Thanks for watching Top Pakistani Dramas and satisfy all your entertainment needs.
Mann Mast Malang Episode 29 - Presented by JAJI ENTERTAINMENT
- Danish Taimoor - Sahar Hashmi - 27th April 2025 - HAR PAL GEO Mann Mast Malang Digitally Presented by Diamond Paints Mann Mast Malang is a love story that traces the journey of two families who, once close and united by their children's engagement, become sworn enemies due to a single incident. As the story unfolds, Kabeer and Riya, former fiancés turned enemies, start to grow closer and eventually fall in love. Their love story faces the challenge of uniting their feuding families, as they strive to make their love successful against all odds. 7th Sky Entertainment Presentation Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi Director: Ali Faizan Writer: Nooran Makhdoom Cast: Danish Taimoor as Kabir Sahar Hashmi as Riya Saba Hamid as Mah Bina Uzma Hassan as Asma Adnan Samad as Sikandar Hiba Ali Khan as Wafa Nayyer Ejaz as Chacha Dodi Khan as Wajid Ramiz Siddiqui as Rameez Yasir Alam as Yasir Kamran Jeelani as Mubeen Sheherzade Noor Peerzada as Kashaf Maha Hasan as Minha Faisal Bali as Bhola Sharif Baloch as Inspector Harmain Ghalib as Kabir (young) Aayat Arif as Riya (young)
#DiamondPaints, ##Pakistan, #MannMastMalang, #DanishTaimoor, #SaharHashmi
Mann Mast Malang Episode 29 - Presented by JAJI ENTERTAINMENT
- Danish Taimoor - Sahar Hashmi - 27th April 2025 - HAR PAL GEO Mann Mast Malang Digitally Presented by Diamond Paints Mann Mast Malang is a love story that traces the journey of two families who, once close and united by their children's engagement, become sworn enemies due to a single incident. As the story unfolds, Kabeer and Riya, former fiancés turned enemies, start to grow closer and eventually fall in love. Their love story faces the challenge of uniting their feuding families, as they strive to make their love successful against all odds. 7th Sky Entertainment Presentation Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi Director: Ali Faizan Writer: Nooran Makhdoom Cast: Danish Taimoor as Kabir Sahar Hashmi as Riya Saba Hamid as Mah Bina Uzma Hassan as Asma Adnan Samad as Sikandar Hiba Ali Khan as Wafa Nayyer Ejaz as Chacha Dodi Khan as Wajid Ramiz Siddiqui as Rameez Yasir Alam as Yasir Kamran Jeelani as Mubeen Sheherzade Noor Peerzada as Kashaf Maha Hasan as Minha Faisal Bali as Bhola Sharif Baloch as Inspector Harmain Ghalib as Kabir (young) Aayat Arif as Riya (young)
#DiamondPaints, ##Pakistan, #MannMastMalang, #DanishTaimoor, #SaharHashmi
Category
📺
TVTranscript
00:00जबार कर रहे हैं ने क्या कर रहा हूं और चाह कर
00:13रिया इस घर में कभी नहीं आ सकती मेरी बहु बन के कभी नहीं आ सकती और तुम यह तुम्हारी गलती
00:20तुम्हारी गलती, तुम हर वक्त अपने काम पर रहते हो, साइड पर रहते हो, अपने काम में गुम, तुम्हें होशी नहीं के पीछे घर में क्या हो रहा है, देखो, क्या करने चला है ये, ये नफरत को मुहबबत से मिटाने चला है, देख रहे हो तुम इस खेर कते,
