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Mann Mast Malang Episode 26 - [Eng Sub] - Digitally Presented by Diamond Paints - Ujooba Beauty Cream & Nestle Lactogrow - Danish Taimoor - Sahar Hashmi - 19th April 2025 - HAR PAL GEO
Mann Mast Malang Digitally Presented by Diamond Paints - Ujooba Beauty Cream & Nestle Lactogrow
Mann Mast Malang is a love story that traces the journey of two families who, once close and united by their children's engagement, become sworn enemies due to a single incident. As the story unfolds, Kabeer and Riya, former fiancés turned enemies, start to grow closer and eventually fall in love. Their love story faces the challenge of uniting their feuding families, as they strive to make their love successful against all odds.
7th Sky Entertainment Presentation
Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi
Director: Ali Faizan
Writer: Nooran Makhdoom
Cast:
Danish Taimoor as Kabir
Sahar Hashmi as Riya
Saba Hamid as Mah Bina
Uzma Hassan as Asma
Adnan Samad as Sikandar
Hiba Ali Khan as Wafa
Nayyer Ejaz as Chacha
Dodi Khan as Wajid
Ramiz Siddiqui as Rameez
Yasir Alam as Yasir
Kamran Jeelani as Mubeen
Sheherzade Noor Peerzada as Kashaf
Maha Hasan as Minha
Faisal Bali as Bhola
Sharif Baloch as Inspector
Harmain Ghalib as Kabir (young)
Aayat Arif as Riya (young)
#Ujoobabeautycream
#NestleLactogrow
#DiamondPaints
##Pakistan'sNo1Paint
#MannMastMalang
#DanishTaimoor
#SaharHashmi
Mann Mast Malang Episode 26 - [Eng Sub] - Digitally Presented by Diamond Paints - Ujooba Beauty Cream & Nestle Lactogrow - Danish Taimoor - Sahar Hashmi - 19th April 2025 - HAR PAL GEO
Mann Mast Malang Digitally Presented by Diamond Paints - Ujooba Beauty Cream & Nestle Lactogrow
Mann Mast Malang is a love story that traces the journey of two families who, once close and united by their children's engagement, become sworn enemies due to a single incident. As the story unfolds, Kabeer and Riya, former fiancés turned enemies, start to grow closer and eventually fall in love. Their love story faces the challenge of uniting their feuding families, as they strive to make their love successful against all odds.
7th Sky Entertainment Presentation
Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi
Director: Ali Faizan
Writer: Nooran Makhdoom
Cast:
Danish Taimoor as Kabir
Sahar Hashmi as Riya
Saba Hamid as Mah Bina
Uzma Hassan as Asma
Adnan Samad as Sikandar
Hiba Ali Khan as Wafa
Nayyer Ejaz as Chacha
Dodi Khan as Wajid
Ramiz Siddiqui as Rameez
Yasir Alam as Yasir
Kamran Jeelani as Mubeen
Sheherzade Noor Peerzada as Kashaf
Maha Hasan as Minha
Faisal Bali as Bhola
Sharif Baloch as Inspector
Harmain Ghalib as Kabir (young)
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00:00कर रहे हैं एक सवाल है
00:27मेरी बातें आपका दिल रखती है या तुखाती है
00:33अच्छी बातें करती हूं तो
00:39अच्छा तो बताएं रिया यमा
00:45यह कैसा सवाल है यह सवाल तो उठेगा
00:55बताएं रिया यमा यह यह यह
01:09कुछ नहीं इस यह को आप रहने दे
01:15पहले इन दोनों में से तो चुना करें
01:21चुके किसी एक कोई चुन्ना होगा
01:23अच्छा
01:25अच्छा
01:27अच्छा
01:29अच्छा
01:33अच्छा
01:43अच्छा
01:46मिन्हाँ, क्या हुआ?
02:16वही समझाया था वही का न?
02:17वही सब कुछ का है, लेकिन कोई फायदा होगा?
