• 3 months ago

Please explore our channel and share our videos with others. Thank you

Category

😹
Fun
Transcript
00:00एक मार्मिक कहानी, शाधी के करीब दो वर्षों तक सुजाता और संजीप को देखकर सभी ये कहते थे कि वो कितने खुष पती पत्नी थे, सभी दोनों की खुप प्रसंसा करते थे.
00:16अगरे दो वर्षों में दो बच्चे भी हो गए और सुझाता अपने बच्चों में ही व्यस्त रहने लग गई और उसका ध्यान संजीव पर से हटने लगा. संजीव अकसर देरी से घर वापिस आता था पर सुझाता उसको कुछ भी नहीं कहते थी.
00:34एक दिन सुझाता को ये कहीं से मालुम चला कि संजीव ने एक क्वारी लड़की सोनिया के साथ सम्मंद जोड रिया था और वो अकसर ही सोनिया के साथ भूमता फिरता था.
00:49एक दिन खुद सुझाता ने उन दोनों को अपनी आँखों से एक रेस्टोरण में देख लिया था. खाना खाते काते दोनों के हरकतें सुझाता से सहन नहीं हुई तो वो उनको दूर से देख कर ही घर वापिस आ गई और देर रात तक आँशु बहाती रही.
01:13संजीव जब वापिस घर आया तो उसने संजीव से बहुत जगड़ा किया और उस लड़की सोनिया के बारे में कई सवाल किये लेकिन संजीव ने किसी भी सवाल का ठीक-ठीक जवाब नहीं दिया.
01:33फिर सुझाता ने संजीव को प्यार से समझाने की भी कोशिश की पर सब व्यर्थ गया. संजीव पर सुझाता की किसी बात का कोई असान नहीं गया. उनके बीच का जगड़ा बढ़ता ही गया और आखिर एक महिने के अंदरी नौबत तलाक तक आ गया.
01:53तलाक के बाद सुझाता आशु बहाती ही अपने बेटे और बेटी को लेकर अपने माईके चली गयी. उदर पीछे संजीव और सोनिया की नज़्दी की और भी बढ़ गयी. वक्त निकल गया. अब संजीव ने सोनिया से कहा कि वो जल्द से जल्द शादी कर ले. क्योंकि व
02:23फिर एक दिन संजीव को मालुं चला के सोनिया की किसी विदेश में रहने वाले मर्द से शादी हो गयी थी. संजीव तो जैसे सन नहीं रह गया. संजीव कई दिन तक सोनिया को फोन लगाता रहा पर वो फोन ही नहीं उठाती थी. फिर पंधरा दिन के बाद आचाना की उसन
02:53मैंने दो बच्चों के बाब के साथ मेरी शादी करवा दी क्योंकि वो बहुत अमीर था और कैनेडा में रहता था. मैं शादी के लिए बिल्कुल भी चायार नहीं थी पर मेरी किसी ने एक नहीं सुनी. पर सोनिया मैंने तो तुम्हारी खाते अपनी पतनी को देखो संज
03:23आज के बाद मुझे कभी भी फ़ोन मत करना
03:27वैसे भी मैं तुम्हारे नंबर को ब्लॉक कर रहे हूं
03:29कहने के साथ ही सोनिया ने फ़ोन काट दिया
03:33संजीव के तो होशी उडगे
03:36अब संजीव की आखों के सामने उसकी आशु बहरी पतनी
03:41और अपने चोटे चोटे बच्चे आ रहे थे
03:44उसने तुरन्त ही सुझाता का नंबर डायल किया
03:49ताकि वो उससे माफ़ी माँग रहे
03:51और फिर से उसके साथ अपना घर बसा रहे
03:55अगर कुछ दिन वो बाद-बाद
03:57अपनी भूट-पुर्व पतनी सुझाता का नंबर मिलाता रहा
04:02लेकिन वो सफल नहीं हुआ
04:04आखिर हार कर
04:06उसने सुझाता के पिता यानि
04:08अपने भूट-पुर्व ससुर का नंबर मिला दिया
04:15संजीव की आवाज और उसकी बात सुनकर
04:19उसके ससुर का तो पाराई चड़ गया
04:22तुने आज फ़ोन क्यों किया है यहाँ
04:26मैंने अपनी बेटी की शादी एक जरूरत मन के साथ कर दिया
04:31अब मेरी बेटी और उसके दोनों बच्चे
04:33उस सज्जन पुरुष के साथ बहुत ही खुश है
04:37खवरजाग
04:39जो तुमने फिर कभी मेरी बेटी से मिलने की कोशिश भी दिया
04:43कहने के साथ ही ससुर ने गुस्से से फ़ोन कर दिया
04:48संजीव को लगने लगा जैसे उसके पास इस पूरी धर्ती में कहीं सर छुपाने की जगा नहीं थी
