गंगा में समा गई चंद्रमुखी की आत्मा 👻 | Horror Twist | Chandramukhi Returns
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00:01सप
00:03मैंने कुछ भी नहीं किया
00:05आप मेरे यकीन कीजी फै्लिज, उन्होंने ही मेरा ही काचे वकड़ा
00:08मैं जानता हूँ तुमारी घलती नहीं है
00:10यहाँ क्या कर रहा है तू
00:11मेरी पत्नी के सात क्ढ़ा टरामा करने आया जा घल जा
00:16सुमील मेरी बास
00:17कि इतनी बड़ी घलती कर निया फिर से यहां आये अरो तुम कहते हुआ छोट
00:21है सार सुनए सर मैं सच कह रहा हूं मैंने उनके साथ कुछ घलत नहीं किया हुआ तो किया मेरी पत्री कि आठिया थे उन
00:27तुम गलत सोच रहे हो, विश्वनात की इसमें कोई गलती नहीं है, क्या बोल रहे हो, गंगा ने इसे बुला है, गंगा पीछे पड़ी थी इसके, गंगा को अब इससे प्यार हो गया है, देखो, कुछ मत कहो, शांद रहो तुम, तो गंगा तुमें गलत देख रही है, मेरी
00:57दूधा ये ढून कर लाया है न, इसलिए तुम्हारी पत्नी पर गलत इल्साम लगा कर, इसे सही बता रहा है, नहीं, देखे बात रहे हैं, बस मेरी दोस्त, बस, इसके आगे कुछ मत बोलना तो, सुने, बस करो, बस करो, एक बड़ा डॉक्टर समझ कर इज़त दी तुमें
01:27रहा सकते हैं, ठीक है? जो कह रहा हू, सुनिए को, निकल, निकल इहां से, बहुत मस्ती कर ली घर की ओर्थों के साथ, डॉक्टर के नम पर मज़र लाता है, तुम्हारे बारे में तुम्हारे दोस्त को बहुत देर से जंकारी हुई, देखिए, जो कह है, चाल, इस सब गलत
01:57अब बात तो सुनिये आप बस दो दिन बरताष्ट किजी इस घर की सारी समस्याइं सुलजा दूंगा तरह सुलजाने के लिए मैंने राम-चंद्र आचारे को इस घर में लाकर रखा हुआ है चलड़िया
02:09ये तुम कितनी बड़ी गल्दी कर रहे हो, इतने महान इंसान को बाहर निकाल रहे हो, बहुत गलग कर रहे हो
02:30सौामी जी वो हमारी बेटी पर हिरना, खामुश रहो, नहीं तुम कुछ बत कहो, सब जानता हूँ मैं, इनका इस घर में रहना, मेरे रहने से भी ज्यादा जरूरी है
02:42खून को बोचिये, अच्छे इंसान का खून गिरना नहीं चाहिए, यहां जो हो रहा है यह पूजा से नहीं, बल्कि इनके मनोवे ग्यानिक तरीके से ही हो पाएगा
02:56उस दिन जब मैंने यहां पूजा की तब, यह उपर से नीचे आ रहे थे और, इनके चेहरे पर मेरी पूजा में विगन डालने का पश्चाताप नहीं, बल्कि कुछ हासिल करने की खुशी थी
03:09इनकी आँखों में चमक थी और चेहरे पर गजब का तेज था, तब मैं सब समझ गया
03:14इसलिए बाद में मैंने इनसे अकेले में पूछा की उपर क्या हुआ, इन्होंने जो कुछ भी बताया, वो सुनकर मैं सीहर गया
03:23रामायन के रावन के एक नहीं दस सीर है, लेकिन इनके तो एक ही सीर में दस दिमाग है
03:31ये साधारन मनोबेग्यानिक डॉक्टर नहीं, अमेरिका में पढ़ाई की है और गोल मेडल भी लिया है
03:37इतना है नहीं, दुनिया के सबसे बड़े मनोबेग्यानिक ब्रेडली के पहले शिश्ये यही है
03:46ऐसे महान आदमी को यहां से बाहर निकाले की गल्ती कर रहे हो, इतनी बेज़ज़ती कर रहे थे और इसके बावजित भी ये रूप कर साथ दे रहे है
