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Pradosh means the dusk of the early night or evening tide. This fast is observed in the evening twilight, and so it is called Pradosh Vrat. It is observed on the 13th day of each lunar fortnight. It is practiced to propitiate Lord Shiva, in order to obtain his blessings and boons leading to fulfillment of one's cherished desired and spiritual upliftment.Those who practice it with unflinching faith and devotion are bound to possess wealth, health, happiness.

अधिकमास सोम प्रदोष व्रत 11 जून और 25 जून 2018 को है। प्रदोष का व्रत करने वाला मनुष्य सदा सुखी रहता है। उसके सम्पूर्ण पापों का नाश इस व्रत से हो जाता है। इस व्रत को करने से सुहागन नारियों का सुहाग सदा अटल रहता है, बंदी कारागार से छूट जाता है। जो स्त्री पुरुष जिस कामना को लेकर इस व्रत को करते हैं, उनकी सभी कामनाएं कैलाशपति शंकर जी पूरी करते हैं। सूत जी कहते हैं- त्रयोदशी व्रत करने वाले को सौ गऊ दान का फल प्राप्त होता है।

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