Sorathi aur birjabhar ki katha ||माता से भिक्षा लेना (14 वा भाग संपूर्ण कथा part 2)
Indian tradition
जब बिरजाभार मामी से मिलने गया तो मामी बहुत बात समझाई की सोरठ पुर मत जाओ लेकिन बिरजाभार नहीं माना |तब मामी ने बिरजाभार को एक फल दिया और बोली इसे रख लो इसे खाने से भूख और प्यास नहीं लगती हैं|तब ब्रिजाभा र मामी को प्रणाम किया और चल दिया
जब बिरजाभार मामी से मिलने गया तो मामी बहुत बात समझाई की सोरठ पुर मत जाओ लेकिन बिरजाभार नहीं माना |तब मामी ने बिरजाभार को एक फल दिया और बोली इसे रख लो इसे खाने से भूख और प्यास नहीं लगती हैं|तब ब्रिजाभा र मामी को प्रणाम किया और चल दिया
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