02:20आपने जो बातें बताई हैं न, उससे तो कबीर के दिल में रिया और बस जाएगी, मेरी जगा थूड़ी बनेगी
02:28मेरी बात सुनो, तुम यह सावित कर चुकी हो कि तुम कितनी अच्छी हो, हाँ?
02:34तुमारा दिल कितना बढ़ा है, कबीर को पता है कि इस घर में अगर को उसके दिल को समझता है, किसी को उसके दिल की फिकर है तो वो तुम हो
02:46उसकी मा से भी ज्यादा मिना उसे बात सावित हो चुकी है, बस इसी तरह अच्छी बनी रहो, रिया तो क्या कोई भी लड़की होगी, दरुदर हो जाएगी
03:00हमें बस कबीर को ये सोचने पे मजबूर करना है, कि अगर उसने रिया कुछ चुना, तो उसे अपनी मा को छोड़ना पड़ेगा और दुनिया में कोई भी लड़का, अपनी मा को नहीं चोलता किसी लड़की के लिए, रिया को छोड़ना पड़ेगा
03:18माही जी का क्या, जो बात पे बात पे कबीर के लिए रिश्टे दून रही है
03:24तो में दो, गर में रिश्टा मौजूग है, लड़की मौजूग है, सिर्फ माही जी का दिल जीतना है
03:36कैसे हैं, उसका बंदों बस बने कर लिया है, क्या सूच रही हैं
03:44एक लंबी सकूम की नेंद
03:50अची, तुमाह खराब हो गया अपका, मारना चाहते हैं अप माही जी का, इतना बड़े रिस्क लेंगे, मैं तो बिलकुल साथ नहीं दूंगी आपका
04:00बीवकोफो तुम मालना नहीं चाहते हैं, अटाज करना चाहते हैं, अपना और तुमारा
04:09कैसे? आचो, आचो, मासूम बहम मेरे, आचो
04:14इडर लगने लगा ने चाप से, मुझे भी
04:18सजी, क्या कर रही हो भई? काम कर रही हूँ, वफा जी
04:28काम तो कर रही हो, तो मुझे भी दिख रहा है, पर क्या बका रही हो, कुछ बना रही हो क्या?
04:34देखे ना, घर के इतने काम होते हैं, कि खतम उने का नाम ही नहीं लेते
04:39अब देखे न घाना पका ही चुकियों, माबीना जी की नहीं फर्माईशे के आलू गोष्ट बनाओ
04:45है लाब आलू गोष्ट बनाओगी, अब तुम छोड़ दो, मिना बना देगी, बहुत अच्छा बनाती है
04:51हाँ, बना दूँगे
04:52नहीं माबीना जी ने बोला है के तुम ही ने पकाना आए
04:56अच्छा लेकिन शकल ऐसी मरजाई मरजाई लग रही है, थकन हो रही है क्या
05:02जी, सर में दर्द है?
05:06सर दर्द से फटा जा रहा है
05:08तेखा, पता लग रहा है, साफ पता लग रहा है
05:10और मुझे दिखो, हाथ में दवाईया लेके गूम रही है
05:13ये सर दर्द की दवाई खालो
05:15ने पान लाए हाँ, हाँ, पान लाए हाँ
05:17दवाई खालो सर दर्द ठीक हो जाएगा, ठीक है थोड़ा सो जाना
05:20एक काम करते हैं, चाय बनवा तेज के लिए में ना
05:23सही, अच्छी सी चाय भी बनाओ, सर का दर्द ठीक हो जाएगा, लेकिन स्कुएदर, खाओ यार, क्या सोच रही हो
05:28सची, पिता है, इसके बार ना थोड़ा आराम करना हो, तैसे गूमना पिरना नहीं है, पर सो जाना थोड़ा साओ
05:53सची, सची खाना लगा दो, आप तुम जानती हो, मुझसे भूख बरदाश्ट नहीं होती, जल्दी लेकर आओ खाना, खाना
06:05सची का है, वो तो सो रही है, सर में काफी दर्ट था तो, तवाई लेके सो गई
06:13उसे मैंने कहा था, आलू गोष्ट बना दे, पदा नहीं, तुम क्या ठालाई हो
06:17आलू गोष्ट
06:19चलो, शुकर है, सोने से पहले कमर्स कर मेरी पसंद का खाना बना दिया, सुए