00:50झाल झाल
01:20मिटा दी हाथ की लकीर है लेकिन जी आती प्रिया है और हमें शर्या ही राई की कभी ये ये क्या किया है तुमने इतना खूल बह रहा है हाथ क्यूं काट डाला तुम भी इसे हॉस्पिटल लेकर जाओ तुम क्या पागल हो गए हो कौन अपने से हाथ काटता है चलो मेरे साथ �
01:50मिटा दें लेकिन रिया कुणी मिटा पाया अज भी यहा है और हमेशा रही के हमेशा रही के कभीर काट जा रहे हो तो मेरे साथ हॉस्पिटल चलो तो किसी की जरूरत नहीं है अपने किया के खुद जिम्मेदार हूं मैं
02:20तुम खड़ी मूँ क्या देख रही हो चाह के मेरे पिटे की मारे पिटी का बंदवस्त करो कितना खुण निकल रहा है
02:27मुबीन कहा जा रहे हूं काबीर है अपने किये का खुद सिम्मेदार अगर उसने कह दिया किया मेरे करीब कोई ना आए तो
02:39कोई ना है हम लाग गर्वासे पीट-पीट के ठक जाएंगे नहीं खोलेगा मैं आप चाहिए उनको देखें चाहिए प्लीज अम्मा
03:09चली जाओ यहां से
03:33कभीर आये मुझे पट्टी करने तुमसे मैंने का चली जाओ मुझे कोई पट्टी नहीं करानी है कभीर प्लीज यहालत तो देखें तहां हून बह गया है प्लीज पट्टी करने दे मनना आप भेहोश हो जाएंगे
03:47भोश में मैं हूई कब
03:50तुम फिकर नहीं करो इतनी जल्दी नहीं मरूँगा मैं जब तक अपनी सिंदगी की बाहित खायश पूरी नहीं कर लेता नहीं मैं मरूँगा और नहीं उसे मरने दोगा
04:06कर ऐसी बात है तो फिर तो पट्टी करने ही दीजाएं कुछ नहीं होगा मझे
04:15कुछ तरह से देखे मुझे तकलीफ हो रही है कभी
04:20उठें कभीर अगर आपकी जिद है तो मेरी भी उठें
04:29आप इधर बैठें दिखाएं बहुत तेरद हो रहे है
04:59इस दर्द में भी सुकुन है
05:04बजाएं कर दो रहे हैं
05:08आपकी जिए अप्टी कर दो रहे हैं
05:12कर दो कर दो
05:42क्या मापद इतनी शिद्दत से भी होती है
05:48कि इंसान अपने आपको जखमी कर दे
05:51अपना हाथ कार दे
05:58खिसमत के लगीरों से बगावट कर ले
06:07जब किसी की मापद इतनी शदीर हो सकती है
06:09कि वो अपनी इस्दत अपनी लाज अपनी जिन्दगी की परवा किये बगहर
06:21एक लखकी होने के पावजूद
06:26रात के अंधेरे में किसी दुश्वन के घर
06:32सिर्फ अपनी मापद से मिलने चलिया
06:36और सब के सामने
06:42सब के सामने आपका हाथ पकर की गड़ी हो
06:48और कहे कि वो आपसे महापद करती है
06:53नफिल पड़की शुक्राने महापद अधा करें
07:01ऐसे कुर्बानी के सामने ये जख्म तो कुछ भी नहीं है
07:12इससे कुछ नहीं होगा
07:23तबाखा देखा
07:27काराम आजेगा
07:29ये मुझे पेंगलर नहीं कानी है
07:31मुझे इस दर्द के साथ ही रहना दो
07:35कबीर प्लीज जिद मत करें
07:39आपको इसकी जरूरत है मुझे आपकी
07:43आप दवा काने प्लीज
07:51कबीर प्लीज जिद मत कीजे
07:59आपको इसकी जरूरत है
08:09करेंग दो
08:24आपको
08:25थेंक यू
08:28अब तुम चली जो, मैं सौंगा थोड़ी देर
08:47माही जी बैट तो जाहिए ना प्लीज
08:52आत्ती हुग
08:55कर दी मरम बटी
08:58जी
08:59रुग गया हुँँ जी फिल्हाल तो रुग गया है
09:03अठी
09:05मावीना जी ये खुण इस तरह रुखेगा नहीं
09:09पैता ही रहेगा
09:14कभी आज से तो कभी
09:17सीने से
09:19सब तक
09:24सब तक रिया है कबीर की जिन्दगी में
09:27तब तक
09:28खांदानी दुश्मनी है
09:31फून से शुरू हुई थी सारी
09:34सारी जिन्दगी खून ही मांगेगी
09:37माई जी रिया को किसी तरह रोकना होगा
09:42इस तो समझ में नियारा क्या करो
09:44कहां तो रिया का नाम नहीं सुनना चाहता था
09:47और कहां कभी उसकी खतिर अपनी किसमत की लगीर काट रहा है
09:50कभी हाथ काट रहा है
