• 8 years ago
On the tenth day the king went to sit on the Singhsan, but like last time tenth statue Prabhavati said to king. Rajan Wait , are you beginning to understand themselves as Vikramaditya ?first you made yourself merciful and mighty, then only you can sit on the Singhasan. Listen, i will tell you the story of king Vikramaditya.

दसवें दिन फिर राजा भोज उस दिव्य सिंहासन पर बैठने के लिए उद्यत हुए लेकिन पिछले दिनों की तरह इस बार दसवीं पुतली प्रभावती जाग्रत हो गई और बोली, रुको राजन, क्या तुम स्वयं को विक्रमादित्य के समान समझने लगे हो? पहले उनक‍ी तरह पराक्रमी और दयालु होकर बताओ तब ही इस सिंहासन पर बैठने के अधिकारी होंगे। सुनो, मैं तुम्हें परम प्रतापी राजा विक्रमादित्य की कथा सुनाती हूं-

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