06:35खाना किसने बनाए है? क्यों, अच्छा नहीं बना है? मैंने पूछा किसने बनाए है? मैंने, पुछ सजी तो काफी देर से सो रही हैं
06:55आपने आलू गोश्ट कहा था बनाने के लिए तुम मैंने बना लिया
07:00आपको अच्छा नहीं लगा तो I'm really sorry
07:05मैं तो बस चाहती थी कि आपको वक्ते खाना मिल जाए
07:08अच्छा ना बनता तो मैं दूसरा नावाला ना लेती
07:16चलो
07:19तो मसकरम तुमारे हाथ में तो जाएका है तुमारी बहन के हाथ में तो बिलकुल जाएका नहीं है
07:26और तू
07:29सालन दे दो तो रसा
07:33सालिट
07:49लड़की कल तुमारा लास परे तुम पढ़ क्यों नहीं रही हो क्या हो गया है
07:53वो
07:56वो क्या
07:57मेरा पढ़ने का दिलने कर रहा
07:59वाट
08:01अब क्या चाहिए तुम्हे
08:04मुझे ना मुझे यहां नहीं बढ़ना
08:08कहीं और चले
08:10हुजट चलो
08:17कहाँ
08:19चलो ले चल रहां जो
08:31लो भई आगया समंदर, अब पढ़ने के लिए कोई और फरमाईशना करना मुझसे, क्यूं? तुम पूरी नहीं करोगे, क्या हो गया तुम?
08:59मुझे तो कुछ नहीं हुआ, वो तो तुम्हें गई है महबबत मुझसे, अब साबित करो, और कैसे साबित करो? अब कुशिश करते रहो, क्या पता तुम्हारी कोई अदा मुझे पसंदा जाए?
09:29हो गया तुम्हारा शौक पूरा समंदर किनारे पढ़ने का?
09:44हाँ, बस थोड़ी सी सर्थी लग रही है, अरे तुम्हें बताओ नो
09:51मैंने शर्वा के मार डाला, फिर सामने आख के मार डाला
09:57ताकि ना पिलाए तुने आखिर तरसा के मार डाला
10:04बच्चे ना मिला तो फकत अदा से, तरपा तरपा के मार डाला
10:11ववादार हमसे जमाने में कम है, ववादार हमसे जमाने में कम है
10:18बबा हमने की है, वफा कर रहे है
10:21कोई उनसे कहते बुरा कर रहे है
10:24ववाओं के मतले जबा कर रहे है
10:28मैं क्या कर रहा हूँ, वो क्या कर रहे है
10:31ववाओं के मतले जबा कर रहे है
10:34में ज� Comput務 कर रहे हैं
10:50सितंधने वाले सलामत रहो तुम
10:54सितंधने वाले सलामत रहो तुम
11:02वाले दुआ कर रहे हैं, मैं क्या कर रहा हूँ, क्या कर रहे हैं
11:08अच्छा बस यहीं पर ड्रॉप किर तो कहीं कोई तेखना ले
11:20तो देख ले, मैं ढरता नहीं हूँ किसी से
11:32मैं तो गरती हूँ ना, वो भी आस्मा पसे हूँ
11:37तेख लिया ना, तो फिर राजें के पिस्टल लेके तुमें गोली मारने
11:41तो तुम बचा ले ना
11:42एक बार फिर से मेरे सामने आजे ना
11:52आए तुमने गोली खाय थी मेरे लिए
11:58कितनी परवायना तुमे मेरे
12:02खुश फेहमी है तुमारी
12:04इस खुश फेहमी में मैं अपनी सारी सिंदगी बजार सकता हूँ
12:07है, इस खुश फेहनी में सारी सिंदगी गजारने से बहतर है कि इन्सान मर जाए
12:12मर जाए
12:23मर भी जाओंगो
12:26अपने हाथ उसे गोजी मार के तेखो
12:28पहले शर्मा के मार डाला
12:34और सामने आके मार डाला
12:37नाकी नापिलाई तूने आतिर
12:40जो कोई देख लेगा
12:42तहागल हो तो
12:44भच्छन विला तो फकत अदा से
12:47तरपा तरपा के मार डाला
12:50ववादार हमसे जमाने में कम है
12:54ववादार हमसे जमाने में कम है, बबा हमने किये वफा कर रहे है
13:01रिया?
