बाबा वीर कुंवर सिंह के शौर्य और विजय की स्मृति में बना स्मृति स्थल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. पढ़ें पूरी खबर.
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00:00बिहार की शान और 1857 की क्रांती के महानायक बाबा वीर कुवर सिंग के विजे उत्सव पर उन्हें पूरा देश याद कर रहा है।
00:12इसी बीच हम आपको बताने ज़ा रहे हैं कि वोचपुर इस्तित बाबा वीर कुवर सिंग कास्मती इस्तल अपनी बदहाली पर कैसे आसु बहा रहा है।
00:42इस द्रेश ने बाबा वीर कुवर सिंग को लेकर सरकार के दावों की पूल खोल दी है।
00:48इस्मती इस्तल की बदहाल अवस्ता को देखकर लोगों में भारी नाराज़गी देखी गई है। तो चलिए सुनते हैं क्या कहते हैं लोग।
01:12प्रशासन के अंदेखी के कारण उसमें वो जिन्षिन अवस्ता में पड़ी हुई है। उसमें लगबग 20 फीट का तलवार है।
01:22और एक गरिमा का चीज है वो प्रेटन के दृष्टी से और हमारे आराजीला भोजपूर जीला के गर्व का स्थान है वो।
01:32बाबु वीर कुमर सिंग एक अदम में साहस और वीर पुरुस थे जिनका असमारक बनाये गया है।
01:42और जीला प्रशासन उसके तरफ उसको नजरंदाज कर रही है। उसका जो व्यवस्था है उसका इसमारक के टूट-फूट जो हो गई है।
01:53उसको काफी दिनों से ठीक नहीं कराये जा रहा है। इस पे जीला प्रशासन ध्यान दें।
01:59कल हमारे बिहार के गरो इतिहास में अपना नाम दर्ज करवाने वाले बाबु बीर की विजय उस्षो देश, परदेश और जिला में मनाये जाएगा।
02:12लेकिन बहुत दुख की बात है कि जिस जीले से उनका नाम जोरा गया है, उस जीले के परवेश द्वार पे कायम नगर के पास, उनके अदम्य साहज के प्रतिक चिन जो तलवार सरकार द्वारा लगाया गया है।
02:28कहीं न कहीं जीला परशासन उसको देख रेख में अंदेखी कर रही है, जिसके वज़य से वहां काफी जंगल जहार लग गया है, जो चबुत्रा बना था, उस सारा टूट गया है, छिन भिन इस्तिती परिस्तिती वहां की बनी हुई है, तो कहीं न कहीं बावु बीर कुव
02:58बहर हाल अब बेखना होगा कि बाबा वीर कुवर्ण सींग के बधाल इसमती स्तल की ओर साशन प्रशासन की नजर पड़ती है, या वीर कुवर्ण सींग का बधाल इसमती स्तल गुमनाम की दुनिया में चला जाएगा।
03:14ETV Bharat ke liye Alok Bharati ki report