VIDEO_1916a6d2-6882-40b4-ba84-b863c7afaहरिवल्लभ सब प्रार्थों जिन चरणरेणु आसा धरी ।। कमला गरुड़ सुनन्द, आदि षोडश प्रभु पद रति ।0c9
श्री भक्त्माल के इन दोनों छप्पो का प्रातःकाल उठकर व रात को सोने से पहले भावपूर्वक पाठ करने से अंत समय में दुनिया संसार की याद ना आकर श्री ठाकुर जी की स्मृति अवश्य ही अवश्य हो आएगी !!
हरिवल्लभ सब प्रार्थों जिन चरणरेणु आसा धरी ।। कमला गरुड़ सुनन्द, आदि षोडश प्रभु पद रति । हनुमन्त जामवन्त सुग्रीव, विभीषण शबरी खगपति ।। ध्रुव उद्धव अम्बरीष, विदुर अक्रूर सुदामा । चन्द्रहास चित्रकेतु ग्राह, गज पाण्डव नामा ।। कौषारव कुन्ती बधू पट ऐंचत लज्जा हरी। हरिवल्लभ सब प्रार्थों जिन चरणरेणु आसा धरी ।। 6 ।।
एचकेएन #7055740000
द्वादश महाभागवत इनकी कृपा और पुनि समझें द्वादश भक्त प्रधान।। विधि नारद शंकर सनकादिक कपिलदेव मनुभूप । नरहरिदास जनक भीषम बलि शुकमुनि धर्मस्वरूप ।। अन्तरंग अनुचर हरि जू के जो इनकौ यश गावैं । आदि अन्त लौं मंगल तिनके श्रोता वक्ता पावैं ।। अजामेल परसंग यह निर्णय परमधर्म के जान। इनकी कृपा और पुनि समझें द्वादश भक्त प्रधान ।। 7 ।
हरिवल्लभ सब प्रार्थों जिन चरणरेणु आसा धरी ।। कमला गरुड़ सुनन्द, आदि षोडश प्रभु पद रति । हनुमन्त जामवन्त सुग्रीव, विभीषण शबरी खगपति ।। ध्रुव उद्धव अम्बरीष, विदुर अक्रूर सुदामा । चन्द्रहास चित्रकेतु ग्राह, गज पाण्डव नामा ।। कौषारव कुन्ती बधू पट ऐंचत लज्जा हरी। हरिवल्लभ सब प्रार्थों जिन चरणरेणु आसा धरी ।। 6 ।।
एचकेएन #7055740000
द्वादश महाभागवत इनकी कृपा और पुनि समझें द्वादश भक्त प्रधान।। विधि नारद शंकर सनकादिक कपिलदेव मनुभूप । नरहरिदास जनक भीषम बलि शुकमुनि धर्मस्वरूप ।। अन्तरंग अनुचर हरि जू के जो इनकौ यश गावैं । आदि अन्त लौं मंगल तिनके श्रोता वक्ता पावैं ।। अजामेल परसंग यह निर्णय परमधर्म के जान। इनकी कृपा और पुनि समझें द्वादश भक्त प्रधान ।। 7 ।