्रडिशनल थेटर कंपनी थी तो उस जमाने में थेटर नाटक को अच्छा नहीं सम�
11:47आज इस गाओं में है एक महिना दो महिना दूसरे गाओं में तो उसमें काफी बड़े-बड़े कलाकार जो बाद में बहुत फेमस हुए जैसे शकीला बानो भोपाली बहुत बड़ी अवाल थी वो वो हमारे थेटर से हैं थी महमूद सहाब थे एक्टर उनके फादर मुमत
12:17अब सिनेमा आया तो थेटर धीरे धीरे पीछे चला गया और दर्षक नहीं आ रहे जैसे बीच में वो टेप आ गए थे थे कैसे लिए तो सिनेमा फुल बंद होने लगे थे तो वो तरसदी है हर कला का की जैसे जैसे दूसरी कला आ जाती है तेक्नोलोजी आगे अब आज र
12:47पर रील पर हाट, उसके बाद तो यह सब डिजिटल आ गए, इतने सी चिफ होता है उस पर आप शूट करते हैं, तो तो जब थेटर कंपनियां सब खत्म हुई और नाटक खत्म हुए, फिल्में आ गई तो हमारा वो स्ट्रगल का बहुत पीड़ था, आज भी है स्ट्रगल त
13:17जाता है तो वह सस्टेन वहां पर रहने के लिए स्ट्रगल है, नहीं पहुच पाता तो तो स्ट्रगल है तो उसमें मेरी जिंदगी में क्या हुआ कि इश्वर ने मुझे ना हर समय कोई सही वेक्ती दे दिया मेरी लाइफ में, जैसे जब मैं छोटी थी और हम अभावों से
13:47तब मुझे किसी ने एक किताब दी थी, निकोलास आस्त्रवस्की किताब थे, निकोलास आस्त्रवस्की किताब थे, उसका राम था, How the steel was tempered, अगनी दिक्षा, वो पढ़ने के बाद मैं एकदम मार्क्सिजम की तरफ चली गई, कालमाक्स और लेनन और ये, चेगवयरा, तो
14:17सरभारावर्ग के लिए लड़ाई करके हमें समाज को बदलना है, समाज को बदलना है, और एक ही कोई हम अकेले नहीं है, जो संघर्ष कर रहे है जीवन से, रूटी के लिए, दुनिया में हो रहा है संघर्ष, तो उस वक्त उन्होंने ताकत दी, उन किताबोंने, उस लिट
14:47उस वक्त मुझे ओशो, कृष्णमूर्थी और यह जो महावीर और बुद्ध यह फिलोसफी पढ़ने को मिली, तो जब वो फिलोसफी पढ़ी तो उस समय वो बिल्कु सही था, फिर वहां कालमाक्स काम नहीं आते, जब कालमाक्स जो है, वो संसार को बदलने के लिए, आप
15:17को क्या करना चाहिए, राजी को क्या करना चाहिए, और आपके गवर्मेंट को क्या करना चाहिए, आपके जो उपरी चीजे है, उसको बदलने के लिए है, एमोशन के लिए बाकी चीजों के लिए आपको, जाना ही पड़ेगा बुद्ध की शरण में, जाना ही पड़ेगा �
15:47देस्टिनेशन मिल जाता है ना, कैसे आपको आत्मिक रूप से अपने को सभालना है, तो ये इस स्टेज में ऐसे मैंने सभाला अपने आपको, थोड़ा बच्पन में जाते हैं, थोड़े बच्पन के डाक पार्ट में जाते हैं, हमें कैसी कंट्री में रहते हैं, जो अभी भ
16:17अब हम जेन जी वाली एरा में चले गए हैं जहां पर लड़का लड़की एक बराबर है लेकिन ग्राउंड रियालिटी हमें पता है कि आज भी अगर एक लड़की रोड पर अकेली चल रही है तो कोई ना कोई ऐसा मिलेगा जो उसे कुछ ना कुछ कहेगा ऐसे कुछ पास्ट
16:47तब मैं 5-6 साल की थी और जो चाइल्ड इब्यूज जो हो जाता है तो इतना छोटा बच्चे के पास एक तो लेंग्विज नहीं होती है और उसको यह तो पता होता है कि खराब है यह गलत हो रहा है जो भी चीज लेकिन उसके पास एक भाशा नहीं होती है और वो बड़ों