13:05जी आपा?
13:10कहां से आरी हो?
13:12क्या मतलब कहां से आरी हो?
13:13क्यूशन बढ़ के आरी हूं कशफ के घर से?
13:17जाकेट किसकी?
13:24कहां बढ़ किसकी?
13:29मेरी जगेट?
13:42कहां कशफ?
13:44हलो मेरी बास आरी है?
13:48कशफ मेरी जगेट रिया के पास
13:49कुछ पूछ नहीं हो मैं तुम से
13:54यह जैकेट किसकी है?
14:00यह भी उस रुमार की ते मैं सड़क पर पड़ी मिडी थी?
14:02या किसी ने बहुत ही महबबत से तुम्हें सर्दी से बचाने के लिए औराई?
14:10किस तरह की बाते कह रही है आप अपर?
14:12मेरी बात तो सुन ले जाए?
14:13क्या बात सुनों मैं तुम्हेरे?
14:15क्या चल रहा है भई?
14:23मुझे भी तो पता चले किसकी याद में चुप-चुप के हस्ती रहती हो?
14:31कभी रुमार उठाकर ले आती हो कभी यह जैकेट?
14:37क्या लगता है तुम्हें?
14:39मेरी आंखों मैं दूल जोंको
14:43क्या बताओ
14:47कौन है वो?
14:49यह जाकेट तो देदो याद, भाई मांग रहे हैं
14:55एक तो मुझे यह समझ नहीं आता है
14:59कि जब भी मैं इससे सवाल करते हूं तो जवाब तुमसे क्यूं आता है?
15:04बेस्ट फ्रेंड्स है ना, हमेशा साथ होते हैं इसलिए
15:07क्यों
15:10यह जाकेट तुम्हारे भाई की है?
15:12वसीम भाई की है, रिया को सदी लग भी थी इसलिए मैं उसे ले दी थी
15:16क्यों?
15:17तुम्हारी कोई शॉल या स्वेटर नहीं था जो तुम्ने भाई की जाकेट दे दी
15:21अम्मी, अम्मी ने सारे मेरे कपड़े दूलने के लिए डाल दिये, मैं खुद ये पहन रही थी
15:33थैंक्यू
15:34ताफिस
15:35आपा
15:38आप तो मुझ पर ऐसे नजर रखती हैं कि मेरी हर सांस से पूछें कि मेरा पता कहा है?
15:47बेड़ी बेहन हो तुमारी, हाग है मेरा
15:51मुझे पता होना चाहिए तुमारी जंदेगी में क्या चल रहे हैं और क्या नहीं
15:58छोटी बेहन हो मैं आपकी
16:01लेकिन मैंने तो आपसे कभी नहीं पूछा कि यह कौन सी ऐसी मननत है जो हर जुमेरात आपको दर्गा तक ले जाती है
16:13और कई सालों से मांग रही है न आप यह मननत अब तक तो पूरी हो जाने चाहिए लेकिन हुई नहीं
16:26आप छोट क्यों नहीं देती ऐसी मननत को
16:32क्या पकुआस कर रहे हैं
16:37यही फरक है आप पे और मुझ में
16:43मैं आपकी जिन्दगी में किसी भी बात पर मदाखलत नहीं करती है
16:50लेकिन आप हर वक्त मेरी जिन्दगी में तांप चाहँ करती रहती है
16:56करते हैं
17:11करते हैं
17:21करते हैं
17:23करते हैं
17:38है लो तुम ठीक हो
17:42करते हैं
17:46करते हैं
17:48करते हैं
17:51मुझे लगता है कि वो दिन दू नहीं जब असमा पाँ में पकड़ लेंगी
18:08मैं तुम्हें कुछ नहीं हो रहनोंगा
18:10जब पुकारोगी मुझे अपने पास पाऊगे
18:15हाँ
18:16खुदाहाफस
