Halala is a web series based on the practice of Nikaah Halala.
Afza and Rahil are happily married. But fate has different plans as their beautiful relationship faces turmoil and in rage of fit Rahil gives triple talaq to Afza. Zaid is the only hope to save Afza and Rahil’s broken marriage as the only option left with the couple is Halala Nikaah. Watch the most controversial subject of Halala beautifully.
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Short filmTranscript
00:00ये कहानी कालपनी खेतता महिला सलशक्तिकरण और समानता पर आधारित है।
00:30इस कहानी के सभी पात्र कहानी की पंक्तियां समवात, कथांग, घटनाएं और द्रिश्य पूरी तरह से कालपनिक है।
01:00तलाक के बिद्दत
01:10सदियों पुराना ये एक ऐसा रिवाज है जो ना पूछा जाता है ना समझाया जाता है बस कहा जाता है तलाक तलाक तलाक तलाक
01:20और हमें बिना किसी शिकंच के मान लेना पड़ता है।
01:24कुरान ये शरिया में इस रिवाज का जिकर तक नहीं है। फिर आज भी क्यों हमारते तलाक बिद्दत के खौफ में जीती है।
01:32जब मन किया हमें बीवी बना लिया, मज़े ले लिया और जब मन भर गया तो गोश्ट की टूड़े की तरह भेग दिया।
01:38हमारी इज़त कहा है, हमारी खुशी कहा है।
01:41हमारी मर्जी कहा है।
01:43हमारे हिस्से का प्यार कहा है।
01:45कानून की है हमारी सोच की है क्या ये सद्यों से चला आ रहा रिवाज बदल नहीं सकता क्या हम खुल के जी नहीं सकते हैं आखों में खुशी लिए मुस्कुरा नहीं सकते
02:15कि ये अदालत मिस आमना रिज्वी के द्वारा दर्स किये गए
02:44तला के बिद्दत के खिलाफ P.I.L. वर्सिस डिफेंस लॉयर इमाम मलिक के केस की कारवाई शुरू करने की इजाज़त देती है
02:54क्या दूनों पक्षों के वकील तयार हैं?
02:58जी
02:59ये सिर ओनर
03:01तो कोर्ट कमेंसिस
03:09यौनर
03:12शादी एक ऐसा रिष्टा है
03:15जो सिर्फ दो लोगों को ही नहीं
03:17तो रूहों को जोड़ता है
03:19एक ऐसा रिष्टा
03:21जहां दो लोग एक होकर
03:23जिन्दीगी पर साथ निभाने की कसमे खाते हैं
03:26जिन्दीगी पर एक दूसरे का साथ देंगे
03:29ऐसे वचन लेते हैं
03:31लेकिन फिर अचानक से
03:33तीन अलफाजों का एक लवज
03:35जिसे एक साथ
03:37तीन बार बोल दिया जाए
03:38तो सारे दिये होए वचन सब भी के पढ़ जाते हैं
03:41सब कमजोर पढ़ जाता है
03:44तला तला तला
03:47तला
03:47इसलाम में ये बहुत बड़ी बात है
03:53लेकिन कुछ लोगों के लिए
03:55सर्फ तीन शब्द
03:57मैं बात कर रहे हूँ
03:59इसलाम को मानने वाले
04:01कुछ ऐसे शफसों की
04:02जो बड़ी असानी से इन तीन शब्दों का
04:05इस्तमाल कर देते हैं
04:06और नितीजा भुखतना पड़ता है
04:08उनकी बीवियों को
04:09सदियों से चले आ रहे हैं
04:12इस रिवास को मुस्लिम औरते
04:14बड़े बेमन से मानती आ रही है
04:15जो कि गलत है
04:16अलिटल स्मोक लीज टो आ फायर
04:18तला के बिदद के कुछ ऐसे भी राज है
04:23जैसे मालो डिबिट शुरू हुई ना हो
04:27उससे पहले ही खतम हो गई हूँ
04:28तला के बिदद में कुछ ऐसे भी केसिस दर्ज है
04:32जहां शोहर ने अपनी बीवी को सर्फ इसलिए तलाक दे दिया