09:51ऐसा भी क्या दिवानापन ऐसा मुहबबत का क्या भूथ सवार हो गया सरपे
09:55कोई दिवानगी भानगी नहीं है माही जी
09:58कोई भूथ सवार नहीं है
10:00ये सब आस्मा का प्लैन है
10:02रिया कुब मौरा बना कर सामने खड़ा कर दिया
10:08एक कभीर को पसाने के लिए
10:09सिर्फ अपने बाप के खून का बद्ला लेने के लिए
10:14समझ में नहीं आरा क्या करूँ
10:17अगर आपकी इजाज़त हो तुम मैं कुछ करूँ
10:23तुम क्या कर सकती हो
10:25रिया के पास जाऊंगी उसे बात करूँगी
10:27ऐसी क्या बात करूँगी
10:29कि वो कभीर का पीछा चोड़ देगी
10:31माही जी कुछ भी करूँगी
10:33लेकि मैं कभीर को यू रुटिया की चाल में फसता हुआ
10:36अपने आपको जखमी करता हुआ नहीं देख सकती
10:39मिना
10:44तुम क्यो इतनी फिकर मंद हो रही हो
10:48तुम क्या कर सकती हो भला
10:55के लिए तुम इतनी परिशान क्यों हूँ फिकर कैसे ना करूँ बाजी
11:01कभीर ही मुझे यहां पर लेकर आये थे उन्होंने मुझे पना दी
11:06आँटी
11:10एसान का बदला मैं एसान से तो नहीं उतार सकती
11:13लिकिए मैं कुछ करना चाहते हूं कभीर के लिए
11:17अगर आपकी अजाज़त और साथ हो तो
11:24अगर दूप लिए
11:54महा कबीर अपने हाथों की लकीरें काट रहा है
11:57और यहां तुम अपनी किसमत बना रही हो
12:01किसमत से हमें भी अपने ले कुछ चुरा लेना चाहिए मैंना
12:07चाहिए लड़ना मरना क्यों ना पड़ जाए
12:14पर कबीर और रिया को अलग करके दम लेना
12:24चाहिए झाल
12:34चाहिए
12:54और से जोड़ाए दोड़ा.
13:17दरगा का ही.
13:22इसके लिए दुआ मामें.
13:24अपने लिए या मेरे लिए जो कारनामा तुमने सर अन्जाम दिया है ना उसके लिए गारिया
13:33क्या दुआ मांगेंगी आपना कि कबीर और रिया को कभी एकना होने दी जए
13:48ऐसा करने का सोचा तो नहीं थै लेकिन तुम कह रही हो तु यही दौा मांगूंगे
14:08साथ ये मननत भी मांगूंगे कि जल्द से जल्द वो दुबई चरा जाए ताके हम सब की जान चूटे
14:13मांगने दौन, मननत मांग, बलके मननते मांगे
14:29लेकिन जहां आपके हाथ उठेंगे दौा के लिए वहां मेरा सच्टा पहले ही कबोर हो चुका
14:36कैसे सच्दिक?
14:39किस चीज़ का शुक्राना भई?
14:53कबीर के वापस आजाने का, उसके दिल में मेरे लिए महबत पैदा
14:59इजार महबत का शुक्राना
15:03पेश शरम, अपने बाप के कातिल के लिए महबत का इजार करी है, वो भी मेरे सामने?
15:13दिल तो पागल है ना अप इस पे किसी का जोर धोड़ी चलता है
15:23मेरा जोर चलता है
15:25जनके अपने दिल टूटे वे होना, उनसे और कुछ उमीद भी नहीं किये जा सकती
15:37अकुलास बन करो अपना मार करो भू तोर दोंगी तुमारा
15:43जरा संभाल के आपा
15:47एक बार ठीट बन गई ना तो ये था पड़ असर नहीं करेगा
15:53पर एक ही बार कोडी मार कर किसा खतम कीजए
15:57झाल
16:07झाल
16:11झाल
16:15झाल
16:18झाल
16:20बादा यह
16:46अपर मेर जाने दे
16:48यह रिया नहीं नहीं मिलोगी अब तुम तुम फरकिसने
16:52मुझे जाने यह तुम साज़ दिया कि है तुमारे बाप कातिल है वो
17:18क्यों फेलो के आईयो क्या होगे क्या गुसावे तुमाने दमाग में
17:45कविक
17:53कुमेह
18:09तो समझ क्यों नहीं आती है तुम्हें कैसे निकालो तुम्हारे दमाज से बकवाद कातिल है वो कातिल तुम्हें क्यों नहीं समझ में आता है
18:39रावल आज क्लास में एक लड़की में मझे कबीर की मंगेतर कहा और तुमने क्या कहा
18:53मैंने उसे थपर मारा और कहा कि वो बाबा का कातिल है दुश्मन है अमारा जमाश
19:05सिदम ढाने वाले सलामत रहो तुम
19:21सिदम ढाने वाले सलामत रहो तुम
19:25सिदम सेहने वाले दुआ कर रहे है
19:31मैं क्या कर रहा हूँ