18:21केसी लग रही हूँ लग रही हूँ लग रही हूँ ना कयामत
18:39जो उसकी तरफ देखता है उसकी मौबबत में दिवाना हो जाओ
18:45मेरी जिन्दगी के अब गोल स्वार डिफेंट हो चुके है
18:48मैं अप उनपर फोकस करना चाहते हूँ
18:51कहानी अच्छी नहीं बनाती तो
18:54नौट बिलीवबल
18:56सालो बीबी शुरू से शुरू करते हैं
18:59उसने कहा कि मैं तुम्हें बरबाद करतूंगा
19:02मारी बात का कोई यकीन नहीं करेगा
19:07साराथ दू देख लो इसका पागलपन
19:09पर कोई नजर आया इसको
19:10मुझे अपुसेना बहुत डर लगनी लगाया
19:14जैसा लगता है तो सच्मित किसी दे मुझे मार देगा
19:16तुम्हें मुस्कराने का कोई हट नहीं है सारा
19:19मैं तो मेरो लाँगा
19:22मैं दू मेरी मदद ले मने
19:24मैं नहीं हो गो सारा नहीं हो गो सारा
19:29मैं बर्माद करदूँगा एक दिन तेरा सकू
19:35मेरे दुष्मनों
19:39मैं बढ़ मुझे
19:41शुष्या देख
19:44देख
19:46शुष्या लेकिन अभए है
19:50मिलना तो दूर की बार, तो कभी उसकी शकल भी नहीं देख सकोगे।
20:05नहीं तेर होगी।
20:07सजी।
20:08आपको कोई काम था।
20:21तुम सजी हो।
20:24वो का हैं, उसे बुलाओ।
20:27मुझे मसाज कराना अपने पाउं का, दर्द हो रही है।
20:29जी।
20:30तेर होगी है।
20:42सजी काम बर गई हो।
20:54सजी का है?
20:55वो तो सो रही है।
20:56क्या हो गया हुसे हर वक सोती रहती है,
20:59घोड़े गदे बेचके।
21:01आँटी वो पहले ना उनके सर में दर्द था।
21:03उसके बाद शायद बुखार हो गया है।
21:07मैं देखती हो।
21:08नहीं आम रुकिये ना।
21:10मैं आपके पांका मसाज कर देती ह।
21:14अरे नहीं नहीं तुम का मसाज करोगी।
21:16सच जी को आता है मसाज करना।
21:17जादू है उसके हाथों में फॉरण मुझे आराम आ जाता है।
21:19तुम रहने दो।
21:20नहीं मैं अपनी अम्मी के भी ऐसी मसाज करती थी पांक।
21:23पर मैं तुम्हारी मा नहीं हूँ।
21:25पर मैं तुम्हारी मा नहीं हूँ।
21:28मेरी खिदमत करने की तुम्हें कोई जरूरत नहीं है।
21:34लेकिन माएं तु सारी एक जैसी होती हैं ना।
21:40उनके दुगद्बद्भी एक जैसे होते हैं।
21:42होते हैं, इनको मसाजिस वगैरा की नहीं थोड़े से प्यार और तबज्जों की जुरूरत होती है
22:12क्या वह मिया सोगई जी, पता नहीं सुकून मिला के नहीं
22:38सुकून मिला होगा तभी तो सो गही है
22:41मिला की लगए प्यार नहीं आपको, अरे नहीं नहीं भई यहां थोड़ी सोना है, बस ठीक है ठीक है बिटा
22:51ज़िए चिते रहो
22:53तभी ठीक है नहीं प्या?
22:56हाँ हाँ बस ऐसी पैरों में तर्द हो रही थी तो मैंने कहा ज़रा मसाची करा लो कता नहीं सर जी कहां मर गई है
23:05मिना मेरी बास सुना ज़रा यहां ना?
