एंजेल नंबर 111, 555 दिखने का क्या करना है Good Stages of Spiritual Awakening #sanjivmalik
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00:00आपको ध्यान के तरा-तरा के अनुबोव भी होते हैं, कभी प्रकाश दिखता है, कभी भीतर शांती चा जाती है, और आपको लगता है कि एंजल नंबर्स दिखाये देने लग जाते हैं, आपको लगता है कि कोई एंजल्स हैं आसफास में जो मेरी सहायता कर रहे हैं, यह बह�
00:30से संजीव मलिक दोस्तो लोगों को जब स्पिरिच्वल जर्नी में प्रवेश करते हैं तो यह समझ में नहीं आता कि मैं किस आवस्था में हूँ मेरे साथ अभी जो हो रहा है यह कौन सी आवस्था है और मुझे आगे कहां तक जाना है इस चीज़ को समझने का प्रयास हम कर
01:00कौन सी स्टेज में हैं यह आगे समझते हैं नम्बर वन स्पिरिच्वल अवेकनिंग की सबसे पहली स्टेज होती है भोतिकता से मोह भंग हो जाना यानि जो भी मैटिरिलिस्टिक चीजें हैं अब जो आपका मन उनके पीछे लगातार भागता रहता था अच्छी गारी चा
01:30जब आपको यह याद आने लगती है कि मरना तो है ही तो यह जानिये कि आपकी स्पिरिच्वल अवेकनिंग की शुरुवात हो चुकी है
01:45तो याद आना ही आपकी स्पिरिच्वल अवेकनिंग का पहला स्टेज है इसमें आपकी पसंद नापसंद बदलने लगती है जो पहले आपको पार्टियां, दोस्त, घूमना फिरना बहुत जादा पसंद था सबकुछ बदलने लगता है आपको अकेले रहना अच्छा लग
02:15क्या आपका भी हुआ है, दोस्तों कमेंट करके जरूर बताएगा क्या आपकी स्टेज पूरी हो चुकी है
02:21अगर हाँ तो अपने पीठ को थप थपाईए और अपने आपको सभाशी दीजिये कि आपने ये स्टेज पूरी कर लिया
02:28अवेकनिंग की दूसरी स्टेज में आप मेडिटेशन करना या अध्यातम की खोज करना शुरू कर देते हैं
02:35जानने का प्रयास करते हैं कि हम यहाँ पर क्यों आए हैं ये शरीर क्यों है और ये मन क्या है ये आत्मा क्या है मृत्यू के बाद क्या घटित होता है
02:44हमारे जीवन का लक्षी क्या है हम यहाँ पर क्यों आए हैं इस खोज में कुछ लोग तो धार्मिक रिती रिवाजों में फ़स जाते हैं
02:52कुछ लोग कुछ तरह की चेंटिंग शुरू कर देंगे कोई मंतर का अभ्यास शुरू कर देते हैं या किसी स्पिरिच्वल इंस्टिविशन से जुड़ जाते हैं या किसी गुरू की शरण में चले जाते हैं
03:01ये सब प्राक्टिस आपको दूसरी स्टेज की बात कर रहे हैं कि अब आपका ध्यान स्पिरिच्वल अवेकनिंग के अंदर गहरा जा चुका है अब आपकी जीवन की वो प्यास बन चुकी है अब आप इसके बिना रह नहीं सकते है अब आपको अपने जीवन का वो लक्ष
03:31बहुत अच्छा है बहुत उत्तम है और अब जरूरत है एक सही रास्ते पर चलने की क्योंकि हमारे रिशियों ने भी इसी तरह से परमात्मा से प्रार्टना की है
03:41क्योंकि ये खोज ही आपको सत्य की ओर लेकर चलती है आपको ये असास करवाना की मैं कौन हूँ मैं एक शरीर मातर नहीं हूँ मैं आत्मा के लेवल पर स्थित हो जाओँ ये आपका अगला स्टेज है
04:04जब आप स्पिरिच्वल प्राक्टिस शुरू करते हैं तो आपको अपनी आपका बोध होता है धीरे धीरे शरीर का बोध कम होने लगता है
04:14अब आप जो शरीर के साथ पहले जुड़े रहा करते थे अब शरीर से आपका ध्यान हटकर अपनी सोल कॉंशिसनस में आजाता है आत्म जागरती में आजाता है आप अपनी आत्मा के परती जागने लगते हैं
04:25जब आप अपनी मेडिटेशन के प्राक्टिस लगातार कुछ समय तक करते चले जाते हैं अपनी चक्र सादना करते हैं या स्वासों पर ध्यान देते हैं या किसी गुरुदेव की गाइडेंस में कुछ ऐसा करते हैं जिससे धीरे धीरे आपके अविकनिंग होने लगती है �
04:55अगर ऐसा हो जाये कभी कभी प्रेम के आशों आने लगते हैं कभी कभी किसी बात पर हिर्दय उद्वेलित हो उठता है मतलब एकदम आनन्द से भर्पूर उठता है कभी कभी जलक मिलती है अगर ऐसी जलक आपको भी मिली है तो डेफिनेडली आपने ये स्टेज भी क्रॉ
05:25अपरत्यक्ष अनुभव होता है और कभी कभी आपरत्यक्ष अनुभव लगता है और आपको लगता है कि एंजल नंबर्स दिखाई देने लग जाते हैं आपको लगता है कि कोई एंजल हैं आसपास में जो मेरी साहेता कर रहे हैं ये बहुत उत्तम अवस्ता है इसके बाद