19:33वो क्या कर रहे है
19:35वोफाओं के बदले जबा कर रहे है
19:41लचा कर रहा हूँ
19:43वो क्या कर रहे है
19:45वोफाओं के बदले जबा कर रहे है
19:48लचा कर रहा हूँ
19:50वो क्या कर रहे है
20:03मुहबत खता है समझते हैं हम भी
20:15वता बक्षिदे हम खता कर रहे हैं मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे है
20:21वफार के बद्ले जबा कर रहे हैं मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे है
20:49ये बेबाग दिल की नादानी तो देखो
20:55तुम्ही से तुम्हारा गिला कर रहे है
21:05मैं क्या कर रहा हूँ और क्या कर रहे है
21:08वबाओं के मदले जबा कर रहे है
21:15मैं क्या कर रहा हूँ और क्या कर रहे है
21:18को फोट के बदले जबा कर रहे हैं
21:21मैं क्या कर रहा हूँ और क्या कर रहे हैं
21:36आप भी संभल जाओ तुम
21:38कबीर हमारे बाप का कातिल है
21:41तुम्हारे बाप का कातिल है
21:43यह बात अपनी अकल में डालो
21:45और ये फजूल की महबत के रागल आपना छोड़ दो
21:50सीपर डाली होगी
21:55इस खौफ से दरगा भी नहीं जा सकती कि कहीं दुबारा इल्म की रोशनी हासल करे ना निकल पड़ो तुम
22:00अब बेफिकर हो जाओंगी तो सामने से जाओंगी
22:05किसी से डर कर या छुप कर नहीं जाओंगी सामने की दरवाजे से जाओंगी
22:11जरूर कोशिश कर
22:15तुमारी टंगें तोड़ने पर मुझे भी बड़ा मसाएग
22:18जारी हूं मैं दरवाजा बंद कर लो
22:35तुम यहाँ हाँ
23:03हाँ, दरवाजा खुला तो तो आगई
23:06दरवाजा अगर खुला भी हो तो दस तक दे कर आते हैं
23:11तुम तो नहीं आती दस तक दे के
23:17मैं तो चलो फिर भी दिन की रोशनी में खुले आम आई हूं
23:22तुम तो रात के अंदेरे में चुपकर आती हो
23:26पर जिससे मिलने आई थी, इससे मेरा बहुत पराना तालिती, हक है मेरा
23:31तुम्हारा ये महबद भरा हक, कबीर को ना हक होना कौन कर गया
23:38क्या मतलब, क्या हुआ कबीर को?
23:42हाथ काट दिया उसने
23:44माही जी की सामने डटके
23:48खड़ा हो गया कि रिया थी है और हमेशा रहेगी
23:50माही जी ने कहा कि
23:55अगर रिया का नाम हाथ की लखीरों में भी है
23:57तो काट दे एसी लखीर है और इसने काट दी
23:59महबबत हो तो शिदद भरी
24:07जैसे कबीर की, है
24:10लेकिन तुम्हारी मुहबबत लोगों की जान ले जाती है
24:19कभी मजनु को रुला के छोड़ देती है कभी फरहाद को
24:26और तुम्हारी मुहबबत कबीर को रुला देगी
24:30उसको तभा कर रही है तुम्हारी मुहबबत
24:35आज हाथ काटा है कला काट देगा अपना
24:38यह अब बक्वास करी, मुझे कभी इसे मिले।
24:43तू रहा उसे।
24:49पीछा छोड़ दो उसका, क्योंकि इसकी अब शादी होने वाली है।
24:57माही जी उसकी शादी करवा रही है ताके तुमसे जान चुटे उसकी।
25:01पुछोगी नहीं किस से।
25:08वो मेरे इलावा किसी से शादी नहीं करेगा।
25:12कॉतुम कभीर की बचपन की मंगेतर रही हो लेकिन इसकी दुलहन कोई और बनेगी।
25:19सच मैं नहीं जानना चाहती कि कौन।
25:25कौन।
25:27मैं।
25:29मैं।
25:37माही जी मेरी और कभीर की शादी करवा रही है।
25:43नहीं।
25:44ऐसा नहीं हो सकता वो महबबत करता है मुझसे बुछ।
25:46करता रहे दुमसे महबबत।
25:48माही जी की सामने ना कभीर की भी नहीं चलती।
25:55वो जुठान लेती हैं वो ही करती।
26:01अब देखो कभीर कितने साल दुबई रहा।
26:05क्योंकि माही जी ऐसा चाहती थी।
26:09और अब उनका फैसला यह है कि मैं और कभीर शादी करें।
26:13वो अपने दुश्मन की बेटी को कभी बहुनी बनने देगी।
26:21अब देखो करें।
26:33झाल झाल
27:03झाल
27:33यार उस्ताद
27:59क्यों तड़पा रहे हो विचारी को?