23:09जी
23:11यह कुछ पैसे ही तुम रख लो
23:21क्या हुआ?
23:27मुआपसा दे रहे हैं आप
23:30माही जी के पैरों कर मसाच करने का
23:33मुझे मुआपदा नहीं चाहिए
23:38वह आपके अम्मी है तो मैं भी उनको मा की जगा ही रखती है
23:43अच्छा लगा मुझे यह सुनके कि तुम ऐसा सोचती हो
23:48यह
23:51मैं तुम्हे रोज मर्रा के लिए दे रहा था तुम्हें जरूरत पढ़ती होगी ना?
23:55बख लो
23:56अगर मैं कहूं के मुझे पैसों की जुरूरत नहीं है
24:00फिर के जाएगे?
24:02शॉपन पे जाना है
24:05आपके साथ
24:08मेरे साथ?
24:10हाँ वो
24:11चंदी कपड़े मेरे पास
24:13पाजी के कपड़े पहन रही हूं कब से?
24:15अच्छा
24:17ठीक है मैं ले जलता हूं तुम्हें
24:19कल चलते हैं
24:20हम
24:21यह
24:22पर तुम यह रख लो तुमारे काम आएंगे
24:24आपके साथ जाओंगी ना?
24:26तो आप दे दी चगतब
24:27अच्छा कातब
24:28अच्छा ठीक है
24:29शबबगाद
24:53कहरीत माही जी
24:54ती साही उठाई
24:56क्यों मंगए?
24:57कबीर का रिष्टा लेकर जा रहे हूं
24:59और सोच जोड़ें दोनों भाईयें का रिष्टा साथ ही करते हूं
25:02दोनों की शादी एक ही दिन करूंगी
25:08अभीन आएंगे तो मैं बात करूंगी उमसे
25:11कि बिलावज़ा की शादी है
25:13और ये सब बना कर देंगे वो
25:15बिलावज़ा की क्यों?
25:17मुझे मुबीन की उलाद चाहिए
25:19और
25:21तुम्हारी बे उलादी इस घर का सबसे बड़ा मसला है
25:25अच्छा
25:27और आगे अगर आपने किसी लड़की से शादी की और वहां भी उलाद नहीं हो सकी तो
25:32तुम्हारे मुझे मुझे खाक क्यों नहीं मिलेगी
25:34मुबीन की किसी और लड़की से शादी करेंगे और उसने मुबीन का उलाद ना दी मेरी तरह तो फिर
25:39मिठाई काओ
25:42मिठाई खा लो और शायद कुछ अच्छा बोल सको हर वक करवा करवा बोल्ती
25:47मुझा मिठा करो ताकि मीठे बोल भी निकले म मूँ से
25:49दिलजया अल� मेरा तो मीठे बोल प्रिकर ने सक्ते माहीजी मू से
25:53माईजी, मीठाई किस कुशी में
25:55किस कुशी में कबीर का रिष्टा लेकर जा रहे हूं जो असमा का सिकंदर का और रिया का प्लान बता करना है शक है मजे उन पर मेरे लाव अभी किसी पर शक है आपको इस दुनिया में सजी यह मिठाई गाड़ी में रखवाओ फॉरन जा रहे हैं अभी कितनी दफ़ा काये ज
26:25जोगा था और रिया आगी थी तो यही पता करना है ना कि रिया आखिर आई क्यूं थी सजी आओ ना जी जी आई यह मिठाई रखवा जी
26:37क्या फायदन की फिद्मत्य करने को
26:54खर तो बिलकुल वैसे का वैसा ही है, कोई मुरमत, कोई रंग रोगन, कुछ ना करवाया तुम लोगों ने, हमारे जखम अभी हरी है
27:24और ये घर उनी की अकासी करता है
27:27तुम माजी में रहती हो और मैं हाल ने, हमारी सोच में यही पर्गे
27:33जिन लोगों ने हमारा माजी बरबाद किया हो
27:38हम अपने हाल में उनके बारे में क्यूं सोच चूंँ
27:42आप यहां क्यूं आई हैं
27:44तुने यहां सकती
27:46नहीं, हमारी दुश्मनी है
27:49आपके बेटे ने मेरे बाप को मारा है
27:53मेरे बेटे ने तुमारे भाई को कॉंट्रेक्ट्स दिये हैं
27:59टोजी रोटी का बंदोबस्त किया है
28:03अगर तुमारा भाई मेरे बेटे को इस घर में आने दे सकता है
28:07तो मैं क्यूं नहीं आ सकती
28:08वो उसका मसला है
28:10लेकिन मैं आपको यहां बरदाश नहीं कर सकती
28:13चली जाएं यहां से
28:14हाँ हाँ, जा रही हूँ
28:16पहले रिया को बिलाओ
28:18रिया क्यूं भाई?
