भीलवाड़ा। नन्ही सी जान और बड़े अरमान, हौंसला इतना बुलंद की पापा के साथ कंधे से कंधा मिला कर काम करने का जुनून । इसी जोश को अंजाम देने के लिए वह अल सुबह पापा के साथ निकल पड़ती है। कड़ाके की सर्दी हो या बरसता मौसम, कोई परवाह नहीं। अखबार के ढेर के बीच अखबार के पन्नों को पलटने के लिए हाथ ऐसे चलता है, जैसे बैंक में कोई कैशियर नोट की गिड्डी गिन रहा हो। यह कहानी है समाचार पत्र वितरक शारदा चौराहा के समीप मातेश्वरी कॉलोनी निवासी प्रहलाद कुमावत की नौ वर्षीय पुत्री साक्षी की, वह अभी कक्षा तीन की छात्रा है।
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00:00What's your name, son?
00:17Shaakshi.
00:18Hmm?
00:19Shaakshi.
00:20Shaakshi.
00:21Do you study?
00:22Yes.
00:23Which class are you studying in?
00:24Third.
00:25Third?
00:26Are you coming here with your father?
00:28On the weekends.
00:29On the weekends?
00:30Yes.
00:31On the weekends?
00:32Yes.
00:33Do you come here everyday?
00:34Yes.
00:35Sometimes?
00:36Sometimes.
00:37Sometimes.
00:38Did you learn your father's work?
00:39Hmm?
00:40Yes.
00:41How does it feel?
00:42Good.
00:43It feels good?
00:44Yes.