04:55वो जमीन पर बैटकर दहारे मारने लगा
04:58पर प्रभु ने उसका हिसाब बराबर कर दिया था
05:02वो अब ना इधर का रहा था ना उधर का
05:05बहुत-बहुत चुक्वें
05:08जब पापा नाना बने
05:12मैं मौनू की डिलिवरी के दो महिने के बाद अपने माईटे गई थी
05:19मैं बिस्तर पर कभी उधर तो कभी उधर करवटे बदल रही थी
05:25कभी अचानक मैंने हाथ फैला कर बिस्तर पर किसी को तोहना चाहा
05:31पर मेरे साथ तो बिस्तर पर कोई था ही नहीं
05:34मैं आखे मलती हुए जल्दी से उठी और घड़ी की तरह देखा
05:37राब के बारा बजे थे
05:40सामने ड्राइंग रूम में से एक जानी पैचानी सी बच्चा के चीखने की आवाज आ रही थी
05:46बाहर मेरे पापा थे
05:51उन्होंने मुझे देख कर कहा सोनी बेटा आराम कर ले
05:55मोनु सो रहा है शायद इसके पेट में गैस बन गई थी
05:59मैंने और तेरी माने मिलकर इसको चुप करवाया है बड़ी मुश्किल से
06:03अभी तेरे बिस्तर पर लाकर सुला देंगे
06:07उस दिन तो मेरे पापा जी ने मेरा दिल ही जीत लिया था
06:11मैं मझे से सोई हुई थी और उन्होंने मेरे नन्ने से बेटे को चुप करवाकर अपने कमरे में सुला दिया था
06:19मैं सोचने लगी क्या कोई नाना अपने नाती के लिए इतना भी कर सकता था
06:26मेरे पापा ने तो कभी इतने चोटे बच्चे को हाँ तक नहीं लगाया था उस रात से पहले
06:34पर उस रात को वो मेरे कमरे में आये थे और मेरे रो रहे बच्चे को गोदी में उठाकर बाहर ले जाकर उसको चुप करवा दिया था
06:44उन्होंने मेरे बेटे को सुला भी जिया था उसके बाद कई बार और भी ऐसा हुआ क्योंकि मैं दिन भर की ठकान के बाद रात को गहरी नीन सो जाती थी
06:55उन सर्दियों में मैं जब माईके गई तो मेरे पापा बार बार मेरे कमरे में आते थे और मेरे बेटे मोनु को बार बार रजाई से ढख कर बाहर चले जाते थे. मेरा बेटा अपने चोटी चोटी तांगों से रजाई को उतार देता था और फिर अपनी तांगे रजाई के
07:25मैं और मोनु माईके आने वाले थे तो पापा जी पहले से ही फल, बिस्केट, चोकलेट, मैगी और आईस क्रीम इत्यादी से घर भर देते थे. मम्मी मेरे पापा से अच्छर यही कहती थी यह सब चीजे खाने का मन तो शायद आपका ही करता है पर आप मोनु का भाणा करके
07:55मेरा मतलब हम दोनों खा लेंगे हमारा कौण सा किसी ने मू सिल दिया है और फिर मम्मी और पापा जोर जोर से असने लग जाते थे.
08:06मेरे पापा जब भी गाओं के मेले में जाते थे, ये कभी पास के शहर में जाते थे, हर बार कुछ खिलोनें लाकर उनके गाओं वाले घर में रख लेते थे.
08:16जब मैं और मोनु पापा के घर जाते थे, तो मोनु के तो वारे ही नियारे हो जाते थे, वो तो खिलोनों में ही डूप जाते थे, पर कुछ ही देर में उन खिलोनों के टुकड़े टुकड़े कर देते थे.
08:30पापा मोनु को उठा कर चूम लेते थे, और कहते थे, सब खिलोनों का अपरेशन कर दिया है इसने, जरूर डॉक्टर या इंजिनिरी वनेगा ये, पापा मेरे बेटे मोनु से तोतली जुबान में न जाने क्या बाते करते थे, और जब मोनु कुछ बोलता था, तो वो ख�
09:00मैंने अपने रिष्टेदारों और दोस्तों के घरों में बहुत से नाना नानी और दादा दादी देखे थे, लेकिन बेटी को बच्चे से इतना प्यार करने वाला मेरे पापा जैसे कोई नाना नहीं देखा था, फिर जिस दिन मेरे बेटा मोनु शादी के लिए तयार हो �
09:30तो मैं दुनिया का सबसे सुखी नाना बनके इस दुनिया से गाऊँगा, पापा एक सुन्दर और लंबा जीवन देकर 90 वर्ष की उम्र में इस दुनिया से गए, लेकिन उनके अंतिम दिनों में मेरे बेटे मुनु का बेटा मानव मेरे पापा के पास बैठा, उनसे प्या

Recommended