03:55मुझे बोलने दो तुम, क्योंकि इसने तुम्हारी पत्नी पर इल्जाम लगाया, इस वज़े से इसे निकाल रहे हो
04:02तुम्हारी पत्नी की जान बचाने के लिए इसने अपनी जान की बाजी लगाई है, और क्या तुम लोग ये चानते हो
04:09गंगा के जीवन के लिए अर्विंद को मरना होगा
04:15यही है विदी
04:17मेरी बातों पर शायद यकिन न हो
04:22अर्विंद, जो तुमने मुझे बताया, वो इन्हें भी बताओ
04:26जी
04:36जो मैं बताने जा रहा हूं, उसे सुनने के लिए तिल कड़ा कर लो
04:39यहां जो कुछ हो रहा है उसका कारण
04:42दुर्गा नहीं है और नहीं घर के बाहर का कोई और इंसान है, नहीं
04:47चंद्रमुगी के वर्ष में जो है
04:50कोई और नहीं तुम्हारी ही गंगा है
04:53जब तुमने मुझे फोन करके यहां बुलाया था तो कहा था कि इस घर की सारी परिशानियों की वज़त दुर्गा है लेकिन
05:01मैं जिस दिन आया उसी दिन समझ गया कि दुर्गा और यहां होने वाली घटनाओं में कोई संबन नहीं है
05:07क्योंकि जब रात को करीब बारा बज़े के पाद चंद्रमुखी के कमरे से किसी के घुंगरू पहन कर नाजने की आवाज सुनी तो मैं वहां गया पर मेरे चाते ही आवाज बूद और तब मैंने यह जानने की कोशिश की कि यह सब कौन कर रहा है
05:21इस दोरान एक दिन जब मैं तुम्हारी पतनी गंगा को चंद्रमुखी के कमरे में लेकर गया तो पहली बार गंगा के चेहरे के बदलते वे भाव को मैंने देखा
05:30अब तक मैंने गंगा को इस रूप में कभी नहीं देखा था वो एक साइकिक वाइपरेशन के प्रभाव में थी
05:42और उसी वक्त मैं समझ गया कि चंद्रमुखी के प्रभाव में कोई और नहीं गंगा ही है
05:48इसे और अच्छी तरह से समझने के लिए ही मैंने गंगा वो चंद्रमुखी का गंगुरू दिखाते हुए जूट बोला और कहा कि ये चंद्रमुखी का गंगुरू हो ही नहीं सकता
05:59गंगा तुम इस गंगुरू के बारे में कुछ नहीं जानती
06:01उस वक्त मैंने देखा कि गंगा किस तरह चंद्रमुखी के रूप में बदलती है
06:06गंगा तुम इसके बारे में कुछ नहीं जानती
06:07जानती हूँ जानती हूँ जानती हूँ जानती हूँ जानती हूँ जानती हूँ
06:12ओके ओके कूल डाउन कूल डाउन इतना टेंशन क्यों ले रही हो हाँ सुनील गंगा चंद्रमुखी में बदल जाती है यही है उसकी असली वेमारी
06:21पीस साल की ये लड़की साठ साल की एक बूरी औरत की तरह बोलती है वैसे ही जैसे पांच साल का एक पच्चा आपने दादा की नकल करता है
06:32medical language में इसे हम कहते है split personality यानि एक ही शक्स एक दूसरा वेक्ते तो भी जीता है
06:39a position state गंगा इसी बिमारी का शेकार है
06:44ये जानने के लिए कि हंसने खेलने वाली गंगा को ये बिमारी कैसे हुई
06:50मैं तुम्हारे चोटे मामा को लेकर गंगा के काउं एलूर गया
06:55आप लोग गंगा के एक चेहरे को पहचानते हैं पर उस चेहरे का उससे हटकर एक दूसरा पहलू और भी है
07:02ये मैंने उसके गाउं जाकर जाना
07:04गंगा के पिता ने एक दूसरी जाती की लड़की से शादी कर ली थी
