'दलदल में ढ़केला, जंगल की ओर भागे...' Pahalgam Terror Attack के हैरान कर देगी ये आपबीती
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00:00तो लोग एक दूसरे को चलते हुए धक्के दे रहे थे तो मैंने मिस्स को दलदल की तरफ दके ला दिया
00:04घोड़े आला तो हमारे को तुरण छोड़के घोड़के भी भाग गया वो घोड़ा भी छोड़ा और खुद भी भाग गया जंगल में
00:09कोई नदी में गिर रहा था कोई पत्थर पे गिर रहा था एक दूसरे को उठा रहे थे और चलते जा रहे थे बस
00:15कम सब्सक्राइब भी फारिंग हुई होगी और बेटे ने हिम्मत दिखाया उसके कारण मेरे को हिम्मत आई ना चलो नीचे भगवन का नाम लेते जाए जयमातादी जयमातादी बोल रहे थे और नीचे चलते जा रहे थे
00:27हम आठ किलो मीटर चले चार बार मैं फिसल गई उसके बाद भी भगवन का नाम लेके इन्हों ने और मेरे बेटे ने हैल्प की मेरी तभी पहुच पाए नहीं तो आज हम यहां पर नहीं रहते थे पर कुछ समझ में नहीं आ रहा था हम बस चलते जा रहे थे कूते जा रहे
00:57अच्छा था लोग इंजुआए कर रहे थे खेल रहे थे काफी फैमिली थी बच्चे थे लोग फोटों की जा रहे थे अच्छा लगी नहीं रहे था कि स्वार गये बिल्कुल सब लोग इंजुआए कर रहे और ऐसा उमीद निदी की पाच नड़ बाद ऐसा वो नर्ग जै
01:27तो लखी में वहीं पर खड़ा था पीशे से एक दम से फाइरिंग के आओ जोई गार्डन में जहां पर बोल सकते हैं और लोग पब्लिक जो है पूरी वो गैलेरी में घुसी 15-70-70-70 फिट की तो पूरी भर गई
01:37मैंने एक सेकंड पीशे देखा लेकिन तब तक वो पूरी गैलेरी पुब्लिक से भर चुकी थी तो हमारे को उस गैलेरी के उधर का पीशे का नहीं दिखाई थिया जहां पर टेरिस थे लेकिन कंटीनीव फाइरिंग हो रही थी तो लोग एक दूसरे को कुचलते हुए धक
02:07जंगल पहाड उतरते हुआ है आठ किलमेटर का रस्ता में जो पैर में चोट आई थी वह वाकिया क्या था एक्शल में कैसे वह तीन से चार बार गिरे है रस्ते में उनका पहली बार जब गिरे पैर मुड़ गया बुरा फिर दूसरी बार गिरे वो फिर भी कंटीनी चल रह
02:37जाए बाकि कुछ नहीं जाहिए और कोई नहीं चाहिए उन्होंने कार दिये और उसमें बिठाये और मेरी पार्किंग तक शुड़ा है मेरी पार्किंग मेरी कार खड़ी थी फिर मैं अपनी कार में ही होस्पिटल लेके गया इनको कैसा पैनिक सिचुएशन था लोग क्या �
03:07एक बंदा मेरे बाजू में आया, बहुत ज्ज्यादा रो रहा था उसको, तो मैरे भाई को बोले, मेरे सामने बोले, मैं अपने भाई के लिए रुका भी नहीं गोले,
03:24लोग जो बता रहे हैं कि जरम पूछा गया,
03:27नहीं वो मेरे को मालूब नहीं क्योंकि मैं एक्चुल में एक्जिट गेट पर ख़ड़ाता नहीं उसमें लंबी गैलेरी है 15-20-60-60 फिटकी उसके पीशे गाड़न है
03:35इसको जहाँ रस्ता आया थीश्या तो हमारी जो गैलेरी पूरी भरी भरी भी ती पीशे का नाचारा देखनी रहा था और मैंने एक बार के पीशे दुबारा देखा भी नहीं पलटके पूरा पहाड उतने थे हमने पीशे देखे ही नहीं
03:54कि गर्दन गुमाइब एक से ज्यादा होंगा कि कंटीनी गोलिया चल रही थी कितने देव तक गोलियों का आवाज आपने शुड़ा है काफी देर चली कम से कम सवरां तो भी फायरिंग हुई होंगी और वो पूरे इसमें से बहां निकल में अपने कितना समय में कुछ भी नह