17:17कि उसको गलत ठहरा दिया जाएगा और पिटाई हमारी होगी यह वजए होती है दूसरा वो डर ही होता है जो कहनी पाते हैं आप किसी से तो मैं नहीं गह पाई और अब चुकि मैं किताब लिख रही हूं अपनी जिंदगी का और आज तक मैंने किसी से नहीं कहा लेकिन जब
17:47वो जो है वो जो मेरे साथ हुआ वो इतना पैंफुल था कि उसका और सो बरस तक दिमाग पे असर रहता है क्योंकि किसी भी बच्चे के साथ उसकी मर्जी के खिलाफ पहले बात तो बच्चे की उस सबहे कोई मर्जी नहीं होती है बच्चे का कुछ डिवेलपमेंट भी नह
18:17अगर आप उसके शरीर से खेल रहे हो या आप कुछ गलत कर रहे हो उसके साथ तो वो डर और वो भए इनसानों से वो सबकॉंशन में चला जाता है जिसकी वज़े से मैं बहुत इंट्रोवर्ट हो गई थी अल्चो प्रहरे लगी थी लेकिन भाई वगयरा सब पढ़ाई मे
18:47तो उन्होंने वो changes महसूस नहीं किये तो बारहल यह लिखने के पीछे एक तो यह है कि मुझे अपनी इमानदारी से लिखनी थी वो इसलिए और दूसरा यह भी है कि अगर मेरी किताब कोई पढ़ता है तो उसको यह पता होना चाहिए कि बच्चे को किन के पास छोड़ना �
19:17या कुछारा है उसको अपना मित्र बनाना चाहिए कि ताकि उसको पहले से ही बता के रखना चाहिए कि अगर कोई इस तरह से तुम्हें हाथ लगाता या इस तरह से करता है तो फॉरन तुम वहां से भाग जाओ और हम से शिकायत करो हम नाराज नहीं होंगे बलके उनको डा
19:47हमारे जो पेरण्स थे वह तो उनकी कल्पना से परे था कि कोई बच्चे के साथ असタरह भी कर सकता है आज तो हर दूसरे दिन कोई ना कोई न्यूज आती है हमारे तो माता-पिता के लिए मतला फॉरम होता यह सोच भी कि कोई बच्चे के साथ उसका अनकल है या उसका भड
20:17दूर तक नहीं सोच पा रहे थे कि इस तरह का हो सकता है, लेकिन आज तो समाज में क्या है कि यह जो आपका मोबाइल है और यह जो इंटरनेट है उसकी वज़े से
20:28एक्सपोजर इतना हो गया है, जो चीज अच्छी उसको हम बहुत गंदा भी बना देते हैं, इनसान के हाथ में अच्छी चीज भी, ओशो कहते हैं न, कि इनसान जो नादान है, ग्यानी है, वो जहर से आउशदी बना लेता है, औशदी यह जहर से नहीं तो बनती है, सापके �
20:58बना लेता है और अज्ञानी औशदी से सुसाइड कर लेता है
21:01बिलकुल
21:03क्यों खाली और मर गए तौर दवाईया
21:06हाँ सुसाइड कर बर रहा है
21:10तो जी नींद की गोलिया खालो
21:11उसमें जहर ही है दा
21:13तो हमें
21:16जिन्दगी को विधायक कैसे बनाना
21:18उसको पॉजिटिव कैसे बनाना है
21:20कि हम जहर से भी
21:22औशदी का दवाई का काम कर सकते
21:25तो यह जहर है जो समाज में
21:29एक तरह से यह जो आप जितने भी
21:32आप डेटवर्क है
21:36या जो भी चीज़ें आप देखते हैं
21:40हर वक्त अपनी नॉलेज को आप
21:42देमाग में नॉलेज डालते रहते हैं
21:44अपका फोन है और कंप्यूटर है यह है वो उसकी वज़े से न एक तो बच्चों का बच्पन खो गया है
21:55जैसे हमारा बच्पन बहुत प्रोलॉंग था
21:59क्योंकि एक्सपोजर नहीं था
22:02कैस्पोल अपका बहुत झाते हां वो इत्म्हाहद रुका ठीक है
22:17अब ऑच्चा कहां से कहां जा रहा है और बच्चा 15 साल का है उसके हाथ में इंटरनेट है
22:24in it bạn गुट कि एक अजभी और अजवी करने दें?
