Intro: 23383116 आपने कभी देखा है लेकिन गुरु शिष्य परंपरा की एक मिसाल पेश की श्मशान में भी गूंजे संगीत के सुर, गुरु को शिष्यों ने दी संगीतमय श्रद्धांजलि देश विदेश में पंडित जी के शिष्यसीहोर । संगीत शिक्षक वासुदेव मिश्रा का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। मिश्रा का अंतिम संस्कार छावनी स्थित विश्राम घाट में हुआ। खासबात यह है कि मिश्रा की अंतिम विदाई बेला में उनके सैकड़ों शिष्यों ने अंतिम संस्कार में इकटठा हो कर, सुर और संगीतमय विदाई स्व मिश्रा संगीत की विधा में एक जाना पहचाना नाम थे और उनके निर्देशन में एक संगीत महाविद्यालय भी संचालित हो रहा है। इस महाविद्यालय में संगीत की शिक्षा लेने वाले उनके सैकड़ों शिष्य देश और विदेशों में नौकरियों में तो कोई निजी तौर पर इस क्षेत्र में अपनी सेवा दे रहे हैं।
सुर और संगीत लहरियों में अंतिम संस्कार
प्रसिद्ध संगीत शिक्षक वासुदेव मिश्रा सीहोर की अवधपुरीBody:कालोनी में निवासरत थे। यहीं से उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई। इसमें उनके सैकड़ों संगीत शिष्यों ने अपने गुरु को अंतिम विदाई भी संगीत के साथ दी। जिस वाहन में उनकी अंतिम यात्रा निकाली जा रही थी। उसमें अपने हाथों में विभिन्न वाद्ययंत्र थामे उनके शिष्य सुरमय प्रस्तुतियां दे रहे थे। साथ ही इंद्रानगर स्थित श्मशान घाट पर शिष्यों ने अपने गुरु के सम्मान में अनूठी अंतिम विदाई दी। यहां पर एक मंच सजाया गया जहां पर विभिन्न वाद्ययंत्रों के साथ भाव पूर्ण विदाई दे रहे थे। इस दृष्य को जिसने भी देखा भाव विभोर हो गएConclusion:
सुर और संगीत लहरियों में अंतिम संस्कार
प्रसिद्ध संगीत शिक्षक वासुदेव मिश्रा सीहोर की अवधपुरीBody:कालोनी में निवासरत थे। यहीं से उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई। इसमें उनके सैकड़ों संगीत शिष्यों ने अपने गुरु को अंतिम विदाई भी संगीत के साथ दी। जिस वाहन में उनकी अंतिम यात्रा निकाली जा रही थी। उसमें अपने हाथों में विभिन्न वाद्ययंत्र थामे उनके शिष्य सुरमय प्रस्तुतियां दे रहे थे। साथ ही इंद्रानगर स्थित श्मशान घाट पर शिष्यों ने अपने गुरु के सम्मान में अनूठी अंतिम विदाई दी। यहां पर एक मंच सजाया गया जहां पर विभिन्न वाद्ययंत्रों के साथ भाव पूर्ण विदाई दे रहे थे। इस दृष्य को जिसने भी देखा भाव विभोर हो गएConclusion:
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