07:08इसलिए उनकी अपनी ही जात वालों ने उन्हें गाउं से बाहर निकाल दिया
07:12गंगा के पिता की जब रित्ती हुई
07:14तो भी गांवालों ने उनके शक को गांवे जलाने की जासत नहीं दी
07:17उनकी शर्थ ही कि अगर गंगा की माँ पंचायत में मौजूद हर आदमी के पैर चुकर माफी मांगेगी
07:23तभी उसे इचासत मिलेगी
07:24गंगा की माँ ने ये सजा भगत तुली पर इस बेज़ती ने उनकी जान ले ली
07:30इतने पर भी जब गांवालों को संतोश नहीं हुआ तो उन्होंने दोनों शबों पर पेट्रोल डाल कर चला दिया
07:39ये बेज़ती गंगा की नजरों के सामने ही हुई थी
07:42गुसे में गंगा ने जमीनदार के कपड़े भाट डाले और बेहोश हो गई
07:45ये बेज़ती उसका पहला सद्मा था
07:48हर फस साइकिक टिसॉडर
07:51बच्पन में ही अनात हो चुकी गंगा को उसकी नानी ने अपने साथ रखने का फैसला किया
07:55माता पिता को खो देने के बाद गंगा नानी की कहानिया सुनकर पड़ी हुई
07:59जब वो कहानी सुनती तो खुद को उस कहानी का पात्र समझने लगती
08:03उसके अंदर इस तरह की भावना पच्पन से ही थी
08:06ये बात मुझे गाउं के लोगों ने बताई
08:08जब गंगा की तस्वी की परिक्षा थी तो उस वक्त उसकी नानी विमार पड़ गई
08:13उनी के बारे में सोचते रहनी की पज़ा से वो पढ़ नहीं पाई
08:17पढ़ाई नहीं की उसे नीन नहीं आई
08:20और वो रात भर चलती रही
08:22एग्जामेनेशन हौल के बाहर अंसर शीट्स को फेंक देने वाली गंगा को
08:26आज तक उसकी क्लास टीचर खुला नहीं पाई
08:28उसकी विमारी के बारे में उसकी नानी को कुछ पता नहीं था
08:32इस बारे में उनको कुछ पता चलता इसके पहले उनकी मौत हो गई
08:35नानी की मौत के बाद गंगा ने अकेलेपन से बचने के लिए मौज मस्ती का रास्ता अपना लिया
08:40उसने बच्पन में जो कहानियां सुनी थी उनके पात्र उसके मन की कहराईयों में बस गये थे
08:44और इसलिए उसने इस महल को खरीदने पर इतना सोर दिया
08:48उसके बाद गंगा अपनी उत्सुकता को रोक नहीं पाई
08:51और वो चल्दी चंद्रमुखी के कमरे के अंदर पहुँच गई
08:53और वहीं पहली बार गंगा चंद्रमुखी से परिचित हुई
08:57चंद्रमुखी के प्रभाव में आई
08:59गंगा चंद्रमुखी का रूप लेने लगी, गंगा चंद्रमुखी की तरह खड़ी हुई, गंगा चंद्रमुखी की तरह नृत्य की मुद्रा में आई, गंगा चंद्रमुखी का रूप ले चुके थे, अब तक चंद्रमुखी और गंगा एक हो चुके थे, मैंने कभी अप
09:29उसने उस दिन प्रिया को मारने की कोशिश की
09:57विश्वनात पर इल्जाम लगाकर वो इन दोनों की मंगनी तुड़वाना चाहती थी इसलिए कल उसने इनके साथ ऐसा परताफ किया ताकि इनकी मंगनी तूट चाहती है
10:08ठीक है ठीक है लेकिन वो मुझे क्यों मारना चाहती है गंगा जब चंद्रमुखी बनती है तो उसके प्रेमी गुण शेखरन यानि इस विश्वनात को हासल करने में कौन उसकी राह में आ सकता है गंगा का पती सुनील इसलिए तो तुमारी हत्या करने की उसने दो बार कोशि
10:38मुखी में बतलते देखा उसे होश में लाने के लिए ही मैं सोर से दुर्गा को वहां से उसके कमरे में ले गया और वहां उसे गंगा की सारी सच्चा ही बता दी गंगा की परेशानी जानकर दुर्गा गंगा के सारे इल्जाम अपने सिर पर लेने के लिए तयार हो गई और
