कहते हैं कोटा की हवा में पढ़ाई है। यहां का माहौल है जो पढ़ने के लिए प्रेरित करता है और आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन देता है। इस बार कहानी है ऐसे पिता की जो परिवार पालने के लिए कोटा के रोड नं.1 पर रिलायबल इंस्टीट्यूट के सामने जूस की थड़ी लगाते हैं। कोचिंग टीचर्स को बेटी के बारे में बताया था तो उन्होंने बेटी को पढ़ाने की जिम्मेदारी ली। यहां इंस्टीट्यूट के शिक्षक शिवशक्ति ने फीस में रियायत की और उसे पढ़ने के लिए प्रेरित किया। बेटी ने मेहनत की, पहले चांस में 12वीं के साथ जेईई-मेंस क्रेक की और अब एडवांस्ड की तैयारी कर रही है। बेटी करीना ने जेईई मेन में एससी कैटेगरी रैंक 43367 प्राप्त की है। ओवरआल रैंक 586985 है और एनटीए स्कोर 61.0211990 है। दसवीं में 77 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे।
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00:00I am Karan Kumar. This is my brother Bharat Kumar. This is his daughter. I am his uncle.
00:08We came here in 2015. We have been working here for 2-3 years.
00:16After that the lockdown started. We faced a lot of problems.
00:20We faced so many problems that we were starving.
00:24Then we saw that there is a shop here.
00:28This is how we have been able to earn our living.
00:32We saw that kids from all over India are coming here to study.
00:36So we thought why not teach our niece as well.
00:42So we brought her here in 2013 and taught her.
00:48Now that she has studied, she wants to become an engineer.
00:58Kareena, what would you like to say about Kota?
01:02The coaching here is very good. The education is also very good.
01:06You have to work hard everywhere.
01:09The coaching here is very good.