अधिकतर लोग खर्राटे को एक साधारण प्रक्रिया समझकर टालते हैं, पर खर्राटे स्लिपिंग डिसऑर्डर का हिस्सा भी हो सकता है। इसलिए खर्राटों से बचने के उपाय करने चाहिए
सोते समय गले को पीछे का हिस्सा थोड़ा संकरा हो जाता है। ऐसे में ऑक्सीजन जब संकरी जगह से अंदर जाती है तो आस-पास के टिशु वायब्रेट होते हैं। और इस वायब्रेशन से होने वाली आवाज को ही खर्राटे कहते हैं। रात को सोते समय रोगी इतनी तेज आवाज निकालता है कि उसके पास सोना बिल्कुल मुश्किल हो जाता है
सोते समय गले को पीछे का हिस्सा थोड़ा संकरा हो जाता है। ऐसे में ऑक्सीजन जब संकरी जगह से अंदर जाती है तो आस-पास के टिशु वायब्रेट होते हैं। और इस वायब्रेशन से होने वाली आवाज को ही खर्राटे कहते हैं। रात को सोते समय रोगी इतनी तेज आवाज निकालता है कि उसके पास सोना बिल्कुल मुश्किल हो जाता है
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