New Delhi, May 06, 2025(ANI): Congress MP Jairam Ramesh said, " On 16th April 2023, Congress chief Kharge had written to PM demanding caste census...yesterday Kharge wrote to PM again. PM suddenly announced caste census desperately at a time when the whole country is grieving the Pahalgam attack...Congress chief has given 3 suggestions. First and most important, the questionnaire for the caste census must be drafted properly...second suggestion is the removal of 50% cap on reservations...we hope PM Modi will call an all-party meeting on caste census..."
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00:00देखे, 16 April 2023 को खर्ये जी ने, कॉंग्रेस हधियक जी ने प्रधान मंत्री को लिखा था, कि जाती गन्ना होना जरूरी है, और कई कारण भी दिये थे, और उन्होंने मांग की थी, जल्द से जल्द, जो 21 की जन्ना आपको करवाना था, उसमें विलम हुआ है, देरी हुई है, �
00:30कि अचानक आप भुकलाए हुए, घबराए हुए, आपने अचानक घोशना कर दी कि जाती जन्ना होने वाली है, शोक बना रहा है, सारा देश पीटित है, पहलगाम, आतंकवाद, हमले जूओं हैं, चिंतित हैं, एक माहौल अलग सा है, पर उस बीच आपने desperately एक घबराए ह
01:00कि नेताओं को अर्बन अकसल बताया, आपने कहा हम विवाजन कारी हैं, हम विवाजन करना चाहते हैं, क्योंकि हम जाती जन्गरना की मांग कर रहे हैं, एक हो तो सेफ हो, यही तो नारे चले थे थे ला, पर अचानत प्रदान मंत्री ने अपना मन बदल दिया, ठीक है, क्य
01:30और से जो प्रशनावली तयार की गई है, जो क्विस्चने हैं, जो अनुसूची है, इसमें 34 सवाल दे गए हैं, इस 34 सवालों में से 13 सवाल जाती से जड़ा हुआ है, और यह क्या कहता है, क्या आप S.C. हैं, या S.T. हैं, या अधर हैं, ये सवाल है, ये तो जाती जन्गर
02:00अन्य केडिगरी में शामिल होते हैं, तो घरिया जी ने पहले मांगी है, जब प्रशनावली आप तयार करते हैं, जो अनुसूची तयार किया जाता है, उसको ध्यान से तयार कीजिए, सोच समझ कर तयार कीजिए, सिर्फ गंती को आप मज़े नजर रखते हुए मत तयार की
02:30चपन सवाल पूछे गए, चपन, चपन इंच की चाती नहीं, चपन सवाल पूछे गए, और वो सिर्फ गिंती के लिए नहीं, पर सामाजिक और आर्थिक स्थिती जो है, ताकि समवैदानिक हग सब लोगों को मिले, तो यह पहला सवाल, पहला सुचाओ, घरिये जी ने दि
03:00उसको हटाना चाहिए, समवैदानिक तरीके से संशोधन लाना चाहिए, समवैदान में संशोधन लाना चाहिए, ताकि यह 50% की सीमा नहीं हो, और तीसरा सुजाव यह दिया है, कि 2006 में जो अनुछेद 15.5 शामिल किया गया था हमारे समवैदान में, जिसके तहत अनुसूच
03:30चर्चा हुआ, और सुप्रीम कोट ने तीस जनवरी 2014 को अपने निड़े सुनाया कि अनुछेद 15.5 समवैदानिक है, उस तब मौडल कोड अफ कॉंटक्ट लागू हुआ, तो मनमोहुद सिंग जी की सरकार उसको आगे नहीं ले चल पाई, तो मोदी जी की सरकार आई, 11 साल