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Acharya Prashant On Pahalgam : Author and Vedanta philosopher Acharya Prashant ने पहलगाम आतंकी हमले पर बोलते हुए कहा कि वो घोषित करना चाहते है कि हिंदू-मुस्लिम एक दूसरे के साथ नहीं रह सकते। वो चाहते है कि वो तो चाहते ही हैं कश्मीर टूटे।

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Transcript
00:00और वो चाहते हैं कि ये राष्ट भीतर से तूटे और अगर हम अंधी और कुरुद्ध प्रतिक्रिया करेंगे तो जो शत्रु हैं, हमलावर हैं, हम उनके ही मनसूबों को सफल होने दे रहे हैं।
00:14वो तो चाहते ही यही हैं, वो चाहते हैं कि भारत में ही जो भारती लोग हैं वो एक दूसरे से लड़ मरें, एक दूसरे के हिलाफ नफरत से भर जाएं।
00:44पर हमला हैं। भारत राष्ट्र को हम उतने सम्मान देना चाहिए, जितना किसी दिवालय को दिया जाता है।
00:52और इस दिवालय का जो ग्रंत भी है, भारत राष्ट्र का, वो सम्विधान हैं जिसमें धर्म और दर्शन के सबसे उचे मूल्य समाहित हैं।
01:00भारत राश्ट्र पर हमला हुआ है और वो चाहते हैं कि ये राश्ट्र भीतर से तूटे और अगर हम अंधी और प्रुद्ध प्रतिक्रिया करेंगे तो जो शत्रु हैं हमलावर हैं हम उनके ही मनसूबों को सफल होने दे रहे हैं
01:16वो तो चाहते ही हैं मुझान के भारत में ही जो भारतिये लोग हैं वो एक दूसरे से लड़ मरें एक दूसरे घहलाफ नफरत से भर जाएं पिछले पचास साल से ये जो हमले करे जा रहे हैं उनका कहीं ने कहीं उद्देश की है जो टू नेशन ठीऊरी है
01:46धाराएं हैं और ये हैं तो जिन्ना की बात को ही फिर हम सच बना देंगे वो चाहते ही हैं हमें लड़वाना आपस में लड़कर के हमें उनके इरादों को कामयाब नहीं होने देना है दूसरी बात जो आम कश्मीरी है अगर विभारिक दृष्टी से देखें तो उसको बहुत
02:16होटलों के लिए लोन ले रखे हैं है अरे टन से नहीं सब चीजों को संबंध होता है अब लोन गद्रेश जोगाएं गे कश्मीर की अरसिवस्था कि तो सीधे रीड पर प्रहार किया गया है तो यह वक्त कश्मीर को साथ लेकर करने का है वो चाहते हैं कि कश्मीर टूटे �
02:46नहीं, नहीं, हमें पूरे भारत राश्टर का ख्याल रखना है, हमें वही नहीं कर देना है जैसी प्रतिक्रिया वो हमसे करवाना चाहते हैं
02:58और कोई भी प्रतिक्रिया जो बिना सूचे समझे करी जाती है वस्तैश में आवेग में या घ्रणा में करी जाती है वो कभी विशुभ नहीं होती है
03:07तो एक राश्ट्र की तरह जो हमारे पुराने सनातन उच्चतम आदर्श हैं उनको साथ ले करके
03:19कुरक्षेत्र में जैसे श्री कृष्ण को सार्थी बना करके फिर हमें संघर्ष करना है संघर्ष हमें जरूर करना है पर अंदर ही अंदर अगर हमें फूट पड़ गई तो हम भारवाले से क्या संघर्ष करेंगे
03:34अगर हमें अंदर ही फूट पड़ गई तो हम भारवाले से कैसे जागर के लड़ पाएंगे
03:39और भारवाला चाहता है यही है कि भीतर फूट पड़ जाए
03:42तो वो हमें नहीं होने देना है

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