28:20उसके साथ आपको क्या लेना देना है?
28:22लेना देना है ना
28:23कबीर कहता है कि वो उसकी मंगेतर है
28:25अर्गिस नहीं
28:28बिलकुल मैं भी यही कहती हूँ
28:30कबीर की और रिया की मंगनी
28:34तो कब के खत्म हो चुकी?
28:36पर कबीर नहीं मानता
28:37कहते हैं सारी दुनिया जानती है कि कबीर रिया का मंगेतर है और रिया कबीर की मंगेतर है
28:44पक्वास करते हैं सबर यही मैं भी यही कहती हूँ कबीर कहता है यही हकीकत है
28:52और यह उसी बग बदल सकती है जब या तो रिया की मंगनी शादी कहीं और हो जाए या मैं कबीर की मंगनी शादी कहीं और करतू
29:02वैसे मैंने सुना था कोई रिष्टा देखा है तुमने रिया के लिए
29:10बात आगे बढ़ी के नहीं कुंटे से बांधो अब उसको आपको रिया की फगर करने की कोई ज़रूरत है
29:19वो मेरी बेहन है मेरा जब दिल चाएगा मैं उसकी शादी करूगी फिलाल आप अपने बेटे को लगाम डाली
29:28वो ही कर रही हूँ इसलिए तो मिठाई लाई हूँ कबीर की मंगनी कर रही हूँ मैं
29:34मैंने सूचा रिया के मेरे घर आने से जो शक्त मेरे दिल में पै resistor हुआ है उसको खतम करने का यही तरीका है सिरे से खतम ही करतो
29:45इतनी हरान क्यों हरही हो
29:52रिया ने तुम्हें नहीं बताए वो किशप के साथ हमारे घर आई थी
29:58लो, इसमें भी वो तुम पे चली गई
30:04तुम भी बातें चुपाती थी,
30:09याराने चुपाती थी, वो भी चुपाने लगी,
30:12छूट कोल रही यहाँ, मैं यह मान ही नहीं सकती,
30:16यह मैं भी नहीं मानती,
30:18अगर अपनी गुनागार आंखों से, यह नजाराना देख लेती को,
30:21मुझे तो लगा कियामत की निशानी है कि रिया हमारे घर आ गई है
30:26लेकिन फिर पता चला कशफ उसे साथ लेकर आई थी
30:32कशफ कबीर से ट्यूशन पढ़ती है ना
30:37किस से ट्यूशन पढ़ती है कबीर से
30:42कशफ कबीर से ट्यूशन पढ़ती है
30:51कशफ कबीर से ट्यूशन पढ़ती है और इसलिए पास हो गई है मैंने सुना है रिया भी पढ़ाई में बड़ी कमजोर है एका दफा फेल भी हुई है कबीर की मंगनी हो जाए ना रिया को भी भेज़ते ना ट्यूशन पढ़ने के लिए पास हो जाएगी चली जाएंगा साथ
31:21कि तुम पी चकल लगाना मैं अपनी या रिया की शादी कार्ड लेकर कब कर रही हो शादी कब तक इंतजार करोगी मैं नहीं मान सकती कि तुम उसे छोड़ दोगी उसकी की छातिर तो तुमने मुबीन से तलाख लिदी कब कर रही हो घरादी
31:44तो फिर सुन लो, अब मुबीन के अउलाद होगी, मैं उसकी तीसरी शादी कर रही हूँ,
32:00खुदा का वास्ता है तुम भी शादी कर लो, उमर ठलती जा रही है तुम्हारी,
32:08भुडापा एक बार तारी हो जाए ना, तो फिर मर कही जान चोड़ता है,
32:14झालाद एक बार तारी होगी, मैं उसकी जान चोड़ता है,
32:44क्या आप मैं जवान नहीं रही हूँ,
32:56क्या आप मैं बूरी हो रही हूँ,
33:00लेले, ऐसा कुछ नहीं रही हूँ, छूट बोलती है माबी ना,
33:12मैं अभी तक जवान, मैं वाचित से शादी करूँगी,
33:22इतनी कुरबानी दिये मैंने,
33:30मैं सरूर अपनी महबबत को पालोगी,
33:34मैं सरूर अपने मकसद में कामियाब होगी।
34:04आपा, आपा, आपा, आपा, आपा, आपा, आपा ये मिठाए किसने बरबाद कर दी।
34:34मैंने।
34:36आपने?
