कभी छोटे कपड़ों को लेकर ताना मारा जाता था, आज वहां की बेटियों ने गांव की तस्वीर बदल दी है. सिवान से इमरोज की रिपोर्ट.
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00:46we played sports academy
00:48my name is santa os Kumar Singh
00:50we will be the name of Sivhan Zila
00:52we will speak for the name of Sivhan Zila
00:54We have played 9 national
00:56we will play for the next year
01:00we will continue to work with the name of Sivhan
01:02and our Peta Peta
01:04Peta's name
01:06Peta's pride
01:08but the pride
01:10Nazia has been given better
01:12this pride
01:14ुपलबधी से सीवान के पंजवार और आसपास के गाउं की लड़कियों में भी जोश भर गया है
01:25आज पंजवार के इस मैदान में एक नहीं कई नाजियां देखने को मिलेंगी
01:44अब आप सवाल पूछेंगे कि यहां लड़कियों को खेल सिखाने का विचार किसे और कैसे आया
02:08दरसल गाउं में एक रिटाइड बुज़ुर्ग घंश्याम शुकल हुआ करते थे
02:12एक शाम वे पंजवार के मैदान में बैठे हुए थे
02:15तभी दो बच्चियां आई और उनसे पूछा कि गुरुजी क्या हम लोग नहीं खिल सकते
02:20बात गुरुजी के मन में लग गई
02:22फिर आगे क्या हुआ आप खुद सुनिये
02:25का कुछ भीजन था जैसे एक बच्ची मंगर दलित गरीब बच्चियों के लिए हाश्ट
02:32तो धिरे धिरे हम लोग फ़रम बढ़ा रहे हैं
02:37जैसे डिगरी कलेज का कुछ ममला फसा हुआ है जैसे अफ्लियेशन मिल जाता है
02:40सबकुछ इसका अब जाकर बच्ची तो थे उनका बेक्तितो था कि सड़े पांच एकड़ जमीन पंजवार के लोग उहां रजिस्ट्री कर दिये हैं
03:00और कुछ ऐसे 25 दिसंबर 2018 को पंजवार गाउं में मेरीकॉम स्पोर्ट्स अकैडमी के स्थापना हुई गाउं के चंदे से ये अकैडमी चलती है
03:19आज इस अकैडमी में आसपास के कई गाउं की लड़कियां खेल सीख रही हैं
03:23आज इन लड़कियों की आँखों में नैशनल टीम के लिए खेलने के सपने है
03:28सिवान से ETV भारत के लिए इमरोज एहमत की रिपोर्ट