तेरी मोहब्बत बाक़ी तो होगी ना थोड़ी ?
क्या तुम भी मुझसे नफ़रत वाला प्यार करते हो
अरे जुल्म,मेरी रूह पर ढाया ना करो ,
मेरे ख्वाबों में खुद को बुलाया ना करो
हम बिखर कर पत्ता पत्ता हो गए ,
मेरी मोहब्बत को सपनो में न जलाया करो
सजाने फिर क्यों आते हो ,मेरी रूह का जनाज़ा
एक चिंगारी काफ़ी है ,मुझे जलाने को
मेरा जनाज़े का, यूँ मखोल ना बनाया करो
खुद को मुझसे मिलकर , मिलाया मत करो
मुझे इस कदर ठुकराया मत करो
क्या तुम भी मुझसे नफ़रत वाला प्यार करते हो
अरे जुल्म,मेरी रूह पर ढाया ना करो ,
मेरे ख्वाबों में खुद को बुलाया ना करो
हम बिखर कर पत्ता पत्ता हो गए ,
मेरी मोहब्बत को सपनो में न जलाया करो
सजाने फिर क्यों आते हो ,मेरी रूह का जनाज़ा
एक चिंगारी काफ़ी है ,मुझे जलाने को
मेरा जनाज़े का, यूँ मखोल ना बनाया करो
खुद को मुझसे मिलकर , मिलाया मत करो
मुझे इस कदर ठुकराया मत करो
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