28:01कब से कॉल कर रही है?
28:04करने दे
28:05मिलना नहीं है तो आते क्यों?
28:11बोले तो बहुत भोला है
28:13मैं तो इसे अपने लिए तड़पते देखकर खुश हो जाने आता हूँ
28:20दो कोड़ी का आदमी कहा था असर खान ने वाई है
28:27और आज इस दो कोड़ी के आदमी के लिए उसकी बेड़ी तड़प रही है
28:34यह देखकर तो असर खान के रूप आप जाती हो
28:41हाँ यह सो है उस्ताद
28:43आने दे उसको दो जुम्हें और आने दे
28:51मांगने दे मनतें करने दे दुआएं
28:56खराएं के सामने
28:59तुम्जा
29:01आँ उस्ताद
29:03यह उस्ताद
29:33यह उस्ताद
29:35यह उस्ताद
29:36भ政 के सामने
29:38मांगने दे दे लुम्हें पाल
29:40यह उस्ताद
29:40मांगने दे देखकर अने दे में
29:41पाल
29:42कर दो दो, कर दो चूँआ।
30:12कर दो कर दो
30:42हेलो कबीर, प्लीज रिया से बात करो, यहां में नहां आई थी और उसने रिया को कहा कि तुम से शादी कर रहे हो, प्लीज रिया से बात करो
31:00हेलो कबीर, वो में, हेलो
31:06क्या होँ?
31:13क्या होँ?
31:15क्या होँ?
31:20क्या है क्या है?
31:30मिना कह रही थी, सच कह रही थी वो
31:55क्या जूट है, क्या सच है, मैं क्या पता हमारी तो कबीर से बात नहीं हुई ना
31:59मेरा फोन कार्ट दिया, मेरी आवास सुनते ही उसने मेरा फोन कार्ट दिया, ऐ कशर्फ
32:04रिया, तुम ऐसे ही हार मान जाओगी
32:08उसे भी तो कोई वजाहत करनी चाहिए ना
32:16तो मिना की बातों ऐसी आजाओगी, वो तो मा भीना की भेजी हुई धंकी है
32:26तुम उससे डर रही हो
32:28देखो, अगर देखा जाए तो हम ने तो कपीर से बात ही नहीं की, हमें क्या पता के उसने कॉल काटिया, किसी और ने
32:40किसी और ने
32:58कॉल करो उसे दुबाराख
33:00किसी और ने
33:30प्रिया यह चल चल
33:38उसकी उमेद टूटी या नहीं पता नहीं तो पता करके आना था ना
34:00बड़ी इजाज़त लेकर गई थी तो फिर काम खतम करके आती
34:06था मेरा बेटा उसकी मुहबबत में आपने हाथ की लकीरें काट रहे तो तुम उसकी मुहबबत पे लकीर तो फेर कर आती
34:22कोशिश तो कर रहे या नहीं
34:23कई भी थी रिया के पास
34:29बच्पन की मंगनी है अतनी असानी से तो नहीं तूटेगी
34:35कोई भारी चाल चलनी पड़ेगी ना जोर आएगा ना जाए
34:43तो ही कुल अपने किरदार के मताबिक बात की है तुमने अबफा
34:47इसी तरह तो तुम यहां डेरे जमा कर बैठी हो
34:54अगर उमीद नहीं तूटी होगी तो वो यहां पर आएगी
35:00और अगर तूट गई होगी तो वहीं में बैठके रो रही होगी
35:08कभी
35:10कभी
35:24प्लीज मैं बिस छोटी सी बात करनी है उससे हो यह यह तुम्हारी उमीद नहीं टूटी है
35:36मेरी यह उमीद आपने नहीं बांदी कभीर ने बांदी
35:54तो जब तक वो मुझे अपने मूँ से नहीं बना कर देता मेरी महबत की उमीद बंदी रहेगी
36:03तो बुला हुसें देखें क्या कहता है
36:15लेकिन फिर जो तमाशा मैं लगाँगी वो
36:24सह लेना
36:25तुम्हें गर्दन से पकड़कर तुम्हारे भाई के सामने ले जाओंगी कि तुम्हारी बेहन मेरे बेटे के कमरे में रही है
36:34लुक्साम तो सरसर तुम्हारा होगा
36:47कि मैं तुम्हें कभी अपनी बहुनी बनाओगी
36:49मैं अस्मा की डुसी हुए
36:51तुम्हारी बस्ता तुम्हारी बालभा कर रहे हैं
37:07झाल झाल