प्रातःकाल उठकर व रात्रि को सोते समय इन दोनों छप्पय का भाव पूर्ण पाठ करने से सारी विघ्न बाधाए दूर होती हैं !!

  • 4 months ago
चौबीस रूप लीला रुचिर श्रीअग्रदास उर पद धरौ ।। जय जय मीन बराह कमठ नरहरि बलि बावन । परशुराम रघुवीर कृष्ण कीरति जगपावन ।। बुद्ध कल्कि अरु व्यास पृथु हरि हंस मन्वन्तर । यज्ञ रिषभ हयग्रीव ध्रुववरदैन धनवन्तर ।। बद्रीपति दत्त कपिलदेव सनकादिक करुणा करौ । चौबीस रूप लीला रुचिर श्रीअग्रदास उर पद धरौ ।। 5 11

एचकेएन #7055740000

चरण चिन्ह रघुबीर के संतन सदा सहायका॥ कवंवत अंबर कलश कमल जव ध्वजा घेनुपद। शंख चक्र स्वस्तिक जम्बुफल कलश सुधाहद॥ अर्धचंद्र शतकोन मीन बिंदु ऊर्ध्वरेखा। अष्टकोण त्रिकोण इन्द्र धनु पुरुष बिषेखा ॥ सीतापतिपाद नित बसत एते मंगलदायका। चरण चिन्ह रघुबीर के संतन सदा सहायका ||

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