Bahas Baazigar: वोट बैंक की सियासत पर करारा जवाब
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00:00मुसल्मान मोधी से क्यों डरेगा मुसल्मानों को आपने इंसान नहीं समझा वोट बेंक समझा
00:05मुसल्मानों को आपने ये समझा जैसे पुलाओ बनाते समय तेजपत्ता सबसे पहले डाला जाता है
00:11लेकिन पुलाव बनने के बाद खाने का वक्त आता है
00:14तो जेजपत्य को सबसे पहले निकाल कर बाहर किया जाता है
00:17मुसल्मान को बिलकुर यही समझा
00:19और तुम यह कहते हो
00:21कि आए मुसल्मानों मोधी से डरो
00:23आए मुसल्मानों योगी से डरो
00:26मुसल्मान को वोट बैंक समझते हो
00:28मुसल्मान वा खुदा
00:29अल्ला के सिवा किसी से नहीं डरता
00:31और मुसल्मान मोधी से क्यों डरेगा
00:34मुसल्मान मोधी से क्यों डरेगा
00:36ना दूरी है ना खाई है
00:38मोधी हमारा
00:39हारे मुसल्मान क्यों डरेगा
00:41और जो सियासत करते रहे जो इफतार पार्टी का इस्तेमाल करते रहे सियासत के लिए
00:47नरेंदर बोधी जी ने तो सियासत का इस्तेमाल नहीं किया
00:50उन्होंने वोट बैंक नहीं समझा लेकिन तमाम दलों ने क्या किया जो हमारे अफतार का वक्त हुआ करता था
00:56उस समय लोगों ने रेखा कि एक मोलाना मुलाहम सिंग्यादों के जूते उथा रहा है शर्म आनी चाहिए