11:08राजा बनकर खड़ा हो गया जिस वक्त मैं उसके सामने राजा बनकर खड़ा था उसी जण उसने विश्वास कर लिया कि मैं ही वेट्टियन राजा हूँ
11:15उसमें खुद मुझसे कहा कि इस दुर्गाष्टमी के दिन राजा को मारना ही उसका लक्षे है चंद्रमुखी का ये लक्षे पूरा नहीं हुआ तो हमें गंगा कभी नहीं मिलेगी इसका मतलब इस दुर्गाष्टमी के दिन वो तुम्हें मारने वाली है
11:34येस क्योंकि जिसे वो वेटेन राजा समझ रही है वो ये है अगर चंद्रमुखी का ये लक्ष पूरा नहीं हुआ तो वो अपने आपको मिटा देगी और तब मरने वाली चंद्रमुखी नहीं हमारी गंगा होगी
11:51अब इस खतरनाख खेल में गंगा जंदा रहेगी या मैं शहीद हो जाओंगा ये नहीं जानता लेकिन सबसे बड़े दुख की बात तो ये है कि चंद्रमुखी नाम का एक केरेक्टर उसके शरीर में आता जाता रहता है उस पेचारी को इसका अंदाजा नहीं
12:10अरविन दर्वाजा को लो आपने दर्वाजा क्यों बंद किया दुरुगा निकिया ओगा दुरुगा ये देखिए किसीने मेरी साड़ी फाड़ दी ये भी दुरुगा काम होगा आचा बुदा अबल कर डांस कैसा था क्या कहरें डॉक्टर मुझे कुछ ब्ल्यान नहीं म�
12:40कोफी दी यह नहीं घर के दामाद को कॉफी देने वाला कोई नहीं रुको मैं लेकर आती हु देखा गंगा को कुछ याद नहीं कि क्या हुआ कि क्यों हृआ है तक
12:55कि गंगा चलो आज तुमको तुमको चेने घुमा लाओं क्यों वहां से हम प्रिया का प्रेजेंट खरीद कर कल वापस आ जाएंगे आज ही हाँ अभी लेकिन क्यों आज ही कल यहां पर हमारी जरूरत होगी इसलिए आज ही जाना पड़ेगा
13:17नहीं जाओंगी तुम चलो नहीं जाओंगी ना तुम चलो मैं कहरा ना तुमसे हम नहीं जाएंगे कहाना नहीं जाएंगे
13:29क्या इतना साहास
13:36इसनी देर से हमारी बात नहीं सुनकर क्या चाहते हु उम्रेचू
13:41हमारी एक बात कान खोल कर सुन लो
13:45अगर हमने बदला नहीं लिया
13:47तो हमारा नाम पी चल्द मुझे नहीं
13:50गंगा
13:52अभी मेनी कुछ किया
14:07नहीं
14:10कुछ तो किया मेनी
14:12कुछ तो किया
14:14मेनी कुछ किया
14:16नहीं कुछ नहीं
14:17मेनी सरूर कुछ किया
14:18सरूर कुछ किया
14:20सरूर कुछ किया
14:21तुम्हें कुछ नहीं होगा तुम्हें कुछ नहीं होगा
14:51कुछ नहीं होगा अप मुझे छोड़त नहीं है
15:10मुझे
15:15बस करो अर्विन बस करो इस घर से चले जाओ महरबानी करके ऐसी हालत में मैं अपनी पत्नी को नहीं देख सकता वो तुमसे बदला लेने को तड़क रही है तुम मारे जाओगे प्लीज यहां से चले जाओ तुम मैं चला जाओंगा तो गंगा ठीक हो जाएगी हो जाएगी ब
15:45अपनी जान की खातेर अगर पेशन को छोड़कर भाग जाओं तो मेरी पढ़ाई वेस्ट है देखो सुनील गंगा को तुम किसी भी शहर या दुनिया के किसी भी कोने में ले जाओ उसे कोई नहीं बचा पाएगा गंगा को अगर कोई इस दुनिया में ठीक कर सकता है तो व
16:15लेकिन अर्विन जंदर मुखी से तुम्हें कौन बचाएगा
16:18सर आपने मुझे किस लिए बुलाएं सर बताता हूं सुनी तुम भी आओ
