वास्तु दोष से बचने के उपाय | Desi Totke - देसी टोटके
वास्तुदोष से बचने के लिए ध्यान रखें कि दरवाजे व खिड़कियों की संख्या विषम न होने पाएं। इनकी संख्या सम यानी 2, 4, 6, 8 आदि रखें।
घर में आंगन मध्य में ऊंचा तथा चारों ओर से नीचा होना चाहिए। यदि आपका आंगन वास्तु के अनुरूप न हो, तो उसे फौरन बताए गए तरीके से पूर्ण करवा लें। ध्यान रखें आंगन मध्य में नीचा व चारों ओर ऊंचा भूलकर भी न रखें।
अगर आप स्थानाभाव की वजह से रसोईघर को स्टोर अथवा भंडारण कक्ष के रूप में इस्तेमाल की योजना बना रहे हैं, तो ध्यान रखें ईशान व आग्नेय कोण के मध्य पूर्वी दीवार के पास के स्थान का उपयोग करें। चूल्हा या गैस आग्नेय कोण में ही रखें।
कोई भूखंड उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर विस्तृत हो तथा भवन का निर्माण उत्तरी भाग में हुआ हो तथा भूखंड का दक्षिणी भाग खाली पड़ा हो तो वास्तु में यह स्थिति अत्यंत दोषपूर्ण होती है
वास्तुदोष से बचने के लिए ध्यान रखें कि दरवाजे व खिड़कियों की संख्या विषम न होने पाएं। इनकी संख्या सम यानी 2, 4, 6, 8 आदि रखें।
घर में आंगन मध्य में ऊंचा तथा चारों ओर से नीचा होना चाहिए। यदि आपका आंगन वास्तु के अनुरूप न हो, तो उसे फौरन बताए गए तरीके से पूर्ण करवा लें। ध्यान रखें आंगन मध्य में नीचा व चारों ओर ऊंचा भूलकर भी न रखें।
अगर आप स्थानाभाव की वजह से रसोईघर को स्टोर अथवा भंडारण कक्ष के रूप में इस्तेमाल की योजना बना रहे हैं, तो ध्यान रखें ईशान व आग्नेय कोण के मध्य पूर्वी दीवार के पास के स्थान का उपयोग करें। चूल्हा या गैस आग्नेय कोण में ही रखें।
कोई भूखंड उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर विस्तृत हो तथा भवन का निर्माण उत्तरी भाग में हुआ हो तथा भूखंड का दक्षिणी भाग खाली पड़ा हो तो वास्तु में यह स्थिति अत्यंत दोषपूर्ण होती है
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