देश के किसी भी कोने में जाना हों, सोलापुर से रेल मिल जाएगी। हाईवे का जाल बिछा हुआ है और मुम्बई एक्सप्रेस हाईवे ने तो रास्ता सरल कर दिया है। इंजिनीयरिंग कॉलेज की बहुतायत ने यहां की पढ़ाई की ललक को इतना बढ़ा दिया है कि एक लाख के करीब विद्यार्थियों की पढऩे और आगे बढऩे की सपनों की उड़ान उन्हें बैंगलोर, पुणे और हैदराबाद तक पढऩे और रोजगार के लिए ले जा रहे है। मां-बाप को अब कसक इस बात की है कि आइआइटी पार्क और रोजगार का प्रबंध भी यहीं हों तो संतान उनके साथ बुढ़ापे में रह सके। महाराष्ट्र में एक बात अचरज की है कि बुलंद इमारतें, अच्छे बस और रेलवे स्टेशन, विमान सुविधाओं के बावजूद भी जलसंकट से निजात नहीं मिल रही है।
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