22:32लेकिन उन्टने पर किन से अज़र्प इन वूपर इंसे करने हो लाओं किन एक है।
22:37ज़ा मैं उमकर उत्यावि कि इशर्ब लिदया पर उपकर इसे info करने वाला है
22:42शब्सका लोग काईू अज़ा पाला resonates in the world,
22:49दिशा में चला गया, नहीं तो आउषदी है, आप इस से कितनी knowledge gain कर सकते हैं, थोड़ी सी life को और जानते हैं, शादी किसी के लिए भी एक ऐसा रिष्टा होता है, जो बच्पन से वो सोच के चलता है, कि मेरी शादी होगी, बहुत सारे अर्मान होते हैं, जिस ताइम पर वो �
23:19थी, वो बात बहुत पुरानी हो गई है, और उसके बारे में, हेडलाइन्स लोगों ने जिस तरह से बनाई है, वो किताब का एक छोटा सा पार्ट है, उनसे गलती हुई डेफिनेटली, लेकिन उन्होंने माफी भी तो मांगी ना, चौदा साल बात जब वो आए, दुखी ह
23:49तो क्या मुझे ये बताईए कि आपके भाई से, आपके मदर से, आपके परिचित से, किसी मितर से, कोई गलती हो जाती है, तो क्या माफी नहीं देना चाहिए उसको, क्या उसको कैरी करना चाहिए पहतिस चाली साल तक, उन्होंने तो हैडलाइन्स बना दी, उनको विलन ही �
24:19तो वो मैं नहीं चाहती हूँ, किताब में इसलिए लिख रहा था कि वो मेरी जिंदगी है, वो हुआ, ठीक है, उसके बाद, उसके बाद की जो लाइफ है, वो ज़्यादा इंपोर्टन है, जिसमें उन्होंने बहुत सफर किया, जब आखिर में वो आ गए, लोट के, चौ�
24:49जब हाँ, मैंने घर छोड़ा था, और नंदिता उनकी लाइफ में आ गई थी, और उन्होंने शादी कर ली थी, उसके बाद, चौदा साल के बाद, वो वापस आए, क्योंकि वो विमार थे, बड़े मेजर उप्रेशन से गुजर रहे थे, और तब उन्होंने मुझे फोन क
25:19जाने से पहले मैं तुम से माफी मांगना चाहता हूं, कि मैंने बहुत जयत्ती की, अन्याय किया, और नहीं किया, और तुम ने उसका कहीं मेरे बारे में कुछ भी नहीं भोला, खामोश रही, तो वो ज़्यादा मुझे तकलीफ देता है, तुम लड़ लेती, तो तकलीफ �
25:49परिवार का सदस्य होना चाहिए ऐसे टाइम में, जब एक आदमी हे बोल रहा है कि मुझे पता नहीं है, कि मैं रहूं ना रहूं, तो बड़ा ही मेजर होगा ओपरेशन, उनको पारलिटिक अटेक हुआ था, डॉक्टर ने का था, अगर दो ते दिन और लेत हो जाते तो प
26:19बाद की जितनी चिठिया हैं, वो सब कांफते हाथों की हैं, तो फिर उनको ये रेलाइज हुआ कि अभी जब तब इतने बुढ़े भी नहीं थे वो, अभी जब ये हाल है तो मेरे बुढ़ापे में, सब को यही डर होता है, कि बुढ़ापा अच्छे, पीस्फुली, पू
26:49कि आपका इलाज विलाज सब अच्छे से हो जाए और दूसरा आपके पास कोई केर करने वाला, तो इसलिए वो लौटके आए, उनको मालोम है मेरा नेचर, लेकिन जिस ताइम पर ये सारी चीजे हुई, आपके भाई बहुत ही जादा फ्रुस्ट्रेटेट थे उस चीज से
