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  • 5 days ago
देहरादून शांत वादियों के लिए ही नहीं शिक्षा के लिए भी जाना जाता है. यहां देश की नामचीन हस्तियों ने शिक्षा ली है.

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00:00ुच्छाइ
00:30नामचीन हस्तियों ने पढ़ाई की और समाज को नई दिशा दी
00:34कुछ सिने स्टार्ज ने भी यहीं से एजुकेशन लेकर सफलता का मुकाम हासिल किया है
00:39जी हाँ सिर्फ घूमने ही नहीं पढ़ाई और रिसर्च के लिए भी मशूर है उत्राखन का ये शहर
00:46हम बात कर रहे हैं एजुकेशन हब देरदून की
00:49यहां के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना हर माता-पिता का सपना होता है
00:54जिसकी एक वज़ा यहां के बेहतरीन स्कूल और शान्त वादियां भी हैं
00:59जो लोगों को काफी आकर्शित करती हैं
01:02देरदून में कई प्रतिष्ट स्यक्षिनिक संस्थान स्थित हैं
01:05यहां अध्ययन और शोद के लिए देश विदेश्ट से छातर आते हैं
01:09अब जब अंग्रेजों का यहां पर राज हुआ आप 18-15-16 से
01:18तो उन्होंने बसना यहां शुरू किया उनको हिल स्टेशन चाहिए थे मसुरी चाहिए था ने निताल चाहिए था आपके शिमला चाहिए था
01:27तो जैसे 18-24-25 में उनको मसुरी मिलेगी यहां तो कर्जा था ही उसमें डी-म की जग़े सुपरेंटेंडेंट होते थे
01:35तो एक यहां बस्कूल की जगए तो तब उन्होंने मॉडर्न स्कूल की जगए तो तब उन्होंने मॉर्डन स्कूल की जगए जैसे यहां चट शुरू है
01:55मिस्नरीज ने भी अपना काम सुरू किया जैसे आप संट टॉमस है और मसूरी में किंग जोर्थ है इस तरह से बड़े-बड़े स्कूल जब खुले यहां पर अंग्रेजों की जमाने में तो फिर एक कल्चर वोगे जो भारत के जो दना सेट थे जो अभी ता जाते वर्ग �
02:25तो वो कारण तो उसकी सापना तब हो चुकी थी कि जो modern जो एजुकेशन थी अंग्रेजी जो शिक्षा थी उसका परवेश या उसका उसे इंटर्डूस करने वाले अंग्रेजी ही थे उन्होंने तब किया तब से जात सारी हब ही बन गया
02:40देरदून में देश के नामचीन स्कूलों में दून स्कूल, वैलम वॉइस, वैलम गल्स, मसूरी इंटरनेशनल स्कूल, कसीगा स्कूल, सेंट जोजफ और वुड्स्टॉक स्कूल का नाम शुमार है
02:54देरदून में पढ़े देश के नामचीन चहरों की बात करें, तो इन में से पूर प्रधार मंत्री स्वर्गे राजीव गांधी, संजे गांधी, राहूल गांधी, एक्टर अली फजल, सांसा जोतिरादित्य सिंधिया से लेकर, एक्टरिस करीना कपूर, सुनाली बेंद्र
03:24उसको लेकर रही है, प्राइमडी सिक्षा और उसके बाद जो मिडल क्लास तक की, इंटरमीर तक की जो सिक्षा रही है, उसको लेकर देरदून की अपनी पहचान रही है, इसके लावा यहां पर जो कई बड़े परसिद्ध स्कूलों के साथ-साथ, कई ऐसे रिजडेंशे स
03:54करके बैसे स्थिती नहीं थी, लेकिर अब उसमें भी दिरिश्य बदल रहा है, और बड़ी संक्या में यहां पर महाविद्याले इस्थापित हो गए हैं, विश्वद्याले इस्थापित हो गए हैं, और के बद समाने रूटीन सिक्षा के नहीं, बरके टेक्निकल इंवर्�
04:24काफी बड़ी संक्या में, इस्थिती इतनी अच्छे हो गई है कि बहार के चात्र चात्राइं भी सिक्षा ग्रण करने के लिए देरादून आ रहे हैं, तो इस नाते से जो यहां पर एक शान्त वातावर्ण है, एक अपने आप में सिक्षन का जो एक महाल है, और शान्ती व
04:54पर पढ़ रहा है जो की कॉलिजजस के अंदर है जो पर मेडिकल कोलिज इनजिरिंग कोलिज आ हैं, वो वो हमारा नही ए, वो आसपास के अरिया का है, आसपास के सभी राजू के आल्मोस्ट यहां पर बच्चे पढ़ते हैं, इंगलेस टाइम की बात करे हैं तो वहां पर �
05:24and many good people who have lived in Sanskrit, Sanskrit and Sanskrit,
05:29who have lived in our school.
05:32In today's date, we have seen the last 30 years,
05:35so it's changing.
05:37Here are our children who are themselves,
05:40and here are not the children of Deebhumi,
05:43and the rich people,
05:45if we look at the survey report,
05:4773% of the people who are very rich,
05:51so they don't have to study,
05:54or their children also have to study,
05:57or my relatives,
06:00their children have to study,
06:02so we speak in a rough language,
06:05so this is why our children,
06:08so this is why our children,
06:10which is the most important part of the time.
06:12But in Dehradun,
06:16they have to study,
06:17so this is why our children,
06:19fulfill their children,
06:21and our children,
06:23so Pamela and Srinivasan,
06:26and those children,

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