Sorathi aur birjabhar ki katha ||गुरु को सुमिरन करना (13 वां भाग-संपूर्ण कथा, part 1)
Indian tradition
दोस्तों जब बिरजाभार गंगा स्नान कर गुरु को सुमिरन किया और सारा सामान लेकर अपना जोगीवाला भेष बनाकर मोहनी बंसी बजाते हुए ठुमक ठुमक कर नाचते हुए मामा के पास जाने लगा जो जो बिरजाभार का बांसुरी की आवाज सुनता मोहित हो जाता जब मामा के पास पहुंचा तो मामा योगी का रूप और बांसुरी की आवाज सुनकर मोहित हो गया |
दोस्तों जब बिरजाभार गंगा स्नान कर गुरु को सुमिरन किया और सारा सामान लेकर अपना जोगीवाला भेष बनाकर मोहनी बंसी बजाते हुए ठुमक ठुमक कर नाचते हुए मामा के पास जाने लगा जो जो बिरजाभार का बांसुरी की आवाज सुनता मोहित हो जाता जब मामा के पास पहुंचा तो मामा योगी का रूप और बांसुरी की आवाज सुनकर मोहित हो गया |
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