04:35क्योंकि वो नीन में चलती थी
04:37इन्वालेंटरी मुव्मेंट पर कोई कैसे रोक लगा सकता है
04:41लेकिन उनके शोहर कोई ये मन्जूर नहीं था
04:43इसलिए जट साब मेरी अदाला से दर्खास्त है
04:47कि तलाक बिदद के नाम पर तलाक लेने को गैर कानूनी करार कर दिया जाए
04:52उसको बैं करादिया जाए अबजेक्शन योरहनर
04:56अबजेक्शन सस्टेंड
04:58थैंकिए योरहनर
05:00योरहनर
05:01तलाक बिदद को आसान कहते हुए
05:04बड़ी आसानी से इन्होंने कानून को बदलने का फैसला सुना दिया
05:08एसी प्रस्तुती बड़े पड़ दोए, फिल्मों में अच्छी लगती है, असलियत ऐसे नहीं होती है
05:16Mr. Malik, प्लीज कम तो दे पॉइंट
05:19Sorry, Your Honor, मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि सदियों से चले आ रहे इस रिवाज में, तला के विद्दत में, कोई खामी नहीं है
05:30इसमें कोई नहीं बात नहीं है, ज्यादा तर औरतों को इससे कोई परेशानी नहीं है, क्योंकि वो जानती है
05:41कहीं एक तलाक होता है, तो कहीं न कहीं, औरत की वज़ा से
05:47उनकी घलतियों की वज़ा से, उनकी लापरवाई की वज़ा से
05:51उसमें उनके शोहर का कोई दोश नहीं होता, कोई फॉल्ट नहीं होता
05:57अब्जेक्शन यो ओनर
05:58इमाम साब की नजर शायद उन वड़तों पर नहीं पड़ी होगी
06:03जो तला के बिद्दत के अगेंस लंबी लाइनों में पुलिस बैरिकेट के उस तरफ खड़ी है
06:08शायद किसी टीवी चैनल पर भी इनके नजर नहीं पड़ी होगी
06:12जहां हजारों मुसलिम औरते एक हफ़े से अपना दुख अपनी तकलीफे बता रही है
06:17हजारों मुसलिम औरते गर्मी में जुलस रही है
06:20सिर्फ इसी लिए क्योंकि उन्हें इसलाम के इस लौ से अजादी चाहिए
06:24उन्हें तलाह के बिदद से अजादी चाहिए
06:26अए वाँ
06:27इंप्रेसिव आमना जी
06:31बिना शादी किया आपने उन शादी शुदा औरोतों की तकलीफ को समझ लिया
06:36उनके दर्द को महसूस कर लिया
06:37मिस्टर मलिक
06:38यॉर नॉट अलोओ तो गेट परस्नल
06:42इम सॉरी और अपोलजाइस
06:45यॉर और मेरे पास कुछ ऐसे के स्टडीज है
06:50जिनसे थावित हो जाता है
06:52कि कुछ मुस्लिम औरोतों को
06:55तलाक बिद्द इस लिए दिया गया
06:57क्योंके वो उनके फाइदे के लिए था
06:58मैं मानती हूँ इमाम साहब की सारे मरदों के इरादे
07:01और तों को तकलीफ देने के नहीं होते
07:03पर तलाक बिद्द के कारण
07:07जादातर मुसलिम औरते तकलीफ में हैं, जो अपने शोहर के साथ अपनी जिन्दगी फिर से शुरू करना चाहती है, उनकी पूरी जिन्दगी बरबाद हो जाती है, क्योंकि हमारी सोसाइटी में एक तलाख शुदा औरत को नौन रिसाइकल वेस्ट की तरह ट्रीट किया जात
07:37और औरते गुनेगार लगें, लेकिन सच्चाई कभी सामने नहीं आ पाई, इसलिए इस केस्ट में मैं यौनर आपसे रख्वास करना चाहूंगी कि सबूत पेश करने की बज़ाए उन औरतों का पक्ष रखने के लिए एक कहानी सुनाने की अजासत दी जाए,
07:54अब्जेक्शन यौनर, आमना जी भूल रही है के अदालत सिर्फ सबूतों पर यकीन रखती है, कहानी या किस्तों में उल्जाकर अदालत का वक्त जाय करने का इन्हें कोई हक नहीं है,
08:08अब्जेक्शन सस्टेइन,
08:11मिस्स आमना,
08:11यह जो आप पहलू बता रही है, यह आगे चलकर इंपोर्टन बनने वाला है?
