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Pitra Paksha, is a period of fifteen days which is designated to offer respect to the dead and departed ancestors of the family. These 15 days are called as Pitra Paksha, or most popularly known as (श्राद्ध) Shradh. Check out about Pitru Paksha and more about the shradh on different dates. Watch the video to know more.


पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो श्रद्धापूर्वक जो किया जाता है, उसे श्राद्ध कहते हैं। श्रद्धा शब्द में ‘श्रत्' अर्थात् सत्य और ‘धा' यानी धारण करना शामिल है। श्राद्ध का सरलतम अर्थ सत्य को धारण करना है, और जीवन का सबसे बड़ा सत्य ‘यथा पिंडे तथा ब्रह्मांडे' है। तैतरीय उपनिषद् के अनुसार मिट्टी से निर्मित इस शरीर के विविध तत्वों का मृत्यु उपरांत ब्रह्मांड में विलय हो जाता है, पर मोह के धागे नहीं छूटते हैं। मरणोपरान्त भी आत्मा में मोह, माया का अतिरेक होता है और यह प्रेम ही उन्हें पितृ पक्ष में धरती पर वंशजों के पास खींचता है।,इस साल श्राद्ध 25 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। श्राद्द करने के अपने नियम होते हैं। जिस तिथि में परिजन की मृत्य़ु होती है उसी तिथि में उनका श्राद्ध किया जाता है। पूर्णिमा से अमावस्या तक 15 दिन श्राद्ध किया जाता है। आइये आज आचार्य अजय द्विवेदी से जानते हैं की इस पितृ पक्ष में कब कब कौन श्राद्ध पड़ रहा है|

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