दोस्तों आज मैं आपके सामने एक बहुत ही रोचक कहानी लेकर आए हैं. यह लोक कथा बहुत ही प्रचलित है परंतु इसका प्रमाण किसी भी ग्रंथ में नहीं मिलता है. तो चलिए दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल ( द्रौपदी के श्राप के कारण, कुत्ते करते है “खुले में सहवास” ) में बताएंगे की क्यों द्रौपदी ने कुत्ते को ऐसा श्राप दिया. यह कहानी महाभारत काल की बताई जाती हे, दोस्तों आप ने हमारे द्रौपदी की सुहागरात के आर्टिकल में पढ़ा होगा, कि जब अर्जुन विवाह करके द्रोपति को घर लाए थे तो माता कुंती ने अपने किसी काम में व्यस्त होने की वजह से बिना देखे अनजाने में सभी भाइयों को यह आदेश दे दिया था कि सभी भाई मिलकर बराबर-बराबर उसका उपयोग करो. माता कुंती की बात का मान रखने के लिए सभी भाइयों ने द्रौपदी से विवाह किया था. दोस्तों पांडवों में यहां भी निर्धारित हुआ था कि द्रोपति प्रत्येक वर्ष एक ही पांडव के साथ अपना समय व्यतीत करेगी और जब द्रौपदी किसी पांडव के साथ कक्ष में समय व्यतीत कर रही हो तो उनके कक्ष में किसी दूसरे का आना वर्जित था
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