08:21यह, यह यह ओनर,
08:23और आप अवेर अवेर अवल दी कॉंसेक्शनिस,
08:25इस अदर्वाइज,
08:27आप रॉमिस,
08:29मैं अदालत का बिकुल भी टाइम वेस्ट नहीं करूंगी,
08:31ओके मिस्स आमना,
08:34गो आएग,
08:37यह ओनर,
08:37यह कहानी है,
08:38पाइस साल की मासूम लड़की,
08:40अवजा सहियत की,
08:51शीशे से अपनी नजरे नहीं अठा पा रही थी,
08:56उस रात की उसे बेहत खुशी थी,
08:59इतनी कुश्की जैसे,
09:01किसी ने उसे चांद तुफे में दे दिया हूँ,
09:06आप सा,
09:09मौलवी साब आ गए हैं,
09:10अवजा उसे बेहां इना हैं,
09:17तुश्कि जैसे बेहां हैं,
09:22झाल झाल
09:52झाल
10:22झाल झाल झाल जनाब मंसूर सेय साथ इजाज़त हो तो निकाह के वक्त हो गया है
10:27जी काजिजी बिसमिल्ला कीचिए जी नवाजिफ करम शुक्रिया
10:32झाल झाल
11:02झाल झाल
11:32झाल झाल
12:02झाल झाल
12:32झाल
13:02झाल
13:32के सर्दूद जाता कुछ खास पसंद नहीं है
13:35इसलिए आपकी ये गलती मौफ की जाती है
13:41मगर हमने सुनाए कि आपको बेहत पसंद है के सर्दूद इसलिए आपके लिए लेकर आ गए
13:55माशालला हम तो सिर्फ उनकी आँखें देख कर फना हो गए
14:04सूसते हैं कि वो अपना चैरा शीशे में कैसे देखते होंगे
14:13अब जरासी चूक कर दी है आपने
14:23शेर कुछ ऐसे है
14:28हम तो उनकी आँखें देखकर फना हो गए गालिब
14:33हम तो उनकी आँखें देखकर फना हो गए गालिब
14:38नजाने वो आइना कैसे देखते होंगे हम वाह क्या बात है तो आप शायरी का भी शौक
14:52रखती है पेहत लिखने का भी और पढ़ने का भी तो को सुना ही अपना लिखा हुआ
15:04इजासत है
15:08अब से आपको हर चीज़ की इजासत है
15:13इर्शाद
15:18अर्ज किया है
15:20हमने वक्त से कहा
15:25सरा आहिस्ता आहिस्ता गुजर
15:28हमने वक्त से कहा
15:31सरा आहिस्ता आहिस्ता गुजर
15:35उन्हें हमारे करीब आने का
15:38सरा वक्त और तो दे
15:42बहुत खूब
15:48आपके तारिफ करते करते
15:55शायद रात खुजरना पड़े
15:57बस इतनी सी दुआ करते हैं
16:02कि एक शायर
16:04और रंग साज की ताल मेल
16:07अच्छी जमे
16:08आप शित्रकार हैं?
16:13शौक रखते हैं
16:15हमें रंगों से बहुत प्यार है
16:38और अभी अभी आप से भी हो गया
16:43अभी इतने महीनों से कमणी नुकसान में जा रही थी
17:12और आपको इस बात का इलम भी था
17:13कि आपको नहीं लगता कि इस कमपनी का M.D. होने के नाते हैं
17:15हमें इस बात के ख़बर होनी चाहिए
17:17अपनी बेगम में आप इस कदर मश्गूल हो गए कि
17:20अपनी सिब्धारियों के निभाने का होश ही नहीं
17:23और एक बार सुन लीजाओ अगर यही सिल्सला इस तरह चलता रहा
17:26आपकी बेगम की वज़े से एक दिन कमपनी में ताला लग जाए
17:29अला लग जाए