27:19मैंने जो किया आज भी मुझे कोई पच्टावा नहीं है कि ना तो मैंने उस वक्त किसी तरह का उनके बारे में खराब बात बोली थी, बोल सकती थी, बहुत फोन आ रहे थे, जर्नलिस्ट तो इस तरह की चीजों के पिछे रहते हैं, मैंने किसी को भी अंटर्टेड नहीं क
27:49और हर्ट थी, तब मैंने उनके खिलाफ नहीं बोला, तो अब मैं क्या बोलूँगी उनके खिलाफ लेकिन भाई भाई होते हैं, मुझे बहुत प्यार करते हैं, अन्नु भाई हो, रजीद भाई हो, चोटा ब्रदर निखिलो, मुझे मेरी मतलब वो बरदाश्ट नहीं कर सक
28:19मैंने चाहती थी कि अन्नु भाई नाराजगी में पुरी साप से कुछ बोलें, क्योंकि भाई है हर्ट तो हो गए, तो हमने हैडलाइन की बात की, एक और हैडलाइन काफी चल रही है, जस पर मैं आप ही से फेक्ट चाहूंगी, ओमपुरी वस फिजिकली इन्वल्ड विद �
28:49उस पर उनकी किताब जो पहले आई है, पुरी साप पर उस पर काफी चर्चा भी हो गई है, और देखी क्या है, कि ये पुरी साप वो कलाकार थे, जो जिसे बोलता है चरित्र अभिनेता, उन्होंने बहुत हसाया है हमें, मैं कल भी मुवी ही देख रही थी, सिंगिस किंग �
29:19तो वो इतने बड़े कलाकार थे, और एक कहावत हिंदी वे जो पकड़ा जाए वो चोर, पूरी दुनिया करती है गलत इस तरह के काम, लेकिन चुकि पकड़े नहीं जाते हैं, तो उनकी चर्चा नहीं होती है, कोई सी इंडस्ट्री हो, हमारी इंडस्ट्री हो, मेडिकल हो
29:49हो रहा है, उसको संसनी खेज बना के पेश करना, यह है ना, जम्मेदारी का काम नहीं है, तो उसके बारे में, ना आप हेडलाइन बनाईएगा, प्लीज मेरी ये रिक्वेस्ट है, और ना आप कहिएगा, एक ग्रेसफुल आदमी है, जो अब यहां नहीं है, संसार में बोल
30:19जाहिए, जिस टाइम पर वो हमारे बीश नहीं रहे थे, और आपको यह चीज पता चली थी, उस टाइम पर क्या एमोशन थे, मतलब मैं वो चीज इमाजन भी नहीं कर सकती, क्या एमोशन थे, तो क्या बताऊं मैं, शब्द नहीं है उन एमोशन के, क्योंकि आप उसके लि�
30:49मैं बेवोश हो गई थी, या मुझे नेंद आ गई थी, मुझे मालोग तो वो तो बहुत पेंफुल है, वो सब याद करना और ऐसा तो कोई दिन नहीं जाता है, जब माँ, बाबुजी और पुरी सहब को ना याद करते हैं, वो जिंदगी के मेरे पिलर थे, स्तंब थे, मेर
31:19नहीं है, कभी-कभी तो मुझे लगता है कि मैं, मतलब इतना प्रेम था तो प्रेम में आप क्या बोलते हैं, कि हम आपके बिना नहीं जी सकते हैं, तो हम जूट बोलते हैं, मैं जिन्दा हूं, बस इतना
31:33मतलब किसी के बाद जिया जा सकता है लेकिन उसकी याद में
