पूरा वीडिओ: हैदराबाद से हसदेव तक: जलवायु परिवर्तन की अंतिम चेतावनी || आचार्य प्रशांत, बातचीत (2025)
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00:00अगर मैं पूछो कि एक चिंता जो सरवादिक सताती है या जिससे आप लगातार जूशते हैं
00:06जो मासूम है जिसने कुछ करा नहीं है न उसके उपर या बन्याय देखता हूँ
00:13कुछ उठता है भीतर पक्षी हैं जानवर हैं इनको पता भी नहीं है कि हमने इनको सदा के लिए मिटाने का पूरा प्रबंध कर डाला
00:23पता भी नहीं है और वो बिल्कुल मासूम में उन्होंने कुछ नहीं कराया है एकदम निर्दोश है और हमने उनको बिल्कुल एथी विवस्था कर दिया है कि अब वो कभी वापस नहीं आएंगे
00:34पर मनुष्यों में आते हैं तो इसी तरीके से जो सधानना अदमी है इला लगा रहा है गाओं में हैं मजदूर है पड़क पर काम करने वाला उनको जानते भी नहीं है और उनको नहीं पता कि उनको सधाय मौत एक अद्रिश आवाज ने बशित कर दिये वो तो अपनी रोजमर
01:04जिस बच्चे को तू गोद में उठागे जा रहा है तो मिसे पता है कि तेरा क्या होना इस बच्चे का क्या होना है तो यह भी पता है कि तू गनहगार नहीं है