34:38लेकिन क्यों?
34:40इतनी अच्छी मिठाई है, और पित्य सादा।
34:47असूलन तो तुम्हारा ये सवाल होना चाहिए,
34:49कि ये मिठाई कौन लेकर आए?
34:53कौन लाया?
34:55मा बीना.
35:00वो यहाँ ही थी?
35:02जाहर है, पहले उनका बेटा हमारे घर आए, फिर तुम उनके घर गई?
35:11अब तो रास्ते खुल चुके हैं, बस उसी रास्ते पर चलकर वो भी आगई?
35:16क्यों गई थी वहाँ?
35:26मा बीना ने जब आपको ये बता दिया कि मैं उनके घर आई थी, तो ये भी पूछ रहे थी क्यों आई थी?
35:36कशफ न, साहर हर बहाने की जड़ तो कशफ ही होती
35:43जी वो, मैं उसी के साथ गई थी
35:49उसने का और तुम चली गई?
35:51आपा वो, आपको पता तो है कशफ का, उस इतनी जल्दी मचाई भी थी, मुझे समझ ही नहीं आया
36:01मैं नहीं आया, मैंने खुद तो बहुत रोका कि मैं नहीं जाओंगी
36:05तो आपको पता तो है कशफ का
36:11आइंदा बहां गई न, तौंगें तोट जोंगी तुमारी, समझी?
36:22खेर, ना बीना ही बता रही थी के
36:26कशफ का ट्यूटर कभेर ही है
36:29वही उससे पढ़ाता है और इसी बज़ों से वह पास हुई
36:32पर मुझे याद आया
36:34कि कशफ ने तो कहा था कि जो उससे पढ़ाता है
36:38वही तुमें पढ़ाएगा
36:39क्या ना मैं तुमारी ट्यूटर का?
36:42क्या था?
36:44असम, सर, कर
36:46कमाल है ना?
36:48जी
36:50वही तो
36:51तो
36:52मैं भी यह सोच रही थी
36:53कि लिया पागल थोड़ी है
36:54जो कबीर से ट्यूशन पढ़े कि
36:56माभीना, भीना
36:58भार बात पर जूट बोरती है
37:01कर यह बताओ कि
37:03कशफ को कबीर से क्या काम था?
37:08वह आप कशफ से ही पूछेगा
37:10मुझे क्या पता?
37:12अच्छा
37:18तुम्हे यह तो पता चल गया कि मिठाई कौन लेकर आए
37:22यह नहीं पूछा कि
37:24क्यों लेकर आएं मिठाई
37:30पूछो ना
37:32इस तरह बताने में मज़ा नहीं आता
37:36क्यों लाएं मिठाई
37:38कबीर कर इश्टा कर
37:42कबीर कर इश्टा कर
37:44कर दो राउ पूछ touर प्ता
37:54कर आएं
38:04कर दो
38:06अत्ततततप
38:10प्ततततत अज़
38:12मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे है