jain community people made big hospital to take care of injured birds
हापुड़। 'जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों', ये कहावत यूपी के हापुड़ में रहने वाले जैन समाज के लोगों ने सच साबित कर दी है। 6 युवकों ने एक कमेटी का गठन करके समाज के लोगों से चंदा इकट्ठा कर पक्षियों का प्राइवेट अस्पताल चला रखा है, जिसमें समाज के लोग पक्षियों की सेवा करने के लिए प्रति माह 40 हजार रुपये खर्च कर रहे हैं। सिटी कोतवाली क्षेत्र के कसेरठ बाजार में स्थित, जैन धर्मशाला को पक्षियों के लिए जीवनदायिनी बना दिया गया है और अस्पताल में रोज 25 से 30 घायल पक्षी इलाज के लिए अस्पताल में आते हैं। और अस्पताल में पक्षियों को काफी सेफ्टी से रखा जाता है। इस बढ़ती गर्मी में पक्षियों के लिए कूलर और पंखों की व्यवस्था की गई है ताकि पक्षी इस गर्मी में इलाज के बाद आराम से रह सकें। पक्षियों के लिए उठाए इस सहारनीय कदम के लिए लोग तारीफें कर रहे हैं।
हापुड़। 'जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों', ये कहावत यूपी के हापुड़ में रहने वाले जैन समाज के लोगों ने सच साबित कर दी है। 6 युवकों ने एक कमेटी का गठन करके समाज के लोगों से चंदा इकट्ठा कर पक्षियों का प्राइवेट अस्पताल चला रखा है, जिसमें समाज के लोग पक्षियों की सेवा करने के लिए प्रति माह 40 हजार रुपये खर्च कर रहे हैं। सिटी कोतवाली क्षेत्र के कसेरठ बाजार में स्थित, जैन धर्मशाला को पक्षियों के लिए जीवनदायिनी बना दिया गया है और अस्पताल में रोज 25 से 30 घायल पक्षी इलाज के लिए अस्पताल में आते हैं। और अस्पताल में पक्षियों को काफी सेफ्टी से रखा जाता है। इस बढ़ती गर्मी में पक्षियों के लिए कूलर और पंखों की व्यवस्था की गई है ताकि पक्षी इस गर्मी में इलाज के बाद आराम से रह सकें। पक्षियों के लिए उठाए इस सहारनीय कदम के लिए लोग तारीफें कर रहे हैं।
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