04:24मतलब पीशे से कहां गोली लगेंगी मालूम नहीं तो सबको लग रहा था भी सेफ नीचे पहुचना है मारे को जब तक सेफ नहीं होंगे जंगल में को सेफटी तो थी नहीं नीचे पहुचना है बहले लोग गिर रहे थे कोई लेडी गिर रही थी फिर कोई उठा रहा था
04:54अब इनको बोले आप प्लास्टर पर कर ना पड़ेंगा
04:56यहां पर लेना पड़ेंगा
04:58मैं यहां पर ट्रीटमेंट लूगा नहीं में को आक्षाल में
05:00अपनी सिटी जाना है तो मैं आपकी पर्मीशन हाई जा सकता हूँ क्या
05:04आप ट्रवल कर सकते हैं प्लास्टर वोगर चड़ा के देंगे आपको दवाई या इंजेक्शन देंगे और आप जा सकते बोले लेगिन आपको ट्रीटमेंट आपकी शहर में जाके लेना पड़ेंगा ठीके मैं जाके लूँगा फिर मैं श्रीनगर अपनी खुद की कार में �
05:34कर लूँगा तो यहां से निकलने के लिए फ्लाइट हो कि मेरी मिसेस के पैर फ्रेक्शर हो चुके है और मैं रुक नहीं सकता हूँ यहां पर हलांगि मैं डरा नहीं था कि श्रीनगर में ऐसा कोई है नहीं था तो उन्होंने ठीक है बले मैं सीमो के पोर्टल पर बोले आप
06:04तक देख रहा था तो अब इनकी कॉल आई बोले आप एर पोट के लिए निकले की नहीं निकले मैं निकला आप टेंशन मतलों आपको कोई नीड है कि मेरेको कोई नीड नीड चाहिए यहां से बाहर निकलने के लिए उसके आगे या मैं खुदी देख रहूंगा तो बोले क
06:34और यहांने के बार नहीं उसमें वही सब एक नजार है जो लोग इंज्वाय कर रहे थे पास मिनदे पहले जो नजारे थे वह नजारे और बात का महौल बहुत अलग हो गया था कुछ समझ में नहीं आ रहा था बाकि उस समय तो एक ही था कि फैमिली को नीचे लेके जाना है से
07:04अब भी खौफ है उस चीज का आखों के सामने वही भूजर रहे हैं जो देखा है हमने कैसे पहुचे वह हमको बता से बगवान का नाम लेके पहुचे हैं दो मुनेट का फासला था नहीं तो हम यहां तक आज नहीं रहते थे
07:25पीछे मुनने का टाइमारे पास का मद पीछे देखी इंख कि क्या हो रहा है भीड इतनी जादा थी कि हमको इतना डर लग रहा था कि हम सिभ आगयी जाते जा रहे थे
07:35खाई आ रही थी पत्थर आ रहे थे नदी आ रहे थी बस बढ़ते जा रहे थे
07:40आट किलो मीटर की दूरी पर रहने हम आट किलो मीटर चले चार बार मैं फिसल गई उसके बार भी भगवन का नाम लेके
07:48इन्हों ने और मेरे बेटें ने हेल्प की मेरी तभी पहुच पाए है नहीं तो आज हम यहां पर नहीं रहते थे
07:55जैसे कि आपके अजबन में बताया एक खुशी का उस समय आपनों खुशी मना रहते हैं या फिर एंजॉय कर रहते हैं वांगे
08:02सड़न ने ऐसा क्या हुआ कि ये पूरा दूफ में गम में बदल गया है पुला माहौल वो अभी बता नहीं सकते हैं क्योंकि जब हम उस टाइम पे घोड़े से उतरे घूमे तब इतना अच्छा रग रहा था हमको
08:16चार पांसो लोग थे वांपे इंजॉय कर रहे थे उसके बाद जब हम एक्जिट पे पहुचे तो ऐसा ने कुछ हमको समझ में नहीं आया कि होंगा कुछ जैसा बस पीछे से रश आ रही रश ऐसे दोड़ते आ रहे थे पीछे से और गोलियों की आवाजे आ रही थी तब ह
08:46तो कुछ फायदा नहीं है बस चलते जो जितना भी दूरो पूछ पूछ के भी जा रहे थे कितना किलो मीटर है कितना किलो मीटर है नीचे उतरते जा रहे थी
08:55किस तरी का मनजर था वहाँ पे आवाजे चीखे गोलियों की बहुचा क्या आपने महसूश किया उससे बस लोगों की चिलनाने की आवाज सुनी गोलियों की आवाज सुनी उसके बाद तो नीचे उतर न था फिर तो माईन में कुछ था ही नहीं वो अपना ही हम देख रहे �
09:25झाल झाल