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  • 2 days ago
CJI BR Gavai: जस्टिस बीआर गवई (Justice BR Gavai) अब देश के 52वें सीजेआई (52th CJI) बन गए हैं...यानी कि देश के सर्वोच्च न्यायाल (Supreme Court) को 52वां चीफ जस्टिस बीआर गवई बन गए हैं...सीजेआई बीआर गवई (BR Gavai) को उनके पद की शपथ महामहिम द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने दिलवाई...सीजेआई बीआर गवई (CJI BR Gavai) ने पूर्व सीजेआई संजीव खन्ना (Ex CJI Sanjiv Khanna) का स्थान ग्रहण किया है...सीजेआई के रूप में बीआर गवई का कार्यकाल 6 महीने से थोड़े ज्यादा समय का होगा...सीजेआई बीआर गवई 23 नवंबर 2025 को अपने पद से रिटायर होंगे. सीजेआई बीआर गवई बौद्ध धर्म में आस्था रखने वाले और अनुसूचित जाति (scheduled caste) से आए दूसरे सीजेआई (CJI) बने हैं... इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बालाकृष्णन (Justice Balakrishnan) को 2007 में सुप्रीम कोर्ट के पहले दलित चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था. वीडियो में जानें जस्टिस बीआर गवई का संघर्ष भरा सफर विस्तार से. झुग्गी से कैसे पहुंचे CJI के पद तक.

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Transcript
00:00जुग्गी से CGI तक का सफर
00:03संघर्ष की कहानी जो दिल जीत ले
00:08कहानी जस्टर्स बी आर कवई की
00:12फ्रेजर्पुरा अमरवती की तंग गल्यों में एक जुग्गी बस दी थी
00:25जहां हर दिन जीवन संघर्ष था हर रात एक नई उमीद
00:31उसी जुग्गी के एक छोटे से घर में भूशन नाम का एक लड़का अपनी मा कमलाताई के साथ रहता
00:37पिता राम कृष्ण सूर्यभान गवई समाज सेवा और राजनीती में व्यस्त थे और अकसर घर से बाहर रहते
00:46ऐसे में मा ही उसकी दुनिया थी एक मा जो खुद पढ़ी लिखी नहीं थी लेकिन बेटे के सपनों को शब्दों से ज्यादा विश्वास दे दी थी
00:56भूष्ण की पढ़ाई नगरपालिका के मराठी माथम स्कूल से हुई
01:00स्कूल में ना बैंच थी ना कुर्सी बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ते लेकिन भूष्ण की आँखों में चमक थी कुछ बड़ा बनने की
01:09कुछ बदलने की जुग्गी की तंग गलियों से निकल कर उसके सपने अकसर समविधान भवन की सीड़ों तक पहुँच जाया करते
01:17हर दिन वो मा की रसोई में मदद करता फिर स्कूल जाता और लोट कर छोटे भाईयों का खयाल रखता
01:25मा जब ठकी होती तो भूशन उनका सिर सहलाता और कहता आई एक दिन हम बड़ा घर लेंगे तू ठकेगी नहीं कमलताई मुस्कुरा देती लेकिन उनकी आँखों में नमी और गर्व साफ छलकता
01:39समय के साथ भूशन ने अमरवती नाकपूर और मुंबई से कानून की पढ़ाई की मुश्किलें कम नहीं थी आर्थिक तंगी सामाजिक भेदभाव और खुद से जूजता आत्म विश्वास
01:53लेकिन हर बार जब हिम्मट डगमगाई तो डॉक्टर आमबेटकर की तस्वीर देखकर खुद को याद दिलाता शिक्षा ही सबसे बड़ा शस्त्र है
02:03धीरे धीरे उसकी महनत रंग लाई वो बॉंबई हाई कूट का जज़ बन गया फिर सुप्रीम कूट में नयायधीश और अंत था यानि कि आखिरकार दोहजार पच्चिस का वो दिन आ गया जब भारत के बावनवे चीफ जस्टिस के रूप में बियार गवई ने शपत ली
02:33संकीरन गलियों की गूंच और हर बच्चे की उम्मीद जो खुद गरीब है लेकिन चाहता है सब कुछ बदर दूँ
02:41मैं बुषण रामकृष्ण गवई जो भारत के उच्चतम न्यायले का मुख्य न्यायमूर्थी नियुक्त हुआ हूँ
02:54सच्च निष्टा से प्रतिज्ञा करता हूँ
02:59कि मैं विधी द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति
03:03सच्ची श्रधा और निष्टा रखूँगा
03:13मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अखुन रखूँगा
03:20तथा मैं सम्यक प्रकार से और स्रधा प्रुवक्त तथा आपनी पूरी यग्यता ज्यान और विव्यक्त से
03:28अपने पोद के कर्तव्यों का भोई या पक्षपाद अनुराग या देश के बिना पालन करूँगा
03:49तथा मैं समविधान और विद्यों की मर्यादा बनाए रखूँगा
03:54तथा मैं समविधान और विद्यों की मर्यादा बनाए रखूँगा
03:57बियर गवी ने अपने पहले भाशन में कहा ये मेरे नहीं आमेट का साहब के प्रयासों की चीत है
04:05जुगी से यहां तक का सफर बताता है कि संविधान हमें बराबरी का हग देता है और फिर उन्होंने वही शब्द दोहराए जो बच्पन से उनके दिल में उंचते रहे जैबी
04:16आज जब देश उन्हें चीफ चस्टस के रूप में देख रहा है तो फ्रिजर पुर्या की जुगी के हर पूनी में एक नई उम्मीद जन मले रही है
04:25सपने वर्ग जाती या गरीबी देख कर नहीं बस मेहनत और होसले को पूरा होता देख

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