05:55आपकी आत्मा के गुण प्रगट होने लगते हैं अपार्शान्ती चाजाती हैं आप मेरी साहे इसी आनन्द में रहने लगते हैं एक भीतर थैराव आजाता है एक अपूर्व शान्ती का एसास हमेशा ही बना रहता है मन हमेशा आनन्द में जुमने लगता है आप दुनिया
06:25बना के रखने का पूरा प्रियास करना चाहिए ये है आत्म ग्यान की एवस्ता सेल्फ रेलाइजेशन की एवस्ता आत्मा का ग्यान होना हमारी सबसे बड़ा परपजाईस धर्ती पर आने का तो ये बहुत सुन्दर है बहुत बड़ी बात है अपने आपका बोध होगया �
06:55अपने नेगटिव चीजों को अवाइड करके वो पॉजिटिव में आ जाता है तो समझ लिए जिये कि आपने ये वाली आत्म ग्यान की एवस्ता को भी अचीव कर लिया है या आप इसे कर रहे हैं
07:05तो आप मेंसे कितने लोग आत्म ग्यान की एवस्ता तक पहुंचे हैं जड़ा कमेंट करके जरूर बताइगा इसके बाद जो उत्तम अवस्ता है वो है स्विक्रती एक्सेप्टेंस आध्यात्मिक जागरती का ये वो पढ़ाओ है इसमें आप अपने डर एहंकार और आसु
07:35कंट्रोल करना बंद कर देते हैं और धिरे धिरे आपके दिरे एक आपार संतोष का अनुबह होने लगता है
07:41जो है उसी में आननद की अनुबूती होने लगती है ये है एक्सेप्टेंस अब कुछ भी गलत नहीं लगता
07:48धिरे धिरे डर समाप्त हो गया एहंकार समाप्त हो गया इंसेक्योरिटी समाप्त हो गयी मन शान्त रहने लगा और ये लगबग परमनेंट जैसी अवस्ता बन जाती है तो ये बहुत खुशुरत अवस्ता है
07:58क्या आपने भी स्विक्रिती की अवस्ता तक पहुची हैं अगर हाँ तो आप अपने आपको एपरिशेट कर सकते हैं बहुत खुशुरत होती है स्विक्रिती की अवस्ता एक्सेप्टेंस की अवस्ता अब आपका किसी से कोई जगडा नहीं है आप हमेशा अपने आनन्द म
08:28खुद को परमात्मा के पूरी तरह हवाले कर देते हो
08:31युनिवर्सल एनर्जी और आपकी परसनल एनर्जी बिलकुल बराबर हो जाती है
08:35आप स्वेम को उस सर्वशक्ति मान परमात्मा का आंश समझने लगते हो
08:39जिकिन होता है कि अच्छा है बुरा है जो कुछ भी हो रहा है वे सब युनिवर्स आपके कल्यान के लिए ही कर रहा है
08:45इसलिए आप अच्छी बुरी दोनों ही प्रिस्तितियों को समान भाव से लेते हो
08:49दोनों ही प्रिस्तितियों में संतुलिद बने रहते हो
08:52अच्छा होने पर आप उस युनिवर्सल पावर को धन्यवाद देते हो
08:56और बुरा होने पर आप उसके मिलने वाली सीख के लिए धन्यवाद देते हो
09:00मतलब हर कंडिशन में मन से शुक्राना ही निकलता है
09:03अब गर ये वस्ता आ जाए तो ये है Complete Surrender की वस्ता
09:06बेहद खूब सुरत है फिर आपके मन में कभी कोई शिकायत का भाव नहीं आता
09:10आप सदा आनन्द को ही अनुबो करते हो
09:12ये जानते हो कि आप केवल एक निमित मातर है
09:19करता कोई और है जो कर रहा है वही सही है
09:22और आप उसमें कुछ भी दखल नहीं करते आप परिपुन आनन्द में जीने लगते हैं
09:26दोस्तो अगर आपने समर्पण की वस्ता को पाली है तो आप सचमुच धन्यवाद की योगे हैं
09:34आपने बहुत महान उपलब्दी पाली है
09:37हला कि कभी कभी सादक उस समर्पण की वस्ता से फिर से गिर के पुराने डर्रे पर आ जाता है
09:42लेकिन फिर भी ये एक बहुत खुमसुरत वस्ता है और आपको इसे पाने का जरूर प्रियास करना चाहिए
09:47इसके बाद भी अध्यातम की यातरा खतम नहीं हो जाती ये चलती ही रहती है
09:51सरंडर में भी फिर आपकी परिक्षाएं होती हैं और परिक्षाएं चलती रहती हैं
09:55इसके बाद धीरे धीरे इसको जैसे बुद्ध कहते हैं चरेवेती चरेवेती अर्था चलते चलो चलते चलो
10:01फिर आनंद बढ़ने लगता है फिर ये आनंद बढ़ने लगता है फिर आप सीमित नहीं रह जाते हैं
10:06आपका दिल करता है कि जो मैंने पाया मुझे आनंद मिला अब मैं ये आनंद सब में बाटूं ये दिल अपने आप ही करने लगता है
10:14क्या आपका भी दिल ऐसा करता है अगर हाँ तो नीचे कमेंट करके जुरूर बताएगा आप कौन सीवस्था में है और कितना आनंद आपके भीतर है ये सहजी आपको पता चलेगा
10:23मैं उम्मीद करता हूँ आपको ये मेरी बात जुरूर समझ में आई होगी वीडियो चल लगे तो लाइक कर दें कमेंट करें चैनल को जुरूर सबस्क्राइब कर लें थेंक यू थेंक यू वेरी मच थेंक यू