31:37उसकी याद में नहीं लेकिन कैसे जिया जा सकता है
31:41कितनी मुश्किल होती है जीना
31:44क्योंकि मैं उस फिलोसफी में है
31:47कि भगवान ने मुझे जिन्दगी दी है
31:49जितने दिन दी है उसने पैदा किया है
31:52कब वो मुझसे छीन लेगा ये जिन्दगी मुझे नहीं मालो लेकिन आत्मत्या और पाप है शास्त्रों के अनुसार क्योंकि ये भगवान की दी हुई चीज है ये उसका प्रसाद है तो वो तो नहीं मेरी तो जब आयू खत्म होगी तभी मैं जाओंगी और लेकिन उन लोग
32:22कुछ बहुत सारी कमी आ गई है हसी वो नहीं रही खूशी वो नहीं रही आपके अचीवमेंट शेर करने वाला कोई नहीं रहा जिसे सच मुछ उन अचीवमेंट से खूशी हो तो अब क्या है कि अचीव भी कुछ कर लिया ठीक है अच्छा ने उस लेवल की खूशी है हाँ
32:52यह सब्ठे से आता है उसको स्टिवेशन मिला होता तो दोड़ता हूँ आता है नेकर और सबसे पहले लिपटता है अपने माता पिता से भाई temper CAS हो गया
33:01अभ हमारे पास कोई है इंडी अभ किते नहीं कित नहीं नाम हो जाए कितना ही कुछ हो जाए अभ तो किस से बोलो
33:09मैं इस ताइम पर यही होप करते हूँ
33:15कि जो किताब है आप लोग पढ़े
33:17ताकि जिस तरह से मैं यहाँ पर बैठ के इंस्पायर हो रही हूँ
33:20आप लोग भी और पूरी इनकी जो लाइफ है
33:22वो इनके अपस और डाउन से लेकर
33:25इनके जो खुशी बरे मोमेंट्स है उन सब को दिखाती है
33:28माम बहुत ही अच्छा लगा आपसे बात करके
33:30और उसमें किताब में जो पुरी साब के आखरी दस साल है
33:34वो बहुत त्रासदी पूर्ण है
33:36तो मैं यही कहना चाहूंगी
33:39कि वो क्रिटिसिजम के नहीं हमदर्दी के हखदार है
33:43क्योंकि इतने केसेज हम लोगों पे हुए है
33:46च्योंकि वो मेरे पास आ गए थे
33:49उन्होंने डिवोर्स के लिए फाइल भी कर दिया था
33:52और जुडिशल सेपरेशन भी उनको मिल गया था नंदिता से
33:56उसके बावजूद वो इतने केसेज और उसमें फस्ते चले गए हम दोनों
34:01कि उस वज़े से वो डिप्रेशन में आ गए क्योंकि इतना बड़ा आदमी क्रिमिनल कोट में खड़ा हुआ है
34:08जहां जेब कत्रे भी है और मुर्डरर भी है
34:12के सुफ़ घए करे वो इतनी दुख हक होग अनको हें वारे तो II यहां में तो पहचान के नहीं हम तो परदे के
34:22पीछे के लोग है उन पो तो बच्चा बच्चा जानता है और जेब कट्रह भी है वोब बुलो Nag又 प�URI को नहीं मुरू है तो एंटनी तरासदी
34:31गुजरे हैं तो वो हमदर्दी के हगदार है
34:33वो क्रिटिसिजम के हगदार नहीं है
34:35ठीक है, थांक यू सो मच मांग
34:38थांक यू

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