16:28चलो
16:42ये वेटियन राजा का दर्बार है यहीं पर उसने आज से कई साल पहले चंदर मुखी को जिन्दा चलाया था
17:04वहां राम चंदर आचारे ने पूजा के लिए जो चकर बनाया है हमें गंगा को उसमें लाकर बिठाना है
17:10विशोनाथ यह सिर्फ आप ही कर सकते हैं
17:13hmm
17:43वाह अपनी पतनी को देखो जो पूरी तरह चंद्रमुखी बनी हुई है
17:54जारा जारा जारा
17:58जारा
18:13जार जारे लेखन्र जार जार जार जार cities राजर जेंगी बने में
18:23जारा जार
18:26झाल बना तास बना थाल
18:39लं लं लं लं
18:41लं लं लंड लं
18:56हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हा�
19:26पिष्ण खाय, गूती, लुती, लुपीद, रावंपीद, लुती, लुती, लुती, तालbour
19:43घालार्य, हाfundी, रावंपीद, वुती, करतो
19:50जाल aware
19:56इस का पतांश है एजक досंगरा बोर अवगไ pierwsze
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20:11कर अच्प्वजराओ
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20:44शूनील याद है मैंने क्या गाता तुम्हेम
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20:50विजे हमारी है
20:52एक यहा है
21:06मैंने में आपार शबहले सहा है
21:13बास्टें धर्दयें स्लेवाट आपार जाम के वाँ
21:18जोग नी जोग नी योग प्रे अघ्ल
21:34इसना वरें
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22:15उसे इस तरफ लाओ
22:21कौन हो
22:26नहीं बताएंगे
22:27बोल, कौन है तू
22:29कहाना नहीं बताएंगे
22:30जाकर उस चक्र में बैठो
22:42जाओ
22:42क्यों आई हो तू
22:53मृत्यू के चाहत में
22:55किसकी
22:55मैं जाओ
23:01आज है दुर्गाष्ट में
23:04ये बदला लेने का दिन है हमारा
23:06हम इसे नहीं छोड़ेंगे
23:08उसे मारने के बाद
23:11क्या तुम इस शरील को छोड़ दोगी
23:14चले जाओगी
23:18उसके उपर तेल डालो
23:24ये लो खुद के हाथ उसे
23:42उसे जाओगा राद सरा लो
23:43हाहाहाहा
23:45ा dawn
23:48heureר
23:50हम है
23:52स्टे
23:56कर दए
23:59मन
24:02और हम
24:07को
24:09हा
24:10कल शज़!
24:40हैं वाहहएँ वाहहँ रहुाहँ ।
24:52यह जोजर में przy कोई लो फग कि नद्याद को अ-खोग मुदा राषतरों
25:08शलो Dewarária 오랜만 मुआ के अ-फ़ और शर्णीे दने।
25:11उन्हें अ-टोरी नाम क्वे� cruel है
25:16अटटब आखिया तो है तो तो
25:18वान्टब आखिया आखिया और यह वान्ठाग का दा का
25:21सुनील ना मैं कौन हूं अर्विन वो कौन है अरे मां अर्विन तुमने हमारे परिवार को मिला दिया वैसे तो यह कहता नहीं कहता है तो पूरा करता है
25:41देखो सुनील मैंने कहा था ना मैंने तुम्हारी पत्नी को पूरी तरह से ठीक कर दिया अब चाओ तो अपने बेडरूम को चंद्रमुकी के रूम में शिफ्ट कर लो कोई ट्रॉंदर नहीं अब दोनों अमेरिका जपैन कहीं भी जा सकते हैं ट्रीटमेंट के लिए नहीं तो
26:11यह सीटी किस लिए मेरी वाली के लिए हाँ दुर्गा वाँ बागवान मेरी वीवी तो बच गई कितने दिनों के बाद इस घर